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बॉलीवुड से हॉलीवुड तक इंडियन ताइक्वांडो का डंका, किरण और नीतू ने बनाई पहचान

Newstrack
Published on: 28 Oct 2017 1:12 PM IST
बॉलीवुड से हॉलीवुड तक इंडियन ताइक्वांडो का डंका, किरण और नीतू ने बनाई पहचान
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लखनऊ : महिला सुरक्षा आज देश की बहुत बड़ी चिंता है। ऐसे में जब देश की बेटियां अपने जज्बे को कौशल में ढालकर मिसाल बनती हैं तो सभी को गर्व होता है। किरण उपाध्याय और नीतू चंद्रा की पहचान एक ऐसे खेल से होती है जो आत्मरक्षा के लिए जाना जाता है। ताइक्वांडो के इस खेल की बारीकियों का जमकर अभ्यास करके किरन ने उस प्रतिमान को गढ़ा है जो देश की हर लडक़ी को छू जाता है। देश की पहली महिला ब्लैकबेल्ट को इस मुकाम पर पहुंचने में हर वह संकट झेलना पड़ा जो एक आम लडक़ी को झेलना पड़ता है।

समाजिक रूढिय़ों को बतौर चुनौती लेते हुए किरण ने मां को अपना संबल माना और निकल पड़ी उस कहानी को गढऩे जो आज लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज है। राजधानी में हाल में ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया की 41वीं वर्षगांठ मनाई गई। इस मौके पर बॉलीवुड अदाकारा नीतू चंद्रा, देश की पहली महिला ब्लैक बेल्ट किरण उपाध्याय, बॉलीवुड अभिनेता टाइगर श्रॉफ को बचपन से ताइक्वांडो सिखाने वाले कोच महेंद्र मोहन जायसवाल ने शिरकत की। इस मौके पर इन्हें ताइक्वांडो हाल ऑफ फेम सम्मान से नवाजा गया। इस दौरान सुधांशु सक्सेना और अनूप ओझा ने इन हस्तियों से खास बातचीत की।

• 1975 में लखनऊ में ताइक्वांडो की शुरुआत हुई। 1976 में ताइक्वांडो फेडरेशन की स्थापना हुई।

• इसे ताइक्वांडो मास्टर जिम्मी आर जगतियानी ने स्थापित किया।

• 1977 में फेडरेशन की दूसरी वर्षगांठ पर ताइक्वांडो मास्टर जिम्मी जगतियानी को भारत में ताइक्वांडो का गुरु माना गया।

• 1980 में भारत में ताइक्वांडो की पहली नेशनल प्रतियोगिता बंगलुरु में हुई, जिसमें यूपी के कई खिलाडिय़ों ने उम्दा प्रदर्शन किया।

