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जनसेवा की मिसाल बनते जा रहे हैं उत्तर प्रदेश के ये जिलाधिकारी

जिलाधिकारियों ने एक जनप्रतिनिधि के तौर पर काम करना शुरू कर दिया। ऐसे जिलाधिकारी स्वयं जनता से मिलकर उनकी समस्याओं को हल करने का काम कर रहे हैं जिसके कारण इन जिलों के लोग राज्य सरकार के कामकाज की सराहना कर रही है।

Praveen Singh
Published on: 15 April 2020 2:56 PM GMT
जनसेवा की मिसाल बनते जा रहे हैं उत्तर प्रदेश के ये जिलाधिकारी
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श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ। भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में आमजन के लिए जनता के लिए चुना हुआ एक जनप्रतिनिधि ही सब कुछ होता है जिससे लोगों को आशाएं रहती हैं, वह सीधेे जनता के सम्पर्क में रहता है और जनता भी उससे अपने अधिकार के साथ बात करती है लेकिन जब कोरोना संकट आया तो यूपी के न जाने कितने जिलाधिकारियों ने एक जनप्रतिनिधि के तौर पर काम करना शुरू कर दिया। ऐसे जिलाधिकारी स्वयं जनता से मिलकर उनकी समस्याओं को हल करने का काम कर रहे हैं जिसके कारण इन जिलों के लोग राज्य सरकार के कामकाज की सराहना कर रही है। इन दिनों प्रदेश के कई जिलाधिकारियों ने जनसेवा की ऐसी मिसाल पेश की है जिसे भुलाया नहीं जा सकता है। आइये हम आपको ऐसे ही कुछ जिलाधिकारियों के बारे में बताते हैं जिन्होंने संकट के समय दिन रात एक करके जनसेवा की है।

लखनऊ - अभिषेक प्रकाश

शासन की नाक के ठीक नीचे काम करने वाले लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कोरोना वायरस को लेकर लगातार लोगों से सम्पर्क करने का काम किया है। लोगों से बराबर यही कहा कि किसी भी तरह से पैनिक होने की जरूरत नहीं है। जिलाधिकारी ने राशन की दुकान, सब्जी की दुकान, दूध की दुकान, सुबह 6 बजे से रात 11 बजे तक खुली रखवाने और जनता को आश्वासन देने का काम किया है। यही नहीं वह लगातार आश्वस्त करते रहे हैं कि. किसी को डरने और घबराने की जरूरत नहीं है। यही कारण है पूरे लखनऊ में दवा की दुकानें खुली रहीं। लखनऊ में 8000 दवा की दुकानें हैं। इसके अलावा उन्होंने बराबर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और शासन के उच्च अधिकारियों के साथ होम डिलीवरी की भी व्यवस्था की। यहां तक कि राशन, फल, सब्जी और दूध घरों पर भेजा इसके लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया करवाया।

अयोध्या - अनुज कुमार झा

प्रदेश में हर घर को सामान पहुंचाने और भोजन पहुंचाने का काम जिस तरह से किया जा रहा है उसका विचार सबसे पहले जिलाधिकारी अयोध्या अनुज कुमार झा के मन में ही आया था। उन्होंने अपने जिले में ऐसी व्यवस्था की जिससे किसी को लाकडाउन का पालन करने में दिक्कत न हो। इसके बाद यह विचार राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में अपनाया। यह नीति इतनी सफल रही कि लोगों को राशन को लेकर अबतक किसी भी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ रहा है। शासन की मंशा के अनुरूप जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तड़के तीन बजते ही रामलला को नए अस्थायी मंदिर में विराजमान किया तो पूरा प्रदेश अचरज मे पड गया। इस ऐतहासिक काम में अनुज कुमार झा की भूमिका सराहनीय रही।

