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पति-पत्नी में होना चाहिए उम्र का इतना अंतर, नहीं तो फिर....
शादी करना हमारी जिंदगी का खूबसूरत पल है पर क्या आप जानते हैं कि शादी करने वाले कपल्स की उम्र के बीच कितना फासला होना चाहिए? क्योंकि कई दफे हम देखते हैं कि लड़का 35 साल का है, तो लड़की 18 साल की होती है जो मिस मैच की श्रेणी में आता है। शादी करने वाले जोड़े की उम्र में कितना अंतर होने चाहिए।
जयपुर : शादी जीवन का सबसे खूबसूरत पहलू और अहम फैसला है जो आमतौर पर सभी को करना पड़ता है। हमारे देश में पति का पत्नी से बड़ा होना जरूरी होता है और जब बात होती है अरेंज मैरिज की तो घर वाले इस बात का खास ख्याल रखते हैं कि बहू हमारे बेटे से छोटी हो। हम बचपन से देखते आ रहे हैं कि हमारे दादा-दादी, मम्मी-पापा, चाचा-चाची, मामा-मामी और अब तो हमारे भाई-भाभी के बीच भी ऐज का गैप जरूर है। बड़े-बुर्जुग हमेशा इस बात पर जोर देते थे कि शादी करते समय वर वधू की उम्र में अच्छा खासा फर्क होना चाहिए। वैसे शादी को लेकर हर कोई असमंजस में होता है कि हमारा होने वाला जीवनसाथी कैसा होगा? शादी का बाद लाइफ कैसी और फ्यूचर कैसा होगा।
जैसे कई सारे सवाल मन में उठते है। कभी-कभी दोस्त या रिश्तेदार इन सवालों के जवाब दे देते है, तो कभी बिना जवाब के ही काम चलाना पड़ता है। शादी और शादी में उम्र का कितना महत्व होता है रिश्ता ढूंढते वक्त आज भी इन बातों का खास ध्यान दिया जाता है। अक्सर लड़के से 5-6 साल उम्र में छोटी उम्र की लड़की देखी जाती है। वैसे तो लोगों को ये बात समझ नहीं आती लेकिन इसके पीछे कुछ खास कारण हैं। जानते हैं इन वजहों के बारे में।
शादी करना हमारी जिंदगी का खूबसूरत पल है पर क्या आप जानते हैं कि शादी करने वाले कपल्स की उम्र के बीच कितना फासला होना चाहिए? क्योंकि कई दफे हम देखते हैं कि लड़का 35 साल का है, तो लड़की 18 साल की होती है जो मिस मैच की श्रेणी में आता है। शादी करने वाले जोड़े की उम्र में कितना अंतर होने चाहिए।
जानिए क्या है उम्र का अंतर
एक रिसर्च के अनुसार,कपल्स के बीच उम्र का जितना अधिक फासला होगा, शादी के टूटने के चांसेस उतने ही अधिक होते हैं। इस रिसर्च के अनुसार कपल्स के बीच उम्र का फासला 5 साल तक है, तो ऐसी शादियों के टूटने के चांसेज 18 फीसदी बढ़ जाते हैं।
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कपल्स के बीच कितना अंतर होना चाहिए
अगर कपल्स के बीच उम्र का फासला 10 साल का है, तो शादी टूटने का चांस 39 फीसदी बढ़ जाती है। वहीं, अगर ये फासला 20 साल या अधिक का है, तो 95 फीसदी शादियां टूट जाती हैं। रिसर्च के अनुसार शादी के दौरान कपल्स के उम्र के बीच फासला अगर एक साल या कम का है, तो शादी टूटने के चांसेज सिर्फ 3 फीसदी तक ही रहते हैं।
ऐसी शादियां ज्यादा टूटती हैं
चाहे अरेंज मैरिज हो या लव मैरिज। कपल्स पर उनकी उम्र का असर पड़ता है भले इसके पीछे वैज्ञानिक कारण है। साथ में सामाजिक कारण भी है हमारे समाज में लड़की की उम्र लड़के की उम्र से कम होती है।
ऐसा कहा जाता है कि लड़कियां अपनी उम्र और लड़कों से जल्दी परिपक्व हो जाती हैं। जिससे उनमें सोचने-विचारने की क्षमता और समझदारी जल्दी आ जाती हैं। इसके विपरीत लड़कों में उनकी उम्र के बाद परिपक्वता आती हैं। जिससे यदि एक ऐसे जोड़े का विवाह हो जाए, जिसमें लड़की उम्र में ज्यादा बड़ी हो और लड़के की उम्र कम हो, तो उनके विचारों में तो अंतर आता हैं। इसके साथ उनके दाम्पत्य जीवन पर भी आयु का प्रभाव पड़ता हैं।
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उम्र का ये फैसला सही
ऐसा कहा जाता है कि सही उम्र में शादी होने से आपस में प्रेम बना रहता है और शादी सफल होती है। इसके अलावा लड़का और लड़की के बीच कम उम्र का गैप भी मायने रखता है, क्योंकि एक सही गैप होने से दोनों को एक-दूसरे को सोचने और समझने में आसानी रहती है। उनके बीच आयु का सही अंतर हैं तो वो दोनों लोग अपनी समझदारी से एक-दूसरे के साथ अपना जीवन सुखपूर्वक व्यतीत करने में सक्षम होते हैं और ऐसे लोगों के संबंधों में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आती। इसके विपरीत वैज्ञानिकों का मानना हैं कि यदि मेल पर्सन की उम्र फीमेल पर्सन की उम्र से ज्यादा अधिक हैं तो वह कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं।
हार्मोन चेंज की वजह
अब आप समझ ही गये होंगे की एक शादी को सफल बनाने में उम्र का फासला कितना महत्वपूर्ण है। और जब भी आप शादी करें तो इस बात का बिल्कुल ध्यान रखे। क्योंकि हमारे यहां शादी सिर्फ एक शादी नहीं बल्कि सात जन्मों का साथ माना जाता है।वक्त के साथ-साथ महिलाओं में होने वाले हार्मोन चेंज की वजह से वो पुरुषों के मुकाबले जल्द ही उम्रदराज दिखना शुरू हो जाती हैं। अपने पति से उम्र में ज्यादा न लगे इसलिए परिवार वाले पहले से ही लड़की से 5-6 साल बड़े लड़के से उसकी शादी करते हैं।
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मैच्योरिटी लेबल
-एक्सपर्ट्स का मानना है कि एक लड़के और लड़की में परिपक्वता यानी कि मैच्योरिटी के स्तर में फर्क होता है। लड़कियां, लड़कों से जल्दी मैच्योर हो जाती हैं, जबकि लड़कों को भावनात्मक रूप से मैच्योर होने में अधिक समय लगता है। यह अंतर 3 से 4 साल का हो सकता है। यह बात तो आम लोगों ने भी आजमा कर देखी है कि पत्नी की उम्र बड़ी होने से इसका शादी पर कोई असर नहीं होता। लेकिन लोगों की सोच यह मानती है कि पत्नी यदि उम्र में बड़ी हुई तो अपना अधिकार ज्यादा दिखाएगी।