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कोरोना वैक्सीन पर ये क्या बोल गए हरभजन सिंह, अब जमकर हो रहे ट्रोल

भारतीय ऑफ स्पिनर भज्जी ने ट्वीट किया, ' फाइजर और बायोटेक वैक्सीन की ऐक्सूरेसी- 94 प्रतिशत, मोडेर्ना वैक्सीन- 94.5 प्रतिशत, ऑक्सफर्ड वैक्सीन- 90 प्रतिशत....भारतीयों की रिकवरी रेट (बिना वैक्सीन)- 93.6 प्रतिशत...क्या भारतीयों को वाकई वैक्सीन की जरूरत है।

Newstrack
Published on: 3 Dec 2020 7:44 AM GMT
कोरोना वैक्सीन पर ये क्या बोल गए हरभजन सिंह, अब जमकर हो रहे ट्रोल
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कोरोना वैक्सीन पर ये क्या बोल गए हरभजन सिंह, अब जमकर हो रहे ट्रोल

नई दिल्ली: कोरोनावायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। अबतक 95 लाख से अधिक लोग इस महामारी से संक्रमित हो चुके हैं। इस से कोरोना की वैक्सीन को आने में टाइम हैं। रिपोर्ट के अनुसार देश में 3 वैक्सीन का ट्रायल तीसरे चरण पर असरदार बताई गई है। पीएम नरेंद्र मोदी लैब का जायजा कर रहे हैं। लेकिन इसी बीच भारतीय क्रिकेटर और स्पिनर हरभजन सिंह ने कोरोना वैक्सीन को लेकर एक ट्वीट किया है।

हरभजन सिंह ने किया ट्वीट

उस ट्वीट वो ट्रोल किये जा रहे हैं। भारतीय ऑफ स्पिनर भज्जी ने ट्वीट किया, ' फाइजर और बायोटेक वैक्सीन की ऐक्सूरेसी- 94 प्रतिशत, मोडेर्ना वैक्सीन- 94.5 प्रतिशत, ऑक्सफर्ड वैक्सीन- 90 प्रतिशत....भारतीयों की रिकवरी रेट (बिना वैक्सीन)- 93.6 प्रतिशत...क्या भारतीयों को वाकई वैक्सीन की जरूरत है। हरभजन के इस ट्वीट पर लोग सोशल मीडिया पर रिऐक्ट कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि वैक्सीन की असर क्षमता का आंकलन 93.6 प्रतिशत ठीक होने वाले लोगों पर नहीं किया गया। ये उन 6.4 प्रतिशत लोगों के लिए हैं जो रिकवर नहीं हो पा रहे हैं।

haribhajan singh

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यूजर ने कहा स्पेशलिस्ट गेंदबाजों की क्या जरुरत

वहीं किसी यूजर ने उन तंज कसते हुए कहा कि आप वॉट्सऐप फैमिली ग्रुप की तरह बात कर रहे हो। यूजर ने उन पर निशाना साधते हुए लिखा है कि जब भारतीय बल्लेबाज 350 रन चेज कर सकते हैं तो फिर हमें स्पेशलिस्ट गेंदबाजों की क्यों जरूरत पड़ती है, पार्ट टाइम गेंदबाज से भी काम चल सकता है, जब स्पिनर गेंदबाजी कर रहा होता है तो हम पैड क्यों लगाते हैं, हमारी हड्डियां इतनी मजबूत होती तो हैं।

हरभजन से कहा विज्ञान सिख लीजिये

वहीं एक यूजर ने इस ट्वीट पर कहा कि पहले विज्ञान लिख लेते तो ऐसी ट्वीट ना करते आगे कहा अगर आपको पता हो की विमान के पांच प्रतिशत भी क्रैश होने का खतरा है तो क्या आप उसमें सवार होंगे? 93.6% रिकवरी रेट का मतलब है कि 6.4% गंभीर बीमार या फिर मर सकते हैं। अब 1.4 बिलियन आबादी का 6.4% जोड़ लीजिए। गणित लगाइए और ट्वीट करने से पहले विज्ञान जान लीजिए.''

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