हॉलीवुड में होगा इंडियन ताइक्वांडो का प्रदर्शन

नीतू चंद्रा :अभिनेत्री नीतू चंद्रा ने बताया कि उनका ताइक्वांडो का सफर काफी रोचक रहा है। उन्होंने 1993 में ताइक्वांडो ज्वाइन किया। 1997 में इंडिया को पहली बार रिप्रेजेंट किया। वे 1997, 1999 और 2002 में इंडिया को रिप्रेजेंट कर चुकी हैं। अब इसकी गूंज हॉलीवुड में सुनाई देगी। वे हॉलीवुड में कुछ एक्शन मूवीज करने वाली हैं जिसमें ताइक्वांडो से भरपूर एक्शन होंगे। इसके अलावा उन्होंने यूपी सरकार से मांग की है कि ताइक्वांडो की शिक्षा को हर स्कूल में अनिवार्य कर दिया जाए।नीतू चंद्रा ने कहा कि ताइक्वांडो उनके लिए एक धर्म की तरह है। आज मैं एक सफल बॉलीवुड एक्ट्रेस हूं और एक प्रोड्यूसर भी हूं। ताइक्वांडो का इसमें बहुत बड़ा रोल है। मेरी फिटनेस का राज ही ताइक्वांडो है। मुझे ताइक्वांडो में नेशन रिप्रेजेंट करने की आदत है। यह आदत बॉलीवुड में भी बनी रही। मुझे नेशनल अवार्ड भी मिले। ताइक्वांडो ने मुझे इतना बल दिया है कि हर फिल्म में मेरा किरदार काफी गहराई लिए होता है। मैं फिल्मों का बारीकी से चुनाव करके उन्हें पूरा करती हूं। ग्लोबली काम कर रही हूं। मैं बिहार से हूं। यूपी-बिहार का कनेक्शन है। रूट्स काफी स्ट्रांग हैं। एक छठ का वीडियो अलका याग्निक के साथ लॉन्च किया है। मुझे क्वालिटी काम पसंद है। ये वीडियो मैंने प्रोड्यूस किया है। इसमें भी मैं ताइक्वाडो की वजह से ही इतनी फिट दिख रही हूं। हमारे पास अच्छे कोच हैं। जरूरत यह है कि उनको विदेशी एडवांस तकनीकों का रिफ्रेशर कोर्स कराया जायेगा। इससे हमारे कोच देश में ताइक्वांडो को एक नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। फिटनेस से लेकर अनुशासन तक सबकी सीख मुझे ताइक्वांडो से मिली है। मेरे विचार से महिला आत्मरक्षा के लिए हर स्कूल व कॉलेज में ताइक्वांडो का प्रशिक्षण देना चाहिए।

neetu chandra

नीतू चंद्रा की बायोपिक अगले साल होगी रिलीज

नीतू चंद्रा ने बताया कि ताइक्वांडो खेलने के कारण ही सिने जगत में आने का मौका मिला। जब 12वीं पास की तो वुमेन एरा मैग्जीन में कवर फोटो के लिए फोटो शूट हुआ। इसके बाद एक-एक करके सिने जगत की सीढिय़ां चढ़ रही हूं। यह सिलसिला अब तक जारी है। मेरी बायोपिक फिल्म ताइक्वांडो बेस्ड होगी। मेरी बायोपिक अगले साल तक रिलीज होगी।

Kiran Upadhyay

संघर्ष के बाद किरण को मिली सफलता

भारत की पहली महिला ब्लैक बेल्ट किरण उपाध्याय ने न्यूजट्रैक डॉट कॉम-अपना भारत को बताया कि वह शाहरुख खान सहित कई बॉलीवुड सितारों के बच्चों को ताइक्वांडो में प्रशिक्षित कर चुकी हैं। वे महाराष्ट्र से हैं। उन्होंने 1978 में ताइक्वांडो ज्वाइन किया। तीन बार उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में आ चुका है। पहली बार 1995 में उन्हें लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड ने अपनी लिस्ट में शामिल किया। यह 1995 में ऐसी फस्र्ट लेडी बनीं, जिन्होंने ताइक्वांडो की फोर्थ डिग्री ली। किरण का कहना है कि मां ने बहुत सपोर्ट किया। बहुत संघर्ष किया, लेकिन अंत में सफलता मिली। उन्हें ताइक्वांडो हाल ऑफ फेम पुरस्कार से नवाजा गया।

mahendra mohan

महेन्द्र मोहन ने टाइगर श्रॉफ को दी है ट्रेनिंग

ताइक्वांडो के सीनियर खिलाड़ी महेंद्र मोहन जायसवाल ने बताया कि उन्होंने 1982 में ताइक्वांडो ज्वाइन किया। टाइगर श्रॉफ को बचपन से सिखाया है। उन्होंने बताया कि उस समय इतनी जागरूकता नहीं थी। आज स्थिति बहुत बेहतर है। 1987 से मुंबई में ताइक्वांडो सिखाया है। इसके अलावा जायद खान को घर पर जाकर ताइक्वांडो के लिए ट्रेन किया है। उनकी सिस्टर सिमोन के बच्चों को भी सिखाया है। उन्हें भी ताइक्वांडो हाल ऑफ फेम पुरस्कार से नवाजा गया।

