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शादी के नाम पर रिश्ते वाले फेर लेते थे मुंह, चार साल में ऐसे बन गये करोडपति
लखनऊ: बरेली के रहने वाले दो दोस्त अभिनव टंडन और प्रमित शर्मा ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी के बाद 1 लाख रूपये से चाय बेचने का स्टार्ट -अप शुरू किया और आज सलाना एक करोड़ से ज्यादा का इनकी कम्पनी का टर्न ओवर है। लखनऊ और नोएडा समेत यूपी भर में 'चाय कालिंग' एक ब्रांड बन चुका है। 'चाय कालिंग' नाम से यूपी भर में 18 से ज्यादा इनकी आउटलेट रन कर रही है।
अभिनव को अपने काम की वजह से शादी के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था। तब जाकर उसकी शादी हो पाई थी।अभिनव और अमित ने newstrack.com से बात की और अपने एक्सपीरियंसेज को शेयर किया।
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ऐसा बिता था बचपन
अभिनव टंडन (29) ने बताया मैं और प्रमित शर्मा दोनों ही बरेली के रहने वाले है। दोनों ने एक साथ एक ही स्कूल से पढ़ाई की थी। अभिनव का जन्म 4 फरवरी 1989 और प्रमित शर्मा का 14 जुलाई 1989 को हुआ था। अभिनव के पिता राजीव नारायण टंडन स्टेट बैंक में मैनेंजर और प्रमित के पिता राजेश शर्मा चीनी का बिजेनस करते है।
अभिनव और प्रमित ने हाईस्कूल की पढ़ाई बरेली के बीबीएल पब्लिक स्कूल से 2005 में कम्प्लीट की है। अभिनव के हाईस्कूल में 87 और प्रमित के 84 परसेंट मार्क्स थे। दोनों ने उसी स्कूल से 2007 में इंटर की पढ़ाई पूरी की है। इंटर में अभिनव के 84 और प्रमित के 80 परसेंट मार्क्स आये थे।
प्रमित और अभिनव ने गाजियाबाद के अजय कुमार गर्ग इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। अभिनव ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और प्रमित ने साफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। दोनों ही सम्पन्न परिवार से आते है और उनका बचपन काफी अच्छे से बीता था।
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ऐसे आया था चाय कालिंग का आइडिया
अभिनव और प्रमित बताते है, हम दोनों दोस्त जब कालेज में साथ पढ़ाई करते थे तब हमें चाय पीने के लिए कई बाहर जाना पड़ता था। चाय पीते टाइम हमें कई बार दुकान पर गंदगी नजर आती थी। साफ सफाई न होने के कारण कई दुकानों से बिना चाय पीये ही लौटना पड़ता था।
यही प्रोब्लम जॉब करते टाइम भी सामने आई थी। तब लगा था कि क्यों न कुछ ऐसा किया कि जिससे बिजेनस भी हो सके और लोगों को साफ़ सुधरी चाय पीने को मिल सके। उसके बाद से ही हम दोनों ने ‘चाय कालिंग’ की नाम से आउटलेट खोलने का डिसीजन लिया था।
25 हजार रूपये की छोड़ी जॉब
अभिनव टंडन के मुताबिक़ इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह दिल्ली में क्राम्पटन फैन बनाने वाली कम्पनी क्राम्पटन रीव्स में क्वालिटी एनालिस्ट की पोस्ट पर कार्यरत थे। उस टाइम उसे हर महीने 25 हजार रूपये की सैलरी मिलती थी। उसने एक साल बाद ये जॉब छोड़ी दी।
प्रमित भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद टीसीएस कम्पनी में साफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम करने लगे थे। उसने भी अभिनव की तरह ही 1 साल तक काम करने के बाद जॉब छोड़ दी। जॉब छोड़ने के टाइम प्रमित को 40 हजार की सैलरी मिलती थी।
2013 में ठेले से हुई ‘चाय कालिंग’ की शुरुआत
अभिनव और प्रमित बताते है’ दोनों ने एक साथ 2013 में जॉब छोड़ने के बाद नोएडा में एक ठेले पर चाय बेचने की शुरुआत की थी। उस टाइम हम चाय के साथ सैंडविच बेचा करते थे। इस काम के लिए हम लोगों ने एक लड़के को रखा था। 6 महीने के अंदर लोगों से अच्छा रिस्पांस मिलने लगा।
