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Twitter का अड़ियल रवैया, 7 अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने नया IT कानून माना
Twitter: टि्वटर अपने अड़ियल रवैया पर टिका हुआ है। उसने अब तक नए नियमों को मानने के संबंध में कोई भी कदम नहीं उठाया है।
New IT Rules: केंद्र सरकार (Government of India) की ओर से बनाए गए नए आईटी नियमों को लेकर सरकार और माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट टि्वटर (Twitter) के बीच शुरू हुआ टकराव खत्म होता नहीं दिख रहा है। सरकार के रवैये पर चिंता जताने वाले टि्वटर ने अभी तक नए नियमों को मानने के संबंध में कोई भी कदम नहीं उठाया है।
टि्वटर को छोड़कर सात अन्य प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियों (Social Media Companies) ने सरकार की गाइडलाइंस मान ली हैं। इन सभी कंपनियों ने सरकार की ओर से मांगी गई जानकारियां भी मुहैया करा दी हैं जबकि टि्वटर अभी भी अड़ियल रवैया दिखा रहा है।
अभिव्यक्ति की आजादी पर बताया खतरा
टि्वटर ने एक दिन पहले टूलकिट (Toolkit Case) और नए आईटी नियमों (New IT Rules) पर खुलकर अपना पक्ष रखा था और पुलिस के जरिए डराने-धमकाने की रणनीति पर चिंता जताई थी। टि्वटर का यह भी कहना है कि उसे भारत में काम करने वाले अपने कर्मचारियों की सुरक्षा और अभिव्यक्ति की आजादी पर पैदा होने वाले खतरों को लेकर चिंता है। हालांकि टि्वटर ने सरकार की नई गाइडलाइंस का पालन करने के लिए 3 महीने की मोहलत भी मांगी है।
हाल में टूलकिट के मामले की जांच के लिए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल (Delhi Police Special Cell) ने टि्वटर के दिल्ली और गुरुग्राम स्थित दफ्तरों पर छापे मारे थे। इन छापों पर ट्विटर ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। सरकार की ओर से बनाए गए नए आईटी नियमों को लेकर ट्विटर ने दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) का भी रुख किया है।
सात कंपनियों ने दी मंत्रालय को जानकारी
जानकार सूत्रों का कहना है कि ट्विटर को छोड़कर अधिकांश प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियों ने आईटी मंत्रालय को अपने मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल संपर्क व्यक्ति और शिकायत अधिकारी के बारे में जानकारी मुहैया करा दी है।
जिन सात प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियों ने आईटी मंत्रालय को पूरी जानकारी मुहैया कराई है उनमें शेयरचैट, गूगल, फेसबुक, व्हाट्सएप, कू, टेलीग्राम और लिंक्डइन शामिल है। इन सभी कंपनियों ने सरकार को वे सभी सूचनाएं दे दी हैं जो नए नियमों के तहत इन कंपनियों से मांगी गई थीं। टि्वटर की ओर से अभी तक मांगी गई जानकारी सरकार को नहीं दी गई है।
ट्विटर की जानकारी नियमों के अनुरूप नहीं
जानकार सूत्रों का कहना है कि टि्वटर के रवैये पर केंद्र सरकार की ओर से गुरुवार को तीखी प्रतिक्रिया जताई गई थी। सरकार ने टि्वटर को नसीहत दी थी कि वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को यह सिखाने की कोशिश न करे कि हमें क्या करना है। सरकार ने टि्वटर को देश की नीतियां तय करने में दखल न देने की नसीहत भी दी थी।
इसके बाद देर रात ट्विटर की ओर से सरकार के पास एक मैसेज भेजा गया था। इस मैसेज में भारत में कानूनी फर्म में काम करने वाले एक वकील को नोडल संपर्क व्यक्ति और शिकायत अधिकारी बताया गया था।
सूत्रों का कहना है कि टि्वटर की ओर से दी गई जानकारी नियमों के अनुरूप नहीं है क्योंकि नियमानुसार नोडल संपर्क व्यक्ति और शिकायत अधिकारी वही हो सकता है जो सोशल मीडिया कंपनी का कर्मचारी होने के साथ ही भारत का नागरिक भी हो। सूत्रों का कहना है कि यही कारण है कि सरकार ट्विटर की ओर से दी गई जानकारी को मुकम्मल नहीं मान रही है। टि्वटर की ओर से अभी तक आईटी मंत्रालय के पास मुख्य अनुपालन अधिकारी की जानकारी नहीं भेजी गई है।
नए आईटी नियमों पर जारी रहेगी बातचीत
सरकार के नए आईटी नियमों के खिलाफ टि्वटर अपनी बात खुलकर रख चुका है। ट्विटर की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि नए आईटी नियमों से हमें मुक्त संवाद में बाधा का डर सता रहा है। कंपनी का यह भी कहना कि है कि हम भारत में पुलिस द्वारा धमकाने और नए आईटी नियमों के कुछ मूल तत्वों को लेकर चिंतित और परेशान हैं। इससे लोग खुलकर अपनी बात नहीं रख सकेंगे।
टि्वटर का कहना है कि वह नई गाइडलाइंस के संबंध में सरकार के साथ बातचीत जारी रखेगा और प्लेटफार्म पर अभिव्यक्ति की आजादी और हर व्यक्ति को अपनी बात रखने का अवसर मुहैया कराने के लिए प्रयासरत रहेगा। टि्वटर ने अपने बयान में यह भी कहा है कि नए कानूनों का पालन करने की पूरी कोशिश की जा रही है और इस बाबत सरकार से तीन महीने की मोहलत मांगी गई है।
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