Jimmy Jagtian

फादर ऑफ ताइक्वांडो को स्पांसर न मिलने का दर्द

जिम्मी जगतियानी को फादर ऑफ ताइक्वांडो इन इंडिया माना जाता है। उन्होंने कहा कि ताइक्वांडो के लिए इतना योगदान करने का मुझे गर्व है। यह 41 वर्षों का संघर्ष है। आज देश में इस खेल के 7 लाख स्टूडेंट हैं, इसमें 50 हजार इंस्ट्रक्टर और 25 रेफरी हैं। हमारी कोशिश है कि हम 2018 में इस खेल की प्रीमियर लीग कराएं, लेकिन अभी कोई स्पांसर नहीं मिल रहा है। यह खेल दूसरे खेल जैसा फाइनेंशियल नहीं है। हां, इस खेल से इंटरनल डेवलपमेंट बहुत अच्छा होता है। उम्मीद है कि इस खेल को और बढ़ावा मिलेगा।

अन्य लोगों की राय

Syed Rafat

सैयद रफत - जिस तरह दीपावली के अवसर पर भगवान राम अयोध्या पहुंचे और उनका उनके भक्तों से पुन:मिलन हुआ। उसी तरह से 41 साल बाद दीपावली के अवसर पर ताइक्वांडो के सभी पुराने दिग्गज आपस में मिले है। अत: भारतीय ताइक्वांडो के इतिहास में यह मौका दीपावली से कम नहीं है।

खेम चंद्र- खिलाडिय़ों को नौकरी ज्यादा मिले, इसके लिए सरकार से अनुरोध किया गया है। ताइक्वांडो का आंदोलन जिम्मी सर के नेतृत्व में नई ऊंचाइयों को छूएगा, ऐसा मेरा विश्वास है।

Mahant Yogesh Puri

महंत योगेश पुरी - खेलों में अगर भारत को महाशक्ति बनाना है तो खेल संघों में खिलाडिय़ों की भूमिका बढ़ानी चाहिए।

M.Dadeem

मो.नदीम- ताइक्वांडो आत्मरक्षा की एक बेहतरीन आर्ट है तथा मुझे विश्वास है कि जिम्मी सर के नेतृत्व में ताइक्वांडो के प्लेयर्स नए कीर्तिमान बनाएंगे।

41 साल बाद मिले ताइक्वांडो के कई पुराने साथी

राजनीति, चिकित्सा व प्रशासनिक क्षेत्र में उपलब्धि हासिल करने वाले ताइक्वांडो प्लेयर्स के एक जगह जमा होने से एकदम किसी कॉलेज की रियूनियन पार्टी जैसा दृश्य बन गया। सम्मानित दिग्गजों ने अपने पुराने साथियों से मुलाकात की और अपने खेल जीवन के दिनों की यादों को दोबारा ताजा किया। सबने इस तरह सम्मानित होने को अमूल्य बताया और कहा कि अपने घर में इस तरह सम्मानित होना अच्छा लगा और ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा भारतीय खेलों के इतिहास में पहली बार हाल ऑफ फेम की स्थापना किया जाना काफी सराहनीय है और इसके लिए फादर ऑफ ताइक्वांडो ऑफ इंडिया जिम्मी आर जगत्यानी और उनकी पूरी टीम बधाई की पात्र है। गोमतीनगर स्थित एक होटल में आयोजित इस समारोह का उद्घाटन अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी व प्रदेश के खेल व युवा कल्याण मंत्री चेतन चौहान ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व केन्द्रीय मंत्री, सांसद एवं ताइक्वांडो संघ के अध्यक्ष कलराज मिश्रा ने की।