उसके बाद हम दोनों ने अपनी सेविंग में से 50 -50 हजार रूपये मिलाकर 1 लाख रूपये में बरेली शहर में चाय कालिंग नाम से अपना पहले आउट लेट की शुरुआत की और चाय और सैंडविच बेचने लगे। उन्होंने चाय बेचने के लिए एक लड़के को काम पर रखा था।
उनका धंधा चल पडा। छह महीने के अंदर ही उन्होंने ठेले से शुरू किये हुए बिजनेस को एक बड़ी शॉप में कन्वर्ट कर दिया। दोनों ने नोएडा सेक्टर -16 में अपनी चाय की पहली शॉप खोली। उसके बाद से उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
आज चाय कालिंग एक कम्पनी के रूप में कन्वर्ट हो गई है। चाय कालिंग के दस आउट लेट के अंदर 30 से ज्यादा स्टाफ काम कर रहे है। उन्हें मिनिमम 6 से लेकर 12 हजार तक सैलरी दी जाती है।
यूपी में 18 आउट लेट
अभिनव और प्रमित बताते है, हमने नोएडा शहर में एक आउट लेट से ‘चाय कालिंग’ की शुरुआत की थी। आज नोएडा, लखनऊ, बरेली समेत यूपी के कई बड़े शहरों में 18 से ज्यादा हमारे चाय के आउट लेट चल रहे है।
यूपी के अलावा कई अदर स्टेट से भी लोग चाय कालिंग की फ्रेंचायजी लेने के लिए हमारे सम्पर्क में है। चाय कालिंग के आउट लेट फ्यूचर में देश के सभी प्रमुख शहरों में खोलने की योजना है।
लखनऊ में अभी चाय कालिंग का एक ही आउट लेट रन कर रहा है। हमारी मंशा है कि लखनऊ के अलावा पूरे यूपी में सभी सरकारी प्रतिष्ठानों में ‘चाय कालिंग’ का आउट लेट खुले। इसके लिए हम यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से जल्द ही मुलाक़ात करने जा रहे है।
हम सीएम से मिलकर उनके सामने अपना प्रपोजल रखेंगे। उसके बाद अगर सरकार से मंजूरी मिलती है तो यूपी के सभी सरकारी प्रतिष्ठानों में चाय कालिंग की आउट लेट खोलेंगे।
शादी के टाइम आई थी काफी अड़चनें
अभिनव बताते है’ मैंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के बाद चाय कालिंग की आउट लेट खोली। उसके बाद से ही शादी के कई रिश्ते आने लगे। लेकिन कई रिश्ते मेरे काम की वजह से टूट गये। जब भी कोई लड़की वाले आते थे तब मेरे से एक ही क्वेश्चन पूछा जाता था। अच्छा बेटा तुम ये बताओ आखिर काम क्या करते हो’। मैं जब उन्हें बताता था कि मैं चाय का बिजेनस करता हूं तब उन्हें लगता था इंजीनियंरिंग के बाद चाय का बिजेनस। भला ये कौन सा बिजनेस है।
लोग हैरत की नजर से मुझें देखते थे। इस चक्कर में मेरे कई रिश्ते टूट गये। बाद में 2017 में एक मेरे लिए एक और रिश्ता आया था। मेरे से फिर वही सवाल पूछा गया। क्या काम करते हो? मैंने फिर वही जवाब दिया। चाय का बिजनेस है। लड़की पक्ष वाले थोड़ा हैरान हुए कि इंजिनियरिंग की पढ़ाई एक बाद चाय की शॉप क्यों। फिर मैंने उन्हें समझाया कि चाय में भी अच्छा बिजनेस किया जा सकता है।
मैंने उन्हें चाय कालिंग का पूरा कांसेप्ट समझाया। उसके बाद बड़ी मुश्किल से लड़की पक्ष वाले मेरी बात को समझ पाए। फरवरी 2017 में मेरी अरेंज मैरिज हो पाई।
लेकिन प्रमित की शादी में कोई अडचनें नहीं आई। उसके पापा चीनी का बिजनेस करते थे। पूरा परिवार बिजेनस में लगा था। इसलिए उसके रिश्ते के लिए लड़की पक्ष के लोगों ने कोई ऑब्जेक्शन नहीं किया। दोनों पक्षों के लोग उनके लव मैरिज शादी के पक्ष में थे। बाद में उनकी लव मैरिज शादी हुई।
क्या है ‘चाय कालिंग’
चाय कालिंग’ चाय बेचने की एक शॉप का नाम है। जो आज एक कम्पनी के रूप में कन्वर्ट हो चुकी है।
यहां पर 15 तरीके की चाय मिलती है। एक मिडिल क्लास आदमी 2 रूपये से लेकर एक नौकरी पेशा आदमी 30 रूपये की चाय यहाँ से खरीदकर पी सकता है।
चाय कालिंग के आउट लेट पर चाय के अलावा स्नैक्स भी मिलती है। जिसका दाम 5 रूपये से लेकर 30 रूपये तक रखा गया है।