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सोशल मीडिया पर अब SDM का दर्द- 'अधिकारी बीमार होते जा रहे हैं योगी जी'

aman
By aman
Published on: 5 Feb 2018 11:23 AM IST
सोशल मीडिया पर अब SDM का दर्द- अधिकारी बीमार होते जा रहे हैं योगी जी
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सोशल मीडिया पर अब SDM का दर्द- अधिकारी बीमार होते जा रहे हैं योगी जी

असगर नकी

अमेठी: हाल के दिनों में प्रदेश के सरकारी अफसरों ने सोशल मीडिया को अपने दर्द बयां करने का आसान रास्ता बनाया है। हालिया मामला एसडीएम तिलोई अशोक कुमार शुक्ला का है जिन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए अपनी बात रखी है।

सोमवार (05 फरवरी) को अपने फेसबुक वाल पर एसडीएम तिलोई ने एक पोस्ट शेयर किया। यह अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। अपनी पोस्ट के जरिए उन्होंंने सरकार के सिस्टम पर तंज़ कसते हुए लिखा, कि 'कल मीटिंग के नाम पर 2 बजे से प्रातः 12:40 तक बैठा रहा। आपके अधिकतर अधिकारी बीमार होते जा रहे हैं योगी जी.!' एसडीएम तिलोई अशोक कुमार शुक्ला पोस्ट को जहां लोगों ने सराहा और अपने कमेंट्स दिए हैं वहीं, उनका कहना है कि ये उनका दर्द है, पोस्ट नहीं।

अशोक कुमार शुक्ला

रश्मि वरुण ने ये किया था पोस्ट

गौरतलब है, कि हाल ही में सहारनपुर की डिप्टी डायरेक्टर सांख्यिकी रश्मि वरुण ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कासगंज हिंसा की तुलना सहारनपुर दंगे से की थी। हालांकि उन्होंने इसे अपने मन की बात बतायी थी। खैर, बहस अब भी जारी है। रश्मि वरुण ने फेसबुक वाल पर लिखा है, कि '.. तो ये थी कासगंज की तिरंगा रैली। …. कोई नई बात नहीं है ये...अम्बेडकर जयंती पर सहारनपुर सड़क दूधली में भी ऐसी ही रैली निकाली गई थी। जिससे अम्बेडकर गायब थे... या कहिए कि भगवा रंग में विलीन हो गए थे… कासगंज में भी यही हुआ। तिरंगा तो शवासन में रहा भगवा ध्वज शीर्ष (आसान) पर …जो लड़का मारा गया, उसे किसी दूसरे तीसरे समुदाय ने नहीं मारा, उसे केसरी, सफेद और हरे रंग की आड़ लेकर भगवा ने खुद मारा, जो नहीं बताया जा रहा वो ये कि अब्दुल हमीद की मूर्ति या तस्वीर पे तिरंगा फहराने की बजाय इस तथाकथित तिरंगा रैली में चलने की जबरदस्ती की गई। और केसरिया, सफेद, हरे और भगवा रंग पे लाल रंग भारी पड़ गया।'

बरेली डीएम का पोस्ट भी रहा सुर्ख़ियों में

वहीं बीते 30 जनवरी को बरेली के डीएम राघवेंद्र विक्रम सिंह ने कासगंज उपद्रव को लेकर फेसबुक पर लिखा था, कि ‘अजब रिवाज बन गया है। मुस्लिम मोहल्‍लों में जबर्दस्‍ती जुलूस ले जाओ और पाकिस्‍तान मुर्दाबाद के नारे लगाओ। क्‍यों भाई... वे पाकिस्‍तानी हैं क्‍या? यही यहां बरेली में खैलम में हुआ था। फिर पथराव हुआ, मुकदमे लिखे गए…।'

बरेली डीएम के पोस्ट में इस वाकये की थी चर्चा

दरअसल, पिछली जुलाई में कांवड़ यात्रा के दौरान जब मुस्लिम बहुल खैलम से यात्रा निकालने की कोशिश की गई तो उसके बाद मचे बवाल में कांवड़िए और आईटीबीपी के 15 जवान घायल हो गए थे। उसके बाद दोनों पक्षों के बीच जमकर झड़प हुई थी जिसमें करीब 250 लोगों को पकड़ा गया था। डीएम अपनी पोस्‍ट में इसी घटना का जिक्र कर रहे थे। एक दूसरी पोस्‍ट में डीएम राघवेंद्र बिक्रम सिंह ने सवालिया लहजे में पूछा, 'चीन तो कहीं ज्‍यादा बड़ा दुश्‍मन है, उसके खिलाफ नारे क्‍यों नहीं लगाए जाते? चीन तो बड़ा दुश्‍मन है, तिरंगा लेकर चीन मुर्दाबाद क्‍यों नहीं?'



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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