जौनपुर - दिनेश कुमार सिंह

जौनपुर के जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह बातचीत में जितने नम्र हैं उतने ही कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कड़क हैं। हर गरीब को उसका सरकारी हक मिले। इसके लिए वह स्वयं फील्ड में निकलकर हकीकत जान लेते हैं और उनको कोरोना से बचने का उपाय भी बताते हैं। प्रदेश के वह अकेले डीएम हैं जो खुद गांवों का दौरा कर उनका राशन कार्ड बनवातेे हैं और राशनकार्ड न होने पर भोजन का पैकेट भी देते हैं। हाल ही में उन्होंने एक ग्राम प्रधान के खिलाफ कार्रवाई कर उसे जेल भी भिजवा दिया। जिसने मनरेगा के पैसे को हड़प लिया था। लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए शहर के 39 वार्डों में 195 कोरोना वारियर्स लगाए गए हैं। प्रत्येक वार्ड में पांच-पांच वॉरियर्स लगाए गए हैं। कोरोना से बचाव के लिए वारियर्स अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं।

गोरखपुर - विजयेन्द्र पांडियन

जिले की पचास लाख से अधिक की आबादी के लिए सच्चे कोरोना वारियर्स बनकर दिन-रात सेवा में जुटे जिलाधिकारी के.विजयेंद्र पांडियन इस संकट की घड़ी में तड़के उठकर जनपद का भ्रमण कर आश्वस्त होते हैं। एक-एक अधिकारी से बात कर समस्याओं को दूर करते हैं। डीएम विजयेन्द्र पांडियन ने हर जरूरतमंद को भोजन मिले, इसके लिए कम्युनिटी किचन की व्यवस्था कर तीन आइएएस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है। वह प्रतिदिन 10 हजार लोगों को भोजन व दो हजार से अधिक परिवारों में खाद्यान्न का वितरण करवाने का काम कर रहे है। बेसहारा जानवरों को लेकर भी जिलाधिकरी भी खूब काम कर रहे हैं। रोजाना एक टीम अलग-अलग क्षेत्रों में भ्रमण कर निराश्रित गौवंश और स्वानों को खाना खिला रही है।

रायबरेली - शुभ्रा सक्सेना

जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना के नेतृत्व में प्रशासन के अफसरान हर छोटी-बड़ी चीजों पर अपनी निगाह बनाए हुए हैं। यहां लगभग 13000 लोगों को क्वारंटाइन में रखा गया है। जो अपने आप में यह एक रिकार्ड है। डीएम शुभ्रा सक्सेना ने कोरोना से लड़ने के लिए एप की शुरुआत की शुरूआत भी की है। इस एप्लिकेशन का आईडिया डीएम शुभ्रा सक्सेना का ही था । इसके पहले आईटी विभाग में काम करने का उन्हे अनुभव था जो कोरोना की लड़ाई में काम आया है। अपने इस अनूठे कार्य से वह पूरे प्रदेश में इन दिनों चर्चा का विषय बन गयी है। इसके अलावा सरकार के आदेशों से आगे बढ़ कर वह अपने स्तर पर भी कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रही है।

वाराणसी - कौशलराज शर्मा

कई बडे जिलों के डीएम का कार्यभार संभाल चुके कौशलराज शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में लाकडाउन के दौरान नागरिकों को किसी भी तरह की दिक्कत न हो उसके सारे इंतजाम कर रखे हैं। कौशल राज शर्मा ने कोरोना वैश्विक महामारी के संक्रमण एवं उससे बचाव के लॉक डाउन को देखते हुए वाराणसी की सीमाओं पर प्रवेश व निकास के 14 प्वाइंट बनाए हैं। इन स्थलों पर सीमाओं को सील कर कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किए जाने के लिए उन्होंने 3 मई तक के लिए तीन शिफ्टों में अधिकारियों की तैनाती की है। जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने अपने जिले के विद्यालयों के छात्रों की फीस जमा न होने पर नाम न काटने के निर्देश दिए और अप्रैल से जून तक की फीस अभी ना जमा कराने को कहा है। कौशल राज की इस पहल को कई जिलाधिकारियों ने भी अपने यहां लागू कराकर अभिभावकों को बड़ी राहत देने का काम किया है।

