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कोरोना इफेक्ट : पुतले ले रहे इन्सानों की जगह
पुतलों और कटआउट का सहारा सिर्फ रेस्तरां में ही नहीं बल्कि खेल के मैदानों में भी लिया जा रहा है। खिलाड़ियों को दर्शकों की कमी न खले इसके लिए स्टेडियम के स्टैंड्स में इन्सानों के कट आउट रखे जा रहे हैं।
लखनऊ कोई भी किसी खाली रेस्तरां में जाना पसंद नहीं करता जहां चारों ओर खाली टेबलें हों। कोरोना से पहले के युग में अगर आप किसी खाली रेस्तरां में जाते तो यही ख्याल आता कि कहीं कुछ गड़बड़ तो नहीं है?
लेकिन कोरोना युग में सन्नाटा और खालीपन चारों ओर पसार गया है। भले ही दुनिया में तमाम जगह लॉकडाउन खोल दिया गया हो लेकिन लोगों के एक जगह एकत्र होने की संख्या सीमित कर दी गई है। रेस्तरां, स्तदुइम और अन्य जगहों पर लोगों की कमी डर और अवसाद पैदा कर सकती है। इसलिए लोगों की जगह पुतले या कट आउट रखने का सिलसिला चल पड़ा है।
रेस्तरां वालों को अब लोगों को दूर दूर बैठाने की मजबूरी है। ऐसे में लोगों को आसपास भीड़ होने का एहसास कराने के लिए पुतलों की मदद ली जा रही है। अमेरिका में कई रेस्तरां खाली टेबल्स पर पुतले बैठाने की योजना बना रहे हैं। कई ने तो इसे लागू भी कर दिया है। वाशिंगटन के एक एक रेस्तरां में पुतलों को सूट, शादी की ड्रेस, जींस आदि अलग अलग ड्रेस में सजा कर अलग अलग टेबल्स पर बैठा दिया गया है ताकि किसी ‘सजीव’ ग्राहक को अकेलापन न लगे। वैसे ये नजारा मैडम टूसाद के म्यूजियम जैसा ही नजर आता है।
खेल के मैदान में भी पुतले
पुतलों और कटआउट का सहारा सिर्फ रेस्तरां में ही नहीं बल्कि खेल के मैदानों में भी लिया जा रहा है। खिलाड़ियों को दर्शकों की कमी न खले इसके लिए स्टेडियम के स्टैंड्स में इन्सानों के कट आउट रखे जा रहे हैं।
ताइवान और कोरिया में बेसबाल स्टेडियम में कार्ड बोर्ड से बने कट आउट सीटों पर रखे गए हैं। इन कट आउट दर्शकों के हाथों में स्लोगन लिखी तख्तियाँ भी चिपकाई गई हैं।
यूनाइटेड किंगडम में टॉप फुटबाल लीग के अधिकारी मैचों के दौरान भीड़ की आवाजें और शोर के टेप बजाने पर विचार कर रहे हैं।
फ्रांस के एक लोकप्रिय कराओके शो में लाइव दर्शकों की जगह बलून में चेहरे की आकृति बना कर रखा गया।
कई जगह कपड़े की दुकानों वाले पुतले (मैनीक्वीन) इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
सो, ऐसे में अगर आप अगली बार अपने दफ्तर या किसी दुकान में जाएँ तो इन्सानों की जगह कट आउट या पुतले देख कर डर मत जायेगा।