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संशोधित-कोरोना से घबराये नहीं सावधानी बरते: डा. उमेश त्रिपाठी
डा. त्रिपाठी ने न्यूज़ट्रैक से वार्तालाप करते हुए बताया है कि इस संक्रमण से सभी को घबराने की आवश्यकता नहीं है। 10-12 साल की उम्र से छोटे बच्चों, 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के बुजुर्गो तथा ऐसे लोग जो पहले से ही बीमार है, उन्हे ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है।
लखनऊ। देश में लंबे लॉकडाउन के बाद अब अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इसी के साथ कोरोना संक्रमण में भी तेजी सामने आ रही है। कोई इलाज उपलब्ध न होने के कारण कोरोना वायरस से सभी डरे हुए है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस महामारी से बचाव के लिए डरने या घबराने की नहीं बल्कि सावधानी बरतने की जरूरत है।
यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित संजय गांधी आर्युविज्ञान संस्थान के वरिष्ठ चिकित्सक डा. उमेश त्रिपाठी का कहना है कि संक्रमण की शुरूआत में यह कम लोगों में था, उस समय केवल विदेश से आने वालों में ही यह संक्रमण पाया जा रहा था लेकिन जागरूकता फैलने में समय लग गया, जिससे संक्रमण फैल गया। वह सरकार के लॉकडाउन के फैसले को सही बताते हुए कहते है कि सरकार के निर्देशों के न मानने के कारण अब यह ज्यादा फैल रहा है। इसमे भी 80 प्रतिशत मामले ऐसे है जिनमे कोरोना का कोई लक्षण नहीं देखा जा रहा है।
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तीन स्तर पर काम करना होगा
डा. त्रिपाठी ने न्यूज़ट्रैक से वार्तालाप करते हुए बताया है कि इस संक्रमण से सभी को घबराने की आवश्यकता नहीं है। 10-12 साल की उम्र से छोटे बच्चों, 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के बुजुर्गो तथा ऐसे लोग जो पहले से ही बीमार है, उन्हे ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। इसके लिए तीन स्तर पर काम करना होगा। पहला, सोशल डिस्टेंसिंग, दूसरा, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योग और अन्य उपाय तथा बाहर निकलते समय फेस मास्क का प्रयोग और समय-समय पर हाथों को धोना।
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लोग क्वारंटाईन किए जाने से डरे हुए
उन्होंने बताया कि लोग अभी जांच के लिए स्वयं आगे नहीं आ रहे है। वह बताते है कि लोग क्वारंटाईन किए जाने से डरे हुए है। उन्होंने कहा कि कोरोना वार्ड में भर्ती मरीज अकेले रहता है इसलिए वह घबराता और परेशान होता है। इसके लिए अब मनोचिकित्सकों से उनकी कांउसिलंग कराये जाने पर भी विचार किया जा रहा है।
योग व प्राणायाम किया जाए
हर्ड इम्युनिटी के बारे में डा. त्रिपाठी ने बताया कि कोरोना वायरस अपना स्वरूप बदल रहा है इसीलिए जहां इसकी वैक्सीन बनने में कठिनाई आ रही है वही इसमे हर्ड इम्युनिटी का विकास होने की संभावना भी कम हैं। उन्होंने कहा कि इलाज न होने पर बेहतर होगा कि इससे बचाव किया जाए। इसके लिए सामाजिक दूरी के अलावा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए नियमित तौर पर विटामिन सी व ई का प्रयोग किया जाए। आयुष मंत्रालय द्वारा बताया गया काढ़े का सेवन तथा योग व प्राणायाम किया जाए।
रिपोर्टर - मनीष श्रीवास्तव, लखनऊ
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