×

‘न्यूज़ट्रैक.कॉम’ की खबर का बड़ा असर, बच्चों से शराब बिकवाने के मामले में कार्रवाई के आदेश जारी

Charu Khare
Published on: 10 March 2018 4:53 PM IST
‘न्यूज़ट्रैक.कॉम’ की खबर का बड़ा असर, बच्चों से शराब बिकवाने के मामले में कार्रवाई के आदेश जारी
X

"जवाहर लाल नेहरू हम शर्मिंदा हैं, बाल मजदूरी अभी जिंदा है"

शनिवार की सुबह ‘न्यूज़ट्रैक.कॉम’ की तरफ से बच्चों से शराब बिकवाने वाली खबर का जबरदस्त असर हुआ है। दरअसल, न्यूज़ट्रैक.कॉम ने इस खबर को सोशल मीडिया पर खूब वायरल किया। जिसके बाद खुद शाहजहांपुर पुलिस ने न्यूज़ट्रैक.कॉम को ट्विटर पर रिट्विट कर थाना प्रभारी निरीक्षक सदर बाजार को तत्काल कार्यवाही के आदेश दिए हैं।



ये थी खबर-



शाहजहांपुर: सरकार 'सर्व शिक्षा सर्व अभियान' व 'बचपन बचाओ' जैसे अभियानों का चाहे जितना ही प्रचार-प्रसार क्यों न कर ले, लेकिन कुछ लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आने वाले। जी हां। दरअसल, उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक देशी शराब के ठेके पर एक ऐसा नजारा देखने को मिला, जिसे देखकर आज की स्थिति का बेहतर आंकलन किया जा सकता है। दरअसल, यहां शराब की दुकान पर लोग छोटे बच्चों से भी शराब बिकवाने से बाज नहीं आ रहे हैं।

सही सुना आपने! जिस उम्र में बच्चों के हाथ में किताबें और कांधे पर बस्ता होना चाहिए, उस उम्र में बच्चों से शराब की बोतलें बिकवाई जा रहीं हैं।

शर्म की बात तो ये है कि ये सब कारनामा आबकारी विभाग की देखरेख में हो रहा है। फ़िलहाल इस मामले की तस्वीरें आग की तरह फैलने के बाद अब अधिकारियों को भी जागना पड़ा है और उन्होनें मामले की जांच के आदेश जारी कर दिए है।

10 साल के बच्चे भी बेच रहे शराब-

शराब के ठेके के अन्दर की ये वो तस्वीर है जिसके साथ इस मासूम के बचपन को खत्म किया जा रहा है। यहां ठेके के अन्दर एक दस साल का बच्चा मौजूद है जो लोगों को शराब बेंच रहा है। ये बच्चा इस ठेके पर दिन में शराब बेंचता है जिसके एवज में उसे सौ रूप्ये दिये जाते है। यहां ऐसे कोई एक नजारा नही है बल्कि देहात क्षेत्रों में ज्यादातर शराब के ठेकों पर बच्चों को शराब बेंचने में लगाया जाता है ताकि उन्हे कम पैसे देकर शराब ठेकेदार ज्यादा कमा सकें।

आबकारी विभाग को भी है जानकारी-

ऐसा नही है कि आबकारी विभाग को इसकी जानकारी नही है बल्कि शराब मैनेजर और आबकारी अधिकारी सब जानते है कि कहां कहा बच्चे शराब बेंचने का काम कर रहे है। लेकिन अब आबकारी अधिकारी जितेंद्र कुमार सिंह इस सवाल पर जांच कराने की बात कर रहे हैं।

'मजबूरी' ने बनाए ऐसे दयनीय हालात-

महज सौ रूप्यों की लालच में ये मासूब बच्चे शराब बेंचने को मजबूर है क्योंकि उन्हे रोकने और टोकने वाला कोई नही है। शराब बेंचने इन बच्चों पर नजर तो सभी की पड़ती है लेकिन शराब मैनेजर के डर कोई बोलने से भी खौफ खाता है। यही बजह है कि कई मासूमों का बचपन शराब की बोतलों के बीच में गुजर रहा है।



Charu Khare

Charu Khare

Next Story