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Neeraj Chopra की कामयाबी से तैयार हो रही खिलाड़ियों की नई पौध, जैवलिन थ्रो के प्रति युवाओं में बढ़ रहा आकर्षण
Neeraj Chopra: दो साल पहले नीरज चोपड़ा के टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद देश के युवाओं में जैवलिन थ्रो के प्रति नया उत्साह दिख रहा है।
Neeraj Chopra: जैवलिन थ्रो की दुनिया में नीरज चोपड़ा ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए पूरे देश को गौरवान्वित किया है। टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद वर्ल्ड एथलेटिक चैंपियनशिप में स्वर्णिम प्रदर्शन करके नीरज चोपड़ा ने पूरे देश का दिल जीत लिया है। दो साल पहले नीरज चोपड़ा के टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद देश के युवाओं में जैवलिन थ्रो के प्रति नया उत्साह दिख रहा है।
बुडापेस्ट में रविवार को विश्व एथलेटिक चैंपियनशिप के दौरान जैवलिन थ्रो के मुकाबले में गजब का नजारा दिखा। यह पहला मौका था जब तीन भारतीय खिलाड़ियों ने विश्व एथलेटिक चैंपियनशिप के टॉप सिक्स में जगह बनाने में कामयाबी हासिल की। जैवलिन थ्रो के मुकाबले में पहले जर्मनी की धाक हुआ करती थी मगर अब भारतीय खिलाड़ियों ने दूसरे देशों को पीछे छोड़ते हुए इस खेल में शानदार प्रदर्शन किया है।
युवाओं में जैवलिन थ्रो के प्रति आकर्षण
खेल के जानकारों का मानना है कि टोक्यो ओलंपिक के दौरान नीरज चोपड़ा को मिली स्वर्णिम कामयाबी से देश के युवाओं में भाला फेंकने के प्रति आकर्षण पैदा हुआ है। पहले भारत के लिए ट्रैक एंड फील्ड प्रतियोगिता में पदक जीतना एक सपने जैसा ही रहा है मगर नीरज चोपड़ा की कामयाबी ने संभावनाओं के नए दरवाजे खोल दिए हैं। यह बात बुडापेस्ट में हुई विश्व चैंपियनशिप में सच साबित होती हुई दिखी है।
भारत के तीन खिलाड़ियों ने एक इवेंट के टॉप सिक्स में पहुंचकर एक नया विश्व कीर्तिमान स्थापित कर दिया। यद्यपि भारत के तीन अन्य खिलाड़ी पदक जीतने में कामयाब नहीं हो सके मगर उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से देशवासियों का दिल जीत लिया।
इन दो खिलाड़ियों ने भी जगाई उम्मीद
नीरज चोपड़ा ने 88.17 मी भाला फेंक कर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया जबकि भारत के डीपी मनु ने तीसरे थ्रो में 83.72 मीटर और भारतीय खिलाड़ी किशोर जेना ने दूसरे थ्रो में 82.82 मीटर दूर जैवलिन फेंकने में कामयाबी हासिल की। मनु पांचवें और किशोर सातवें स्थान पर रहे।
एक उल्लेखनीय बात यह भी है कि मनु और किशोर दोनों पहली बार विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा ले रहे थे जबकि नीरज चोपड़ा ने 2022 की विश्व चैंपियनशिप के दौरान रजत पदक जीतने में कामयाबी हासिल की थी। भारत के एक और खिलाड़ी रोहित यादव को भी प्रतियोगिता में हिस्सा लेना था मगर वे कोहनी के ऑपरेशन के कारण प्रतियोगिता से हट गए थे।
भारतीय खिलाड़ियों में पैदा हुआ आत्मविश्वास
किशोर जेना के कोच समरजीत सिंह मल्ही का कहना है कि नीरज चोपड़ा की उपलब्धियों ने देश के युवाओं में जैवलिन थ्रो के प्रति दिलचस्पी पैदा की है और उनके लिए संभावनाओं के नए दरवाजे खोल दिए हैं। उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भारतीय खिलाड