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'आदमियों में बहुत सारे दोष होते हैं, लेकिन औरतों में सिर्फ दो': खुशवंत सिंह

लव, लस्ट, शराब और महिलाएं, खुशवंत सिंह के कुछ सबसे प्रिय विषयों में से एक थे। उन्होंने इन विषयों पर खूब लिखा। अपने जीवनकाल में 80 से ज़्यादा किताबें लिखी थी।

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Published on: 19 March 2021 7:00 PM IST
आदमियों में बहुत सारे दोष होते हैं, लेकिन औरतों में सिर्फ दो: खुशवंत सिंह
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खुशवंत सिंह का जन्म 2 फरवरी 1915 को पंजाब के हदाली में हुआ था। उन्होंने लॉ की पढ़ाई करने के बाद 8 साल तक वकील की नौकरी की थी। बाद में पत्रकारिता को चुना।  

नई दिल्ली: 20 मार्च को देश के जाने-माने लेखक, पत्रकार और स्तंभकार खुशवंत सिंह की पुण्यतिथि है। वर्ष 2014 में 99 साल की उम्र में ह्रदय गति रुक जाने के कारण खुशवंत सिंह का निधन हो गया था।

दुनिया को अलविदा कहने के बाद भी लोग उन्हें आज भी उनके लिखे लेख के लिए याद करते हैं। उन्होंने तकरीबन 80 किताबें लिखीं। जिसमें से ज्यादातर बेस्ट सेलर रहीं।

‘ट्रेन टू पाकिस्तान और कंपनी ऑफ वूमन’ जैसी चर्चित किताब उनकी ही लिखी हुई है। जिसे आज भी लोग खोज-खोजकर पढ़ते हैं। उनके लेखन को पसंद करने वाले लोगों में न केवल पुराने जमाने बल्कि आज के युवा भी शामिल हैं।

वे अपनी बात को बड़े ही स्पष्ट और बिना लाग- लपेट के अपने लेख के जरिये पाठकों के सामने रखा करते थे। तो आइए आज हम आपको उनका जीवन परिचय और उनके 6 चर्चित कोट्स के बारें में बताते हैं।

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Khushwant Singh 'आदमियों में बहुत सारे दोष होते हैं, लेकिन औरतों में सिर्फ दो': खुशवंत सिंह(फोटो:सोशल मीडिया)

लॉ की पढ़ाई करने के बाद 8 साल तक वकील की नौकरी, फिर पत्रकारिता को चुना

खुशवंत सिंह का जन्म 2 फरवरी 1915 को पंजाब के हदाली में हुआ था। उन्होंने लॉ की पढ़ाई करने के बाद 8 साल तक वकील की नौकरी की थी। बाद में पत्रकारिता को चुना। उन्होंने कई बड़े संस्थानों में उच्च पदों पर भी काम किया।

लव, लस्ट, शराब और महिलाएं, उनके कुछ सबसे प्रिय विषयों में से एक थे। उन्होंने इन विषयों पर खूब लिखा। अपने जीवनकाल में 80 से ज़्यादा किताबें लिख डाली। 20 मार्च 2014 को 99 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।

पद्मभूषण से किया गया था सम्मानित

उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित भी किया गया था। उनके बारें में कहा जाता है कि वे शराब की तारीफ करते थे, लव-लस्ट के बारे में लिखना उन्हें पसंद था, वे भगवान में विश्वास नहीं करते थे और अपने काम को ही भगवान मानते थे।

खुशवंत सिंह भले ही आज इस दुनिया में नहीं हैं। लेकिन अगर कोई उनके बारें में ये बात जानना चाहता है कि उनका स्वभाव कैसा था? वे क्या सोचते थे? महिलाओं को लेकर उनके विचार कैसे थे? तो ये तमाम बातें आज भी उनके लिखे कोट्स के जरिये कोई ही जान सकता है।

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Khushwant Singh 'आदमियों में बहुत सारे दोष होते हैं, लेकिन औरतों में सिर्फ दो': खुशवंत सिंह(फोटो:सोशल मीडिया)

यहां पढ़ें चर्चित कोट्स

1.सभी मर्दों की गैर मौजूदगी में महिलाएं पवित्र हैं - खुशवंत सिंह

2.आदमियों में बहुत सारे दोष होते हैं, लेकिन औरतों में सिर्फ दो, वो सभी कुछ जो वो कहती हैं, और जो वो करती हैं - खुशवंत सिंह

3.मैं एक गंभीर व्यक्ति नहीं हूं। मैं अपने लेखन में किसी के लिए गहनता का दावा नहीं करता - खुशवंत सिंह

4.मेरा कोई दोस्त नहीं है। दोस्ती को आगे बढ़ाने के लिए बैठ कर गॉसिप करनी होती है।और मेरा पास इस चीज़ के लिए वक्त नहीं - खुशवंत सिंह

5. 'सेक्स' हर आदमी को इसमें दिलचस्पी है, इसके लिए इतना दिखावा क्यों, यह मजेदार है, यह दिलचस्प है, इसके बहुत सारे आयाम हैं - खुशवंत सिंह

6. नैतिकता सिर्फ पैसों की बात है। गरीब इसे अफोर्ड नहीं कर सकते, इसीलिए उनके पास धर्म है - खुशवंत सिंह

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