इन लोगों का हुआ सम्मान

सैयद रफत (यूपी), सुधीर हलवासिया (यूपी), राकेश लाधानी (यूपी), पीटर जगत्यानी (यूपी), आनंद पांडे (यूपी), अशोक भार्गव (यूपी), हरीश गिडवानी (यूपी), महंत योगेश पुरी (यूपी), एस.जावेद (यूपी), दीपक गिडवानी (यूपी), दिनेश कुमार सिंह (यूपी), मो.नदीम (यूपी), मो.रईस (यूपी), प्रहलाद रूपानी (यूपी), अमित यादव (यूपी), एसएस रिजवी (यूपी), राम गोपाल बाजपेयी (यूपी), शिव पाठक (यूपी), मो.शाहनवाज (यूपी), हरिओम मिश्रा (यूपी), मदन लाल (यूपी), किरन कश्यप (यूपी), संजय तिवारी (यूपी), राकेश गुप्ता (यूपी), संजय राना (यूपी), इश्तियाक अहमद (यूपी), अरूण थापा (यूपी ), रोहिताश्व पोद्दार (महाराष्ट्र), महेंद्र मोहन जायसवाल (महाराष्ट्र), नीतू चंद्रा (महाराष्ट्र), किरन उपाध्याय (महाराष्ट्र), प्रेम गुरंग (महाराष्ट्र), दीपक कुमार (महाराष्ट्र), आशीष पांडे (दिल्ली), नरेश सिंह (दिल्ली), मनोज त्यागी (उत्तराखंड), एम.नगूर (आंध्र प्रदेश) , पी.चैतन्या (आंध्र प्रदेष), ज्ञानेंद्र कुमार उपाध्याय (आर्मी), बीएस हंाडा (चंडीगढ़), अमिता मारवाह (चंडीगढ़), महेश प्रिदलानी (दुबई), वीनू भाई परमा (गुजरात), रमेश खन्ना (हरियाणा), विष्णु कुमार शर्मा (हिमाचल प्रदेश), गौरव अरोड़ा (जम्मू-कश्मीर), अरूण कुमार श्रीवास्तव (झारखंड), अनिल फ्रांसिस (केरल),एम.सुंदरम (कर्नाटक), वाई.खेमचंद (मणिपुर), इंद्र कुमार सिंह (मणिपुर), गजानंद सुनहरे (मध्य प्रदेश), आर.पणिग्रही (ओडिसा), सतपाल रेहल (पंजाब), चरनजीत एस.सूद (राजस्थान), मनोज अग्रवाल (राजस्थान), केवि बाबू राव (तमिलनाडु), जॉन एलेक्जेंडर (तमिलनाडु), के.बाबू (तमिलनाडु), रूपकमल नंदी (पश्चिम बंगाल), गोपाल झा (बिहार)

युवा मंगल दल बदलेगा प्रदेश का माहौल

Sports Minister Chetan Chauhan

इस मौके पर खेल मंत्री चेतन चौहान ने कहा कि अब खेल को प्रोफेशनल के तौर पर लिया जाता है जिसका फायदा प्लेयर्स को मिल रहा है। हम प्रदेश में खेल के माहौल को बेहतर बनाने के लिए युवा मंगल दल बनाएंगे जो गांव-गांव जाकर खेल की नींव मजबूत करेगा। हर जिले से विधायक और सांसद अपने क्षेत्र में स्टेडियम बनाने का निवेदन करते है। यह बदल रहे माहौल का संकेत है। हमारा लक्ष्य है कि अगले दस साल में कम से कम 5 गोल्ड मेडल यूपी को इंटरनेशनल लेवल पर मिले। इसके लिए हमने खेल सुविधाओं को बढ़ाया है। इसके लिए खेल की डायट मनी 100 रुपए से बढ़ाकर 250 रुपए तथा किट मनी 1000 से बढ़ाकर 2500 रुपए की। यहीं नहीं नेशनल खेल अवार्ड से सम्मानित प्लेयर्स को 20 हजार रुपए की मासिक पेंशन भी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि ताइक्वांडो आत्मरक्षा के लिए एक बेहतरीन खेल है तथा आत्मरक्षा के लिए लोगों को ताइक्वांडो का प्रशिक्षण लेना चाहिए।

- देश की पहली महिला ब्लैक बेल्ट किरन उपाध्याय शाहरुख खान के बच्चों को प्रशिक्षित कर चुकी हैं



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