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Lucknow Book Fair 2024: पुस्तक प्रेमियों के लिए सजा "बुक फेयर" 9 दिन की धूम में कुछ दिन ही बाकी
Lucknow Book Fair 2024: लखनऊ में पुस्तक मेला का आगाज हो चुका है। पिछले दो साल से लगने वाला पुस्तक मेला इस साल भी सजकर तैयार है।
Lucknow Book Fair 2024(Pic Credit - Social Media)
Lucknow Book Fair 2024: नवाबों के शहर लखनऊ में किताबों के प्रेमी और अलग - अलग विधाओं के शौकीन लोग बहुत है। अगर आप भी उनमें एक है तो आपके लिए बड़ी खुश खबरी है। लखनऊ में पुस्तक मेला का आगाज हो चुका है। पिछले दो साल से लगने वाला पुस्तक मेला इस साल भी सजकर तैयार है। आप अपने दोस्तों के साथ इस मेले में कई प्रकार के बुक देख सकते है। बहुप्रतीक्षित लखनऊ पुस्तक मेला 2 मार्च से चारबाग के रवींद्रालय में शुरू हो चुका है। इस बार बुक फेयर की थीम में भारतीय संस्कृति का प्रतिबिंब साफ तौर पर उजागर हो रहा है।
क्या है इस बार बुक फेयर की थीम
लखनऊ में आयोजित बुक फेयर की थीम बहुत ही खास है। इस द्विवार्षिक साहित्यिक समारोह में 'साहित्य-कला-संस्कृति उत्सव' की थीम में खुद को डुबो कर बहुत ही उन्मत परिणाम लेकर आया है। जिसमें हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में दुर्लभ और प्रसिद्ध पुस्तकों की बहुतायत से उपलब्धता देखी जा रही है। विभिन्न स्टालों पर आकर्षक ऑफर और बिक्री के साथ पुस्तकों पर न्यूनतम 10% छूट के साथ अवसर का लाभ उठाया जा सकता है। यह साहित्यिक उत्सव एक सामान्य पुस्तक मेले से भी आगे जाता है। यदि आप पुस्तकप्रेमी हैं, तो आप इस गहन अनुभव को भूल नहीं सकते। इसलिए यहां जरूर जाए।
कब से कब तक: 2 मार्च - 10 मार्च
समय - सुबह 11 बजे - रात 9 बजे
30 से ज्यादा पब्लिशर्स लगाएंगे स्टॉल
इस पुस्तक मेले में कुल 33 पब्लिशर्स अपना स्टॉल लगाएंगे। इन 33 पब्लिशर्स में कई बड़े पब्लिशर्स भी शामिल है। जिनमें उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, नेशनल काउंसिल फॉर प्रमोशन ऑफ उर्दू लैंग्वेज, यूनिवर्सल बुक स्टोर, दिल्ली का भारतीय कला प्रकाशन और मुंबई का जय बुक हाउस समेत कई अन्य प्रकाशक शामिल हैं।
एक सप्ताह से ज्यादा दिन लगेगा मेला
पुस्तक मेला का आयोजन एक दो दिन नही बल्कि एक सप्ताह से ज्यादा दिन लगने वाला है। यह पूरा 9-दिवसीय आयोजन के दौरान साहित्य और संस्कृति की समृद्ध टेपेस्ट्री का पता लगाने के लिए तैयार रहें। पुस्तकों के विशाल संग्रह के अलावा, मेला आगंतुकों को लुभाने के लिए मनोरम सांस्कृतिक प्रदर्शन, पुस्तक लॉन्च, गायन, नृत्य और नाटक की मेजबानी करेगा।
इस बार है ये खास सुविधा
2 मार्च से शुरू होने वाले नौ दिवसीय लखनऊ पुस्तक मेले में इस वर्ष एक नई सुविधा मिल रही है। जिससे आगंतुकों को अपनी पुरानी किताबें बेचने/विनिमय करने का अवसर भी मिल रहा है। पुस्तक मेले में विदेशी और क्षेत्रीय दोनों भाषाओं की पुस्तकों के साथ-साथ काल्पनिक और गैर-काल्पनिक पुस्तकों का भी बड़ा हिस्सा शामिल है। इस मेले में पुस्तक प्रेमियों की उत्साही भीड़ प्रदर्शनों को देखने के लिए हर सुबह से ही पहुंच जा रही है।
पुस्तक मेले में, पिछले वर्षों की तरह, विदेशी और क्षेत्रीय दोनों भाषाओं की पुस्तकों के साथ-साथ काल्पनिक और गैर-काल्पनिक पुस्तकों का एक बड़ा हिस्सा शामिल है। इस पुस्तक मेले से छात्रों को विशेष रूप से लाभ होता है क्योंकि वे न केवल कठिन परीक्षाओं के लिए किताबें खरीदते हैं, बल्कि वे पुरानी किताबें भी छूट पर खरीद सकते हैं।