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आयुर्वेद से हारेगा कोरोना: इलाज में बना सहायक, ऐसे बढ़ेगी इम्यूनिटी

अब ये सवाल उठता है कि क्या इस जानलेवा वायरस का कोई वैकल्पिक उपचार है। इसी बीच आयुर्वेद विशेषज्ञों ने इस बारे में अपनी राय राखी है।

Aradhya Tripathi
Published on: 25 April 2020 4:41 PM IST
आयुर्वेद से हारेगा कोरोना: इलाज में बना सहायक, ऐसे बढ़ेगी इम्यूनिटी
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पिछले कुछ महीनों से पूरी दुनिया में कोरोना वायरस को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। भारत में भी पिछले एक महीने से इस वायरस की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन लागू है। लेकिन देश में कोरोना का कहर अब भी लगातार ज़ारी है। और मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी होती जा रही है। लेकिन अभी तक भारत समेत दुनिया का कोई भी देश इस वायरस की कोई भी दवा या वैक्सीन नहीं बना पाया है। ऐसे में अब ये सवाल उठता है कि क्या इस जानलेवा वायरस का कोई वैकल्पिक उपचार है। इसी बीच आयुर्वेद विशेषज्ञों ने इस बारे में अपनी राय राखी है।

विशेषज्ञ ने बताए आयुर्वेदिक उपचार

कोरोना वायरस के वैकल्पिक उपचार के रूप में आयुर्वेद की भूमिका के बारे में बात करते हुए जीवा आयुर्वेद के निदेशक डॉ. प्रताप चौहान ने बताया कि महामारी को लेकर आयुर्वेद में पूरा एक अध्याय लिखा हुआ है। जिसमें महामारी को लेकर पूरी विस्तृत जानकारी दी गई है। इसमें बताया गया है कि महामारी की उत्पत्ति कब होती है और इसके आने पर हम उससे किस तरह से लड़ें। आयुर्वेद की एक खास बात ये भी है कि इसमें हर व्यक्ति की आयु, खान-पान और उसकी लोकेशन को भी ध्यान में रखा जाता है। निदेशक ने बताया कि इम्युनिटी बढाने में सबसे ज्यादा सहायक होता है च्वयनप्राश।

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डॉक्टर चौहान ने बताया कि च्वयनप्राश हमारे फेफड़ों के लिए बहुत फायदेमंद है। डॉक्टर चौहान ने कहा कि कोरोना से बचने के लिए अब ज्यादातर लोग घरों में आयुष काढ़ा बना रहे हैं। डॉक्टर ने कोरोना का उपचार बताते हुए बताया कि एक कप पानी में चार तुलसी के पत्ते, दो काली मिर्च, अदरक, दालचीनी और मुनक्का डालकर पानी को उबाल लें। इसे मीठा करने के लिए इसमें गुड़ या शहद भी डालें। डॉक्टर ने बताया कि इसको दिन में दो बार पीने से इम्युनिटी बढ़ती है। इसके अलावा हल्दी दूध का भी सेवन करें।

पीएम मोदी भी कर चुके हैं आयुष मंत्रालय के निर्देशों का पालन का आदेश

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अन्य उपचारों का जिक्र करते हुए डॉक्टर चौहान ने बताया कि नाक में तेल डालने से भी शरीर रोगमुक्त रहता है। दोनों नासिका छिद्रों में दो बार तिल का तेल डालें। इसके साथ डॉक्टर ने तिल के तेल से कुल्ला करने को भी इलाज में सहायक बताया। डॉक्टर चौहान ने बताया कि अगर नैसल मेंब्रेन और माउथ कैप्टिविटी लुब्रिकेटेड रहते हैं तो उससे किसी भी तरह के रोगाणु हमला नहीं कर सकते हैं। गौरतलब है कि पीएम मोदी भी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए लोगों से आयुष मंत्रालय के निर्देशों का पालन करने को कह चुके हैं। जिसके चलते आयुष मंत्रालय की तरफ से भी एक सेल्फ केयर गाइडलाइन जारी की गई थी।



Aradhya Tripathi

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