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PM मोदी ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का किया शुभारंभ, कही ये बड़ी बात

प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार आयोजित हो रहे ‘खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स’ का शुभारंभ शनिवार शाम को वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए किया। 22 फरवरी से लेकर एक मार्च तक चलने वाले इस महाकुंभ की शुरुआत करते हुए पीएम ने कहा, 'मैं आपके साथ टेक्नॉलॉजी के माध्यम से जुड़ रहा

suman
Published on: 22 Feb 2020 2:42 PM GMT
PM मोदी ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का किया शुभारंभ, कही ये बड़ी बात
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भुवनेश्वर: प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार आयोजित हो रहे ‘खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स’ का शुभारंभ शनिवार शाम को वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए किया। 22 फरवरी से लेकर एक मार्च तक चलने वाले इस महाकुंभ की शुरुआत करते हुए पीएम ने कहा, 'मैं आपके साथ टेक्नॉलॉजी के माध्यम से जुड़ रहा हूं, लेकिन वहां जो माहौल है, जो उत्साह है, जो जुनून है, जो ऊर्जा है, उसको मैं अनुभव कर सकता हूं। ओडिशा में नया इतिहास बना है। भारत के इतिहास में पहले खेलों इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की शुरुआत आज से हो रही है।'

बता दें कि देश भर के 150 से भी अधिक विश्‍वविद्यालयों के लगभग 3500 ऐथलीट इस आयोजन में भाग लेंगे। आने वाले सालों में खेलों में मेडल जीतने के लक्ष्य का करते हुए पीएम बोले, 'भारत उन देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है, जिन देशों में खेलों की लीग होती है। भारत के 3 हजार से अधिक युवा खिलाड़ियों को बहुत बहुत बधाई। साथियों आने वाले सालों में कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स, एशियन पैरा गेम्स और यूथ गेम्स में 200 से अधिक मेडल जीतने का लक्ष्य तो है ही, उससे भी अहम आपके अपने प्रदर्शन में सुधार, आपके खुद के सामर्थ्य को नई ऊंचाई देना है। भुवनेश्वर में किया गया आपका प्रदर्शन आपके सपनों को, देश को सपनों को और आपके परिवार के सपनों को आगे बढ़ाएगा।

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क्रांति की शुरुआत

इस दौरान पीएम ने कहा, 'आज का दिन सिर्फ टूर्नामेंंट की शुरुआत मात्र नहीं है, बल्कि खेलो इंडिया की शुरुआत खेलों के लिए क्रांति है। यह राष्ट्रव्यापी अभियान है। इसे यूनिवर्सिटी लेवल के लिए शुरू किया गया है। इससे देश में महज 3 वर्षों में ऐथलीटों की संख्या 3 हजार से बढ़कर 6 हजार से भी अधिक हो गई है। यानी संख्या सीधे दोगुनी हो गई है। खेल और उसकी सुविधाओं में भी गजब का सुधार आया है।'

उन्होंने खेलो इंडिया के दौरान टूटे रिकॉर्डों की बात करते हुए कि इस खेल के दौरान कुल 80 रिकॉर्ड टूटे हैं। 80 में से 56 रेकॉर्ड बेटियों के नाम रहे हैं। पहले ऐसा नहीं था। अब युवाओं को न केवल मौके मिले हैं, बल्कि उन्हें एक बड़ा मंच भी मिला है। उन्होंने खेलों इंडिया से फायदे को बताते हुए कहा- खेलो इंडिया अभियान तो युवा टैलेंट को पहचानने का जरिया बना है। स्पोर्ट्स के प्रमोशन टैलेंट की पहचान हो या ट्रेनिंग हो या फिर चयनप्रक्रिया हो। हर तरफ ट्रांसपरेंसी को बढ़ावा दिया गया है। इसका असर इंटरनेशनल लेवल पर भी देखने को मिला है।

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ये है शामिल

इस प्रतियोगिता में तीरंदाजी, ऐथलेटिक्स, मुक्केबाजी, तलवारबाजी, जूडो, तैराकी, भारोत्तोलन, कुश्ती, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, फुटबॉल, हॉकी, टेबल टेनिस, टेनिस, वॉलीबॉल, रग्बी और कबड्डी सहित कुल 17 खेलों का आयोजन होगा। इस टूर्नमेंट का लक्ष्य भारत को खेलों की दुनिया में अहम स्थान दिलाना है। इस अवसर पर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, केंद्रीय खेल मंत्री कीरण रिजिजू और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान भी उपस्थित थे। स्टार धाविका दुती चंद भी इन खेलों का हिस्सा हैं। उनमें मेंगलुरु विश्वविद्यालय के त्रिकूद के ऐथलीट जय शाह, उनके साथी लंबी दौड़ के धाविक नरेंद्र प्रताप सिंह, पुणे विश्वविद्यालय की लंबी दूरी की धाविका कोमल जगदाले और आचार्य नागार्जुन विश्वविद्यालय की धाविका वाई ज्योति भी शामिल हैं।

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