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खेल में होगा बदलाव: कोरोना के बाद क्या होगा, यहां जानें दिग्गजों की राय
कोरोना के प्रकोप ने मनोरंजन खेल और अर्थव्यवस्था हर क्षेत्र को चोट पहुंचाया है। फिलहाल तो दुनिया में खेला जाने वाला हर टूर्नामेंट रद्द है। इसी बीच सब ये जानने को उत्सुक है कि इस महामारी से निपटने के बाद खेलों का स्वरुप ऐसा ही रहेगा जैसा पहले था
नई दिल्ली: कोरोना के प्रकोप ने मनोरंजन खेल और अर्थव्यवस्था हर क्षेत्र को चोट पहुंचाया है। फिलहाल तो दुनिया में खेला जाने वाला हर टूर्नामेंट रद्द है। इसी बीच सब ये जानने को उत्सुक है कि इस महामारी से निपटने के बाद खेलों का स्वरुप ऐसा ही रहेगा जैसा पहले था या कुछ बदलाव होगा। इसपर देश के खिलाड़ियों ने अपने विचार रखें हैं।
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सचिन तेंदुलकर
मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने कहा कि फिलहाल तो इस महामारी से सबको एकजुट होकर निपटने की जरूरत हैं। सचिन ने कहा कि कोरोना के बाद उन्हें लगता है कि अपने लार से गेंद को चमकाने का काम करने वाले खिलाड़ी अब सतर्क रहेंगे। खिलाड़ी कुछ समय के लिये गले मिलने से बचेंगे। वे ऐसा मानता हैं। वे शुरू में सतर्क रहेंगे और सामाजिक दूरी बनाये रख सकते हैं।
बजरंग पूनिया
कुश्ती के महारथी पूनिया ने कहा कि यह संपर्क वाला खेल है। जब कुश्ती शुरू होगी तो किसी भी तरह से शारीरिक संपर्क से नहीं बच सकते। लेकिन उन्हें नहीं लगता कि इसको लेकर किसी तरह की झिझक होगी या किसी तरह के बदलाव की संभावना है।
अभिनव बिंद्रा
तीरंदाज बिंद्रा ने कहा कि कोविड-19 के बाद की स्थिति भारत के लिए फायदेमंद हो सकती है। खेल लोगों को जोड़ता है तथा दुनिया भर के हजारों भागीदारों और दर्शकों में खुशी का संचार करता है। भविष्य में सुरक्षा और बचाव पर अधिक ध्यान दिया जाएगा लेकिन खेलों के प्रति आकर्षण कम नहीं होगा।
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एम सी मेरीकोम
बॉक्सर मेरीकॉम ने कहा कि चीजों के फिर से पहले की तरह सामान्य होने में समय लगेगा। यह वायरस दुश्मन है जिसे पूरी तरह से कोई नहीं समझ पाया। खेलों में बदलाव होंगे। मेरा खेल संपर्क वाला है और मैं निजी तौर पर चिंतित हूं कि हम कैसे इससे पार पाएंगे। मुझे इसमें समस्या नजर नहीं आती। लेकिन हां टूर्नामेंटों में स्वच्छता का स्तर काफी ऊपर चला जाएगा।
विजेंदर सिंह
मुक्केबाज़ विजेंदर सिंह का कहना है कि दर्शकों को वापस लाना आसान नहीं होगा क्योंकि लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहेंगे। भारत के बारे में हालांकि कुछ नहीं कहा जा सकता। यहां कुछ भी हो सकता है। लोग लंबे समय से घरों में है और हो सकता है कि वे पहला मौका मिलने पर ही स्टेडियम पहुंच जाएं।
बाईचुंग भूटिया
आज टेलीविजन और डिजीटल प्लेटफॉर्म हमारी जिंदगी के अहम अंग बन गये हैं तब मुझे लगता है कि स्टेडिमयों में दर्शकों की कमी से खेल व्यवसाय प्रभावित नहीं होगा। इन्हें लगता है कि इससे टीवी और डिजीटल प्लेटफॉर्म को फायदा होगा।
बी साई प्रणीत
हम काफी यात्राएं करते हैं और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों की बहाली के बाद अब लगता है कि कोई भी चीन, कोरिया और यहां तक कि यूरोपीय देशों का दौरा करने से घबराएगा। चाहे आप खेल रहे हों या किसी रेस्टोरेंट में खाना खा रहे हों, वायरस के संपर्क में आने डर हमेशा बना रहेगा।
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महेश भूपति
इन्हों ने कहा- खेल नहीं बदलेंगे। कोविड-19 के समाप्त होने के बाद सब कुछ पहले की तरह सामान्य हो जाएगा।
सरदार सिंह
जहां तक ओलंपिक की तैयारियों का सवाल है तो सकारात्मक बात यह है कि टीमों को अभ्यास का अधिक समय मिलेगा लेकिन इसका नकारात्मक पक्ष यह है कि उन्हें नये सिरे से रणनीति बनानी होगी। एक बार खेल शुरू होने के बाद सामाजिक दूरी के नये मायने होंगे। यह देखना होगा कि संपर्क वाले खेलों जैसे मुक्केबाजी, कुश्ती में इसे कैसे लागू किया जाता है। हाकी और फुटबॉल में भी करीबी संपर्क आम बात है।