नोएडा - सुहास एल वाई

पिछले साल जब प्रयागराज में जब महाकुंभ हुआ तो उस समय भी सुहास एल वाई यहां के डीएम थे। इस दौरान उन्होने शहर की साफ-सफाई और साज-सज्जा हर काम को बेहतरीन तरीके से निभाया। प्रयागराज, आजमगढ़, जौनपुर, सोनभद्र, महाराजगंज और हाथरस के डीएम रह चुके सुहास एल वाई अपने काम के दम पर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पसंदीदा अफसरों में शुमार हैं। यही कारण है कि मुश्किल हालात में इन्हें नोएडा की जिम्मेदारी दी गई है। यूपी में सबसे पहले प्रभावित होने वाले गौतमबुद्धनगर (नोएडा) के जिलाधिकारी सुहास एल वाई ने जिस समय कार्यभार संभाला उस समय हालात बेहद बिगड चुके थे। लेकिन उन्होंने चार्ज लेते ही पूरी स्थिति का तेजी से अध्ययन किया और हालात को पूरी तरह से संभालने में कामयाब रहें। पांश इलाकों से लेकर झुग्गी झोपड़ियो तक पहुंची इस महामारी को लेकर सबसे अधिक 27 हाटस्पाट क्षेत्र बनाए गए हैं।

हापुड़ - अदिति सिंह

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के नजदीक हापुड की जिलाधिकारी अदिति सिंह ने 31 मार्च को कोरोना संक्रमित वृद्ध व थाइलैंड के आठ अन्य लोगों समेत 15 को आइसोलेट कर एक बड़ी चुनौती का मुकाबला किया। जिला प्रशासन ने हावल गांव के एक किलोमीटर के क्षेत्र को सील करने के बाद सैनिटाइज का कार्य युद्धस्तर पर शुरू करवाया। हापुड़ के थाना सिंभावली के गांव बक्सर में तब्लीगी जमात के दो और कोरोना पॉजेटिव मामले सामने आने के बाद कोरोना के मरीजों की बढती संख्या पर रोक लगायी। जमातियों में कोरोना वायरस के बाद डीएम अधिकारियों सहित मौके पर पहुंचीं और गांव बक्सर को तीन किलोमीटर की परिधि में सील कर सेनेटाइज करने का काम शुरु करवाया। डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर शिकायतों का समाधान करने में मार्च में हापुड़ ने प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है।

कानपुर- ब्रम्हदेव तिवारी

जनसंख्या के लिहाज से इस संकट के समय प्रदेश के सबसे बड़े शहर को संभालना कोई आसान काम नहीं हैं। मेघालय काडर के आईएएस अधिकारी ब्रम्हदेव तिवारी बेहद धार्मिक हैं। विभिन्न विभागों में बडी जिम्मेदारी निभाने के बाद पहली बार डीएम का कार्यभार संभाला तो धार्मिक क्षेत्र कानपुर के लोगों के दिलों में उन्होंने जल्द ही अपनी जगह बना ली। चार महीने पहले ही जिले का चार्ज लेने वाले ब्रम्हदेव तिवारी कोरोना संकट के समय भी जिस तरह अपनी जिम्मेदारी को बेहतरी से निभा रहे हैं उसे लेकर यहां के लोग बेहद संतुष्ट दिख रहे हैं। शासन के आदेशों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए तीन एलईडी वैन के माध्यम से भी प्रचार प्रसार कराया जा रहा है। आम आदमी को डीएम से जोड़ने के लिए उन्होंने सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल किया है जिससे जनता को हर जानकारी समय से मिल रही है।

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Journalist & Director - Newstrack.com

Journalist (Director) - Newstrack, I Praveen Singh Director of online Website newstrack.com. My venture of Newstrack India Pvt Ltd.

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