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दिल्ली टेस्ट : विजय का शतक पूरा, कोहली शतक के करीब
भारत के कप्तान विराट कोहली ने शनिवार (2 दिसंबर) को फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेले जा रहे तीसरे और निर्णायक टेस्ट मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया है।
नई दिल्ली: मुरली विजय (नाबाद 101) के शतक और कप्तान विराट कोहली (नाबाद 94) के शानदार अर्धशतक के दम पर भारत ने फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेले जा रहे तीसरे एवं निर्णायक टेस्ट मैच के पहले दिन श्रीलंका के खिलाफ चायकाल तक 57 ओवरों में दो विकेट के नुकसान पर 245 रन बनाते हुए अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। विजय और कोहली के बीच अभी तक 167 रनों की साझेदारी हो चुकी है। कोहली ने चायकाल तक 101 गेंदों का सामना किया है और 14 चौके लगाए हैं जबकि विजय ने 165 गेंदों की पारी में नौ बार गेंद को सीमा रेखा के पार पहुंचाया है।
विजय का यह टेस्ट करियर का 11वां शतक है। इससे पहले नागपुर में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भी विजय ने शतक जड़ा था। यह उनका लगातार दूसरा टेस्ट शतक है। दूसरे सत्र में भारत ने अपने खाते में 129 रन जोड़े।
पहले सत्र में नाबाद लौटने वाले विजय और कोहली ने दूसरे सत्र में भारत को कोई भी झटका नहीं लगने दिया। मेजबान टीम ने पहले सत्र का अंत दो विकेट के नुकसान पर 116 रनों के साथ किया था। पहले सत्र में भारत ने शिखर धवन (23) और चेतेश्वर पुजारा (23) के विकेट खोए थे।
लेकिन दूसरे सत्र में श्रीलंकाई गेंदबाजों के हाथों कोई भी सफलता नहीं लगी। इस सत्र में भारतीय कप्तान विजय से ज्यादा प्रभावी दिखे। उन्हें गैप ढ़ूढ़ने में कोई परेशानी नहीं हुई। वे आसानी से गेंद को सीमा रेखा के पार पहुंचा रहे थे। इसी बीच उन्होंने 37वें ओवर की पहली और दूसरी गेंद पर लगातार दो चौके जड़ अपना अर्धशतक पूरा किया जिसके लिए उन्होंने सिर्फ 52 गेंदें ली और 10 चौके मारे।
इसी के साथ कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में 5,000 रन भी पूरे कर लिए। वह इस मुकाम तक पहुंचने वाले भारत के 11वें बल्लेबाज हैं। साथ ही वह सबसे तेज 5,000 रन पूरे करने वाले भारत के चौथे बल्लेबाज हैं। उनसे पहले सुनील गावस्कर ने 95, वीरेंद्र सहवाग ने 98 सचिन तेंदुलकर ने 103 पारियों में 5,000 पूरे किए थे। कोहली ने 105वीं पारी में यह मुकाम हासिल किया है।
वहीं पिछले मैच में शतक जड़ने वाले विजय इस मैच के पहले दिन दूसरे सत्र की शुरुआत में थोड़ा खामोश रहे। पहले ही सत्र में 51 रन बनाने वाले विजय ने दूसरे सत्र में 52 रन जोड़े जबकि कोहली ने इस सत्र में 77 रन बनाए। भारत ने पहले सत्र में 4.29 की औसत से रन बनाए थे।
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरे भारत के बल्लेबाजों को बल्लेबाजी के मुफीद इस विकेट पर रन बनाने में कोई परेशानी नहीं हुई। इस मैच से वापसी कर रहे धवन और विजय इत्मिनान से बल्लेबाजी कर रहे थे। तेज गेंदबाजों को सफलता हाथ न लगती देख श्रीलंकाई कप्तान दिनेश चंडीमल ने दिलरुवान परेरा को गेंद थमाई। वह भी ज्यादा प्रभाव नहीं छोड़ सके। हालांकि विकेट लेने में वह किसी तरह सफल रहे।
10वां ओवर फेंक रहे परेरा की आखिरी गेंद पर धवन ने ऑफ स्टम्प के बाहर से स्वीप शॉट खेला जिसे लकमल ने लड़खड़ाते हुए लपक लिया। कैच लेने से पहले ही लकमल गिर गए थे लेकिन फिर भी उन्होंने कैच पकड़ अपनी टीम को पहली सफलता दिलाई। धवन ने 35 गेंदों में चार चौकों की मदद से 23 रनों की पारी खेली। वह 42 के कुल स्कोर पर आउट हुए।
धवन टेस्ट में परेरा के 100वें शिकार बने। परेरा श्रीलंका के लिए सबसे तेज 100 विकेट लेने वाले गेंदबाज भी बन गए। इसके लिए उन्होंने 25 टेस्ट मैच लिए। उनसे पहले मुथैया मुरलीधरन ने 27 टेस्ट मैचों में 100 विकेट पूरे किए थे।
धवन के जाने के बाद पुजारा और विजय की जोड़ी एक बार फिर मैदान पर थी। पुजारा और विजय दोनों ने कुछ शानदार शॉट खेले। इसी बीच पुजारा, श्रीलंकाई कप्तान चंडीमल की रणनीति में फंस गए। चंडीमल ने लाहिरू गामागे की गेंद पर लेग स्लिप लगाई। पांव पर पटकी गेंद पर पुजारा ने फ्लिक किया जिसे लेग स्लिप पर सदिरा समाराविक्रमा ने शानदार तरीके से लपक पुजार की पारी का अंत किया।
पुजारा ने 23 रन बनाए, जिसके लिए उन्होंने 39 गेंदें खेली और चार चौके लगाए।
उनके बाद क्रीज पर उतरे कप्तान ने घरेलू मैदान पर विजय का अच्छा साथ दिया। पहले सत्र का खेल खत्म होने तक कोई और विकेट नहीं गिरने दिया था।