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बापू तुम्हें हजारों नमन: हाथ में लकड़ी और कमर पर धोती.... सबके दिलों में जिंदा

आज उन्ही की याद में, महात्मा गांधी के न रहते हुए भी चारों तरफ करोड़ों दिलों में मौजूदगी का एहसास दिलाती है। सत्य प्रकाश सोनी की यह कविता यह एहसास दिलाती है कि गांधी मरे नहीं, वो मर नहीं सकते, उनको मारा नहीं जा सकता है।

SK Gautam
Published on: 30 Jan 2021 9:20 AM GMT
बापू तुम्हें हजारों नमन: हाथ में लकड़ी और कमर पर धोती.... सबके दिलों में जिंदा
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बापू तुम्हें हजारों नमन: हाथ में लकड़ी और कमर पर धोती.... सबके दिलों में जिंदा

लखनऊ: भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आज यानी 30 जनवरी को 73वीं पुण्यतिथि है। 30 जनवरी 1948 के दिन नाथूराम गोडसे ने उनकी हत्या कर दी थी। आज उन्ही की याद में, महात्मा गांधी के न रहते हुए भी चारों तरफ करोड़ों दिलों में मौजूदगी का एहसास होता है। सत्य प्रकाश सोनी की यह कविता एहसास दिलाती है कि गांधी मरे नहीं, ना ही वो मर सकते हैं, ना ही उनको मारा जा सकता है। गांधी जी आज भी प्रासंगिक हैं, उनके विचारों की प्रासंगिकता बनी रहेगी।

mahatma gandhi-3

कमजोर सा जिस्म था

शायद एक गोली से भी ख़त्म हो सकता था

हो सकता है गोली भी ना चलानी पड़ती

कुछ दिन में अपने आप ही मर जाता

जिस्म ही तो था

तीन गोलियां बर्बाद कर दी

और वो मरा भी नहीं

जिसका मरना मक़सूद था

वो तो खुशबू सा हवा में बिखर गया

हज़ारों गोलियां आज भी मारी जाती हैं

हज़ारों बार जलाया जाता है

फांसी पर भी बेहिसाब बार लटकाया जाता है

सलीबों पर ठोंका जाता है

कांच पीसकर पिलाया जाता है

चौराहों पर

सभाओं में

संसद में भी

किताबों और रिसालों में भी

पर वो मरता नहीं

हर बार

किसी कस्बे के छोटे स्कूल में

बच्चों के फैंसी ड्रेस में

कोई कमजोर सा लड़का

हाथ में लकड़ी और कमर पर धोती बांध

हज़ारों जेहन में गांधी खड़े कर देता है

mahatma gandhi-4

-सत्य प्रकाश सोनी

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