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इस क्रिकेटर के नाम दर्ज हैं कई बड़े कारनामे, हुई थी ऐसी दर्दनाक मौत
जब से टी 20 क्रिकेट शुरू हुआ है तब से बल्लेबाजो द्वारा बड़े शॉर्ट लगाना आम बात हो गई है।आएं दिन बल्लेबाजो द्वारा बड़े शॉट को लेकर कई नये रिकॉर्ड देखने को मिलते है, लेकिन क्रिकेट के इतिहास में ऐसा कई बार हुआ है जब बल्लेबाज ने ऐसा शॉर्ट खेला हो
नई दिल्ली: जब से टी 20 क्रिकेट शुरू हुआ है तब से बल्लेबाजो द्वारा बड़े शॉर्ट लगाना आम बात हो गई है।आएं दिन बल्लेबाजो द्वारा बड़े शॉट को लेकर कई नये रिकॉर्ड देखने को मिलते है, लेकिन क्रिकेट के इतिहास में ऐसा कई बार हुआ है जब बल्लेबाज ने ऐसा शॉर्ट खेला हो और गेंद स्टेडियम से ही बहार चली गई हो। वैसे क्रिकेट के इतिहास का सबसे लम्बा छक्का लगाने का रिकॉर्ड पिछले 80 साल से जिस क्रिकेटर के नाम दर्ज है उसका नाम है अल्बर्ट ट्रॉट।
आज के समय में अलबर्ट ट्रॉट का नाम भले ही अब कम लोग जानते हैं, लेकिन इस क्रिकेटर के नाम कई चौंकाने वाले रिकॉर्ड हैं। दुखद बात ये है कि ऑस्ट्रेलिया में पैदा हुए इस बेहतरीन ऑलराउंडर ने 41 साल की उम्र में खुद को गोली मार ली थी, लेकिन आज भी ट्रॉट के शॉट्स रोमांचित करते हैं।
दो देशों के लिए टेस्ट क्रिकेट खेला
अल्बर्ट ट्रॉट का नाम उन क्रिकेटर में दर्ज है जो इंग्लैण्ड और आॅस्ट्रेलिया दोनो देशो की टीम के लिए क्रिकेट खेल चुके है। ट्रॉट का टेस्ट करियर में महज पांच टेस्ट मैच का रहा। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड दोनों के लिए टेस्ट क्रिकेट खेला। (3 टेस्ट ऑस्ट्रेलिया और 2 टेस्ट इंग्लैंड की ओर से)। ट्रॉट ने जनवरी 1895 में एडिलेड में इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू किया था।
डेब्यू में 8 विकेट लेने वाले पहले बॉलर
ट्रॉट अपने पहले ही टेस्ट की एक पारी में 8 विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज बन गए। उनके बाद से डेब्यू टेस्ट की पारी में अबतक 8 गेंदबाजों ने 8-8 विकेट झटके हैं। लेकिन सबसे कम रन देकर 8 विकेट लेने का रिकॉर्ड आज भी दाहिने हाथ के स्लो बॉलर ट्रॉट के नाम है।
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एक पारी में 8 विकेट लेने वाले खिलाड़ी
अलबर्ट ट्रॉट (ऑस्ट्रेलिया) : 27 ओवर, 8 विकेट, 1895 (विरुद्ध इंग्लैंड- एडिलेड)
बॉब मेसी (ऑस्ट्रेलिया) : 27.2 ओवर, 8 विकेट, 1972 (विरुद्ध इंग्लैंड- लॉर्ड्स)
नरेंद्र हिरवानी (भारत) : 18.3 ओवर, 8 विकेट, 1988 (विरुद्ध वेस्टइंडीज- चेन्नई)
ऑस्ट्रेलिया छोड़ चले गए इंग्लैंड
अलबर्ट ट्रॉट ने ऑस्ट्रेलिया की ओर से तीन टेस्ट में 102.50 की औसत से रन बनाए। फिर भी ऑस्ट्रेलियाई सलेक्टर्स ने उन्हें नहीं महत्व दिया और 1896 के दौरे के लिए टीम में नहीं चुना तो ट्रॉट ने हिम्मत नहीं हारी और वह खुद के खर्च पर इंग्लैंड चले गए। जहां उन्हें काउंटी क्रिकेट में मिडिलसेक्स की तरफ से खेलने का मौका मिल गया। इसी के बाद 1899 में ट्रॉट ने इंग्लैंड की ओर से दक्षिण अफ्रीका में 2 टेस्ट खेले।
एकमात्र क्रिकेटर
1899 में लॉर्ड्स में 31 जुलाई को एमसीसी और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए मैच में ट्रॉट ने ऑस्ट्रेलिया के मॉन्टी नोबल की गेंद पर ऐसा छक्का जमाया कि इतिहास बन गया। ट्रॉट लॉर्ड्स के पवेलियन के ऊपर से छक्का (120 मीटर) जड़ने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं।
एक पारी में दो हैट्रिक का कारनामा
1892-1910 के दौरान ट्रॉट ने 375 प्रथम श्रेणी मैच खेले। विक्टोरिया और मिडिलसेक्स उनकी टीमें रहीं। उन्होंने 21.09 की औसत से 1674 विकेट। बता दें कि, ट्रॉट प्रथम श्रेणी की एक ही पारी में दो हैट्रिक लेने वाले पहले गेंदबाज बन गए थे।
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फैक्ट्स
अलबर्ट ट्रॉट के बाद प्रथम श्रेणी क्रिकेट की पारी में दो हैट्रिक लेने का कारनामा जोगिंदर राव ने किया। 1963-64 में नॉर्दर्न पंजाब के खिलाफ अमृतसर में उन्होंने अपने दूसरे मैच में ही यह उपलब्धि हासिल की।
किया खुदकुशी
1910 में उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट से भी खुद को अलग कर लिया और अंपायरिंग में हाथ आजमाया। इस बीच वह ड्रॉप्सी नामक बीमारी के शिकार हुए। धीरे-धीरे ट्रॉट ज्यादा शराब पीने लगे। इसके बाद लगातार डिप्रेशन में रहे। आखिरकार ट्रॉट ने 30 जुलाई 1914 को खुद को पिस्टल से गोली मार ली।