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मोदी की ताकत का राज: ख़ास है अनूठी भाषण शैली, देश विदेश तक लोग फैन

मोदी की सफलता का रहस्य उनकी भाषणकला और ईमानदार जीवनशैली में छिपा है। जनता की नब्ज की पहचान और मौके की नजाकत को भापना उन्हे बखूबी आता है।

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Published on: 17 Sep 2020 3:39 AM GMT
मोदी की ताकत का राज: ख़ास है अनूठी भाषण शैली, देश विदेश तक लोग फैन
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मोदी की सफलता का रहस्य उनकी भाषणकला और ईमानदार जीवनशैली में छिपा है। जनता की नब्ज की पहचान और मौके की नजाकत को भापना उन्हे बखूबी आता है।

मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: देश की मौजूदा राजनीति पर नरेंद्र दामोदर दास मोदी पूरी तरह से छाये हुए हैं या यूं कहें कि वह देश की राजनीति की धुरी बन चुके हैं। मोदी देश में एक ऐसा ब्रांड बन गया है जिसके सहारे भारतीय जनता पार्टी न केवल केंद्र में दूसरी बार काबिज हुई, बल्कि कई राज्यों में भी उसकी सरकारें बनी। विपक्षी दल जैसे-जैसे उन पर हमला करते हैं वह और मजबूत होते जाते हैं। हर कोई जानना चाहता है कि आखिर एक सााधारण व गरीब परिवार में जन्म लेने वाला और चाय बेचने वाला यह शख्स इतनी बड़ी शख्सियत कैसे बन गया।

मोदी की भाषणशैली के सब हैं दीवाने

दरअसल, मोदी की सफलता का रहस्य उनकी भाषणकला और ईमानदार जीवनशैली में छिपा है। जनता की नब्ज की पहचान और मौके की नजाकत को भापना उन्हे बखूबी आता है। उन्हें यह समझने में देर नहीं लगती कि आखिर उनके सामने मौजूद दर्शक वर्ग क्या सुनना पसंद करेगा और किस तरह के बर्ताव और संवाद की अपेक्षा उनसे कर रहा हैं। मोदी ऐसे नेता हैं जिनके पास देश के हर वर्ग के इंसान को सुनाने, समझाने और अपना मुरीद बनाने वाली वह भाषणशैली है। यही कारण है कि विपक्षी दलों के आरोप उन पर कोई असर नहीं डालते।

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PM Modia 70 साल के हुए PM मोदी (फाइल फोटो)

मोदी विपक्षी दलों के आरोपों से कन्नी नहीं काटते हैं। बल्कि उसका जिक्र जनसभाओं में करके उन आरोपों को चुटकी लेने वाले अंदाज में खारिज भी कर देते हैं। नरेंद्र मोदी बोलते हैं तो हर किसी के लिए उनके पास कुछ ना कुछ रहता है। वो अपनी बात जिस तरीके से समझाते हैं और लोगों को प्रभावित करते हैं, उससे लोग प्रेरित होते हैं, लोग उन्हें देखकर सीखना-समझना चाहते हैं। यही कारण है कि जब कोरोना काल में देश की जनता से दिया जलाने या थाली बजाने की अपील करते हैं तो पूरा देश ही नहीं बल्कि विदेशों में रहने वाले भारतीय भी उनके तय किए समय पर उनकी अपील का पालन करते हैं।

गुजरात से दिल्ली तक का सफर

PM Modi 70 साल के हुए PM मोदी (फाइल फोटो)

गुजरात में संघ की शाखा से जुडे़ नरेंद्र मोदी अचानक ही गुजरात के मुख्यमंत्री बनते हैं और लगातार तीन कार्यकाल पूरे करते हैं। इसी दौरान 13 सितंबर 2013 को नरेंद्र मोदी को भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनाव की कमान सौंपी और उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया। केवल 06 महीने में होने वाले आम चुनावों में उन्होंने जिस अंदाज में समा बांधा उसने भाजपा की अगुवाई वाली राजग को देश की सत्ता पर बिठा दिया।

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उस चुनाव में नरेंद्र मोदी ने बगैर थके-बगैर रुके और बगैर एक भी सभा स्थगित किए 440 रैलियों के साथ पूरे देश की 3 लाख किलोमीटर की बेहद थकाऊ यात्रा केवल 06 महीने में पूरी कर रिकॉर्ड कायम किया। संप्रग सरकार के 10 साल के शासन में लगातार आ रही भ्रष्टाचार और घोटालों की खबरों और यदा-कदा ही बोलने वाले प्रधानमंत्री से देश की जनता में जो हताशा और निराशा पैदा कर दी थी। जनता की नब्ज की खबर रखने वाले मोदी अपने भाषणों से जनता को समझा पाने में कामयाब हो गए कि वो देश के हालात बदलकर ही दम लेंगे।

अपनी कार्यशैली से भी किया लोगों को प्रभावित

PM Modi 70 साल के हुए PM मोदी (फाइल फोटो)

इसके बाद प्रधानमंत्री बने मोदी ने देश के नेताओं को लेकर सोचने के बने-बनाए ढर्रे को तोड़ दिया। जब आम जनता नेताओं के रटे-रटाये भाषणों को सुन कर ऊब गए थे, तब मोदी सीधा संवाद करके देश की जनता के मन पर छा गए। मोदी की एक खासियत और है कि वह अपने हर भाषण में कुछ न कुछ ऐसा जरूर बोलते है जिसकी चहुंओर चर्चा होती है।

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नरेंद्र मोदी केवल भाषणों से ही नहीं बल्कि अपने कार्यों से भी जनता को संदेश देना बखूबी जानते है। मोदी ने खुद को प्रधानमंत्री नहीं प्रधान सेवक बताया और संसद की चैखट पर सिर झुका कर उनका प्रणाम करना जनता के दिल में उनकी जगह को और पुख्ता कर गया। ब्यूरोक्रेसी के साथ सारे सहयोगियों को समय पर आने के आग्रह की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद दफ्तर में ठीक 09 बजे पहुंच कर शुरु की। उन्होंने साफ संदेश दिया कि प्रधानमंत्री किस तरह की कार्यशैली चाहते है।

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