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Valentine’s Special: नाक पोछने से आंसू पोछने तक दिया साथ, ऐसा है हमसफर मेरा

माघ में बसंत ऋतु के आते ही हर जवां दिल को आस बंध जाती है कि वैलेंटाइन वीक और डे आर रहा है। इस दौरान उन्हें उनका मनचाहा वैलेंटाइन मिल ही जाएगा। ग्लोबलाइजेशन के समय में प्यार की डोर से बंधे सभी पास खींचे चले आते हैं।

suman
Published on: 13 Feb 2021 6:59 PM IST
Valentine’s Special: नाक पोछने से आंसू पोछने तक दिया साथ, ऐसा है हमसफर मेरा
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परिवार, दोस्तों और सगे संबंधियों के साथ प्रेम की अभिव्यक्ति के लिए भी लोग इसे मनाने लगे हैं।  कुछ ऐसे ही दिलों के अहसासों को न्यूजट्रैक के माध्यम से आप तक पहुंचा रहे है।

सुमन मिश्रा

लखनऊ: प्यार’ एक ऐसा शब्द है जो हर किसी को अपनी ओर खींचता है। प्यार के परींदों के लिए हर दिन वैलेंटाइन होता है। लेकिन फिर भी इसकी अभिव्यक्ति के लिए एक खास दिन होता है जो वैलेंटाइन डे होता है। ऐसा मानते है कि संत वैलेंटाइन के नाम पर ही इस दिन का नाम रखा है।

संत वैलेंटाइन ने अपनी मृत्यु के समय जेलर की नेत्रहीन बेटी जैकोबस को नेत्रदान किया व जैकोबस को एक पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने ‘तुम्हारा वैलेंटाइन’ लिखा जो उनका नाम था। उस दिन 14 फरवरी ही था उनके प्रेम स्वरूप दिए गए इस उपहार के लिए इस दिन को प्रेम के इजहार के रूप में मनाया जाने लगा।

दिलों के अहसासों को आसानी से बयां

पहला नशा, पहला खुमार नया प्यार है, नया इंतजार कर लूं मैं अपना क्या हाल, ऐ दिल ऐ बेकरार मेरे दिल ए बेकरार, तू ही बता, फिल्मों के गाने दिलों के अहसासों को आसानी से बयां कर देते हैं। पहले इस दिन को लोग कम जानते थे लेकिन इसका मतलब ये नहीं था कि उस वक्त प्यार नहीं प्यार था लेकिन आज की तरह खुलकर अभिव्यक्ति नहीं थी। लेकिन आज हम हर रिश्ते के प्यार को एक मान्यता देते हुए परिवार के साथ सहज होकर सेलिब्रेट करते है।

हर जवां दिल को आस

माघ में बसंत ऋतु के आते ही हर जवां दिल को आस बंध जाती है कि वैलेंटाइन वीक और डे आर रहा है। इस दौरान उन्हें उनका मनचाहा वैलेंटाइन मिल ही जाएगा। ग्लोबलाइजेशन के समय में प्यार की डोर से बंधे सभी पास खींचे चले आते हैं। पश्चिमी सभ्यता में जोर-शोर से मनाया जाने वाला यह खास दिन आज भारत में सिर्फ प्रेमी-प्रेमिका के प्यार का इजहार करने तक ही सीमित नहीं रहा। परिवार, दोस्तों और सगे संबंधियों के साथ प्रेम की अभिव्यक्ति के लिए भी लोग इसे मनाने लगे हैं। कुछ ऐसे ही दिलों के अहसासों को न्यूजट्रैक के माध्यम से आप तक पहुंचा रहे है।

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नाक पोछने से लेकर आंसू पोछने तक में साथ दिया

जयपुर की आस्था जयसवाल जिसके लिए प्यार जिंदगी है। आस्था के दो बार प्यार हुआ एक बार अपने परिवार से दूसरी बार अपने हमसफर से जिसके साथ आस्था आगे जिंदगी गुजारने की तमन्ना रखती है। आस्था कहती है बस बचपन की मोहब्बत है उसे दिल में जिंदा रखा है और जुदा नही होना है। उसका प्यार तो उस वक्त से जब दोनों ठीक से चलना भी नहीं आता था। मतलब जब आस्था 6 साल की थी तब उसे संजीव मिला जो उस वक्त 10 साथ का था आज दोनों बड़े हो गए हैऔर एक-दूसरे के साथ है।आस्था कहती नाक पोछने से लेकर आंसू पोछने तक में साथ दिया है उसका हमसफर। तो वहीं उसका वैलेंटाइन है। हर दिन उसके साथ वैलेंटाइन वाली फीलिंग आती है।

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यही हमारा वैलेंटाइन डे

पटना की रहने वाली भावना कहती है कि प्यार अहसास है बस दिल में रहता है। उनके वैलेंटाइन उनके पति को इस दिन का पता है,लेकिन जहां तक सेलिब्रेट और गिफ्ट की बात है तो वैसा कुछ नहीं है। बस एक रेड गुलाब हर बार जरूर मिलता है उसी से दिल खुश हो जाता है। रेड गुलाब मुझे बेहद पसंद है। हर दिन की जिम्मेदारियों को निभाना, एक-दूसरे का ख्याल रखना बस यही हमारा वैलेंटाइन डे है।

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चॉकलेट से भी मीठा जिसका स्वभाव

धनबाद की अनु अग्रवाल का कहना है कि वैलेंटाइन डे उन्हें अच्छा लगता है। वैसे तो प्यार को व्यक्त करने के लिए हर दिन होता है, लेकिन वैलेंटाइन डे के रुप में अभिव्यक्ति भी होनी चाहिए। वैसे जहा तक खुद मनाने की बात है तो अनु का कहना है कि वो कभी इस दिन को नही मनाती क्योंकिन उनके पति को ये सब पसंद नहीं । शादी की शुरुआत में थोड़ा बुरा लगता था बाद में धीरे-धीरे शादी के कुछ सालों में समझ आ गया कि सुख-दुख में पति का हमेशा साथ देना , गुस्से में भी हंसा देना चॉकलेट से भी मीठा जिसका स्वभाव है उसके लिए तो हर दिन च़ॉकलेट और वैलेंटाइन है।

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अब नहीं मिला वैलेंटाइन वाला हीरा

रांची की बलजीत कौर कहती है कि वैलेंटाइन डे उसे बहुत पसंद है। ये प्यार भरे रिश्ते को रिफ्रेश करता है। उसके पति ही सच्चे वैलेंटाइन है, वैसे दोनों सेलिब्रेट तो करते हैं,लेकिन हर साल पतिदेव एक ही वादा करते है जो अब तक नहीं निभा पाएं। शादी के बाद पहले वैलेंटाइन पर पति ने कहा था हीरे का सेट देंगे, लेकिन शाम को गिफ्ट व बुके के अलावा कुछ नहीं मिलता ये सिलसिला 8 सालों से चल रहा हैं कि तुझें इस वैलेंटाइन हीरे का सेट दुंगा, लेकिन वो भूल जाते हैं। बलजीत कहती है कि अब तो हीरे का सेट मेरे लिए जोक्स बन गया है। खैर इसके बावजूद दोनों में प्यार है जो दोनों के रिश्ते की नींव और मजबूती है।

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वैलेंटाइन पर पति से बुके मिले वो भी गलती से

श्वेता हजारीबाग से कहती है कि वैलेंटाइन डे मनाने जैसा कुछ खास तो नहीं रहा है, लेकिन एक बार 14 फरवरी को गलती से उन्हें बुके मिला था। उनके पति को इस दिन को ज्यादा सिरियसली नहीं लेते है। बस प्यार का अहसास और साथ हमारे रिश्ते को मजबूत बना रहा है और उसे जिंदा रखना जरूरी है। बाकी तो हर दिन ही प्यार का है। शादी के इतने साल बाद भी हम खुश है और एक-दूसरे का ख्याल रखते हैं सुख दुख में साथ है बस बिना कहें हर बात समझ जाते हैं। तो और क्या चाहिए प्यार के लिए। चाहें वो हर दिन हो या किसी खास दिन। बस प्यार रिश्तों के लिए जरूरी है जो हमारे बीच है।

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प्यार मिला, फिर सहेली का हो गया

इंजीनियरिंग कर रही नीरजा गिरधारी रुड़की की रहने वाली है। इनका कहना है कि फिलहाल तो इनके जीवन मे कोई वैलेंटाइन नहीं है उसकी तलाश है। लेकिन एक यादें हैं क्लास 11 की । क्लास के एक लड़के ने उसे रेड रोज और टेडी दिया था और प्यार का वादा किया था। लेकिन एक साल बाद उसने वहीं रेड और टेडी उसकी दूसरी फ्रेंड को दिया तो उसके बाद दोनों अलग हो गए। लेकिन पहले प्यार फर्स्ट वैलेंटाइन का अहसास जो कराया था वो बहुत खूबसूरत था जो हमेशा दिल में जिंदा रहेगा।

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