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बौखलाया पाकिस्तान: ISI ने खूंखार आतंकी पर करवाया हमला, गुस्से से लाल हुआ पाक
370 समाप्त किए जाने के बाद आईएसआई की ओर से सलाउद्दीन को घाटी में बड़े पैमाने पर हमले करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन वह घाटी बड़ी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में नाकाम रहा है।
नई दिल्ली। कश्मीर में भारतीय सेना के कड़े तेवर और कई आतंकियों के एनकाउंटर में मारे जाने से पाकिस्तान में काफी बौखलाहट दिखने को मिल रही है। इसके साथ ही हिज्बुल मुजाहिदीन के चीफ सैयद सलाहुद्दीन और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के बीच भी गंभीर मतभेद हो गई हैं। सलाउद्दीन के ऊपर हाल ही में जानलेवा हमला हुआ है, जिसके पीछे आईएसआई का हाथ बताया जा रहा है। इस हमले में सलाउद्दीन के गंभीर रूप से घायल होने की बात सामने आई है।
आईएसआई और सलाउद्दीन में उभरे मतभेद
दरअसल घाटी में भारतीय सेना की ओर से आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए बड़ा अभियान चलाया गया है। भारतीय सेना के कड़े तेवर से पाकिस्तान में खलबली मची हुई है। हिज्बुल मुजाहिदीन के चीफ सैयद सलाउद्दीन और आईएसआई के बीच मतभेद के कई कारण बताए जा रहे हैं।यह भी माना जा रहा है कि इन मतभेदों के कारण ही सलाउद्दीन पर आईएसआई की ओर से हमला कराया गया है।
इस्लामाबाद में हुआ सलाउद्दीन पर हमला
सलाउद्दीन पर गत 25 मई को दोपहर करीब साढ़े बारह बजे इस्लामाबाद की स्ट्रीट नंबर 8 के पास जानलेवा हमला किया गया। इस हमले में सलाउद्दीन के घायल होने के बाद भी उसे सेफ हाउस में रखा गया है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के एक अधिकारी ने इस हमले की पुष्टि की है। इस अधिकारी का कहना है कि यह हमला सलाउद्दीन को मारने के लिए नहीं बल्कि उसे और उसके आतंकी संगठन के सदस्यों को संदेश देने के लिए किया गया है। सलाउद्दीन यूनाइटेड जिहाद काउंसिल नामक पाकिस्तान समर्थक आतंकवादी समूहों के संगठनों का प्रमुख भी है। उसे अमेरिकी विदेश विभाग ने वैश्विक आतंकवादी घोषित कर रखा है।
इस कारण बढ़ीं आईएसआई से दूरियां
सूत्रों का कहना है कि सलाउद्दीन और इसके आईएसआई के हैंडसर के बीच जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के खत्म होने के बाद से ही दूरियां बढ़ने लगी थीं। सलाउद्दीन और उसके आतंकी संगठन को भारत सरकार के इस कदम के बारे में एहसास ही नहीं था। इसे लेकर आईएसआई सलाउद्दीन से काफी नाराज है और उसने हिज्बुल मुजाहिदीन से दूरियां बनाना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही अनुच्छेद 370 समाप्त किए जाने के बाद आईएसआई की ओर से सलाउद्दीन को घाटी में बड़े पैमाने पर हमले करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन वह घाटी बड़ी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में नाकाम रहा है। आईएसआई की ओर से हिज्बुल को ट्रेनिंग, हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति समाप्त करने की खबरें भी आ रही हैं। हिज्बुल कमांडर रियाज नायकू के मारे जाने के बाद घाटी में सलाउद्दीन और कमजोर पड़ा है।
टीआरएफ को मदद से भी नाराजगी
इसके साथ ही साथ आईएसआई की ओर से नए आतंकी संगठन दर रेसिडेंट फ्रंट यानी टीआरएफ की शुरुआत के बाद सलाउद्दीन आईएसआई से नाराज चल रहा है। आईएसआई की ओर से टीआरएफ को तवज्जो दी जा रही है जबकि हिज्बुल मुजाहिदीन को मिलने वाला फंड बंद कर दिया गया है। माना जा रहा है कि सलाउद्दीन की नाराजगी की वजह से भी आईएसआई की ओर से उसे सबक सिखाया गया है।
टीआरएफ को सौंपी यह जिम्मेदारी
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने के बाद आईएसआई की ओर से कश्मीर में आतंकी हमले करने के लिए टीआरएफ नामक इस नए ग्रुप का गठन किया गया है। पिछले साल के अंत में बनाए हुए इस ग्रुप को कश्मीर में आतंकी हमले करने के लिए बनाया गया है। सूत्रों के मुताबिक घाटी में पिछले कुछ हफ्तों के दौरान आतंकी हमलों की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ही ली थी। टीआरएफ की कमान लश्कर-ए-तैयबा के तीन शीर्ष कमांडरों के हाथ में है।
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सलाउद्दीन ने मानी थी यह बात
हिज्बुल कमांडर रियाज नायकू के मारे जाने के बाद सलाउद्दीन ने घाटी में भारतीय सुरक्षा बलों की स्थिति मजबूत होने की बात स्वीकार की थी। रावलपिंडी की सभा में सलाउद्दीन का एक वीडियो सामने आया था जिसमें उसे यह कहते हुए सुना गया था कि पांच सुरक्षाकर्मियों की हत्या के बावजूद भारतीय सुरक्षा बल की घाटी में स्थिति काफी मजबूत है। इसके साथ ही उसने नायकू को हीरो भी बताया था।