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नहीं रहे हॉकी कमेंटेटर जसदेव सिंह
नई दिल्ली: हॉकी सहित विभिन्न खेलों का आंखों देखा हाल सुनाने वाले देश के बेहद लोकप्रिय कमेंटेटर जसदेव सिंह की आवाज आज खामोश हो गई। राजधानी दिल्ली में लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे। उनके परिवार में एक बेटा और एक बेटी है। जसदेव सिंह को पद्मश्री और पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। आवाज के जादूगर जसदेव के निधन पर खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ व तमाम खेलप्रेमियों ने शोक प्रकट किया है।
1963 से कर रहे थे कमेंट्री
जसदेव सिंह 1963 से सरकार द्वारा संचालित मीडिया दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो के लिए कॉमेंट्री करते आ रहे थे। उन्होंने 1955 में जयपुर में ऑल इंडिया रेडियो में काम करना शुरू किया और आठ साल बाद वह दिल्ली आ गए। करीब 35 साल तक उन्होंने दूरदर्शन में काम किया। वे स्वतंत्रता दिवस तथा गणतन्त्र दिवस की परेडों की भी कमेंटरी किया करते थे। जसदेव सिंह ने नौ ओलम्पिक खेलों, आठ हॉकी विश्व कप और छह एशियाई खेलों की कमेंटरी की। उन्हेंओलम्पिक आर्डर भी प्रदान किया गया।
जसदेव सिंह ने आकाशवाणी में उर्दू एवं हिंदी समाचार वाचक के रूप में काम शुरू किया था। बाद में जयपुर रेडियो स्टेशन में उद्घोषक नियुक्त किये गए। लेकिन जसदेव सिंह ने कमेंटेटर के रूप में अपनी पहचान बनाई। जसदेव सिंह विशेषकर हॉकी कमेंटेटर के रूप में जाने जाते हैं।
खेल प्रेमियों के बीच थे खासा लोकप्रिय
दूरदर्शन पर 70 और 80 के दशक में रवि चतुर्वेदी और सुशील दोशी के साथ जसदेव सिंह खेल-प्रेमियों के लिए जाना माना नाम थे। चतुर्वेदी और दोशी मुख्य रूप से क्रिकेट कमेंट्री में थे जबकि जसदेव सिंह ओलिंपिक खेलों की कमेंटरी के लिए जाने जाते थे।
खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। राठौड़ ने ट्वीट किया, ‘मुझे यह जान कर काफी दुख हुआ कि बेहतरीन कमेंटेटर रहे जसदेव सिंह का निधन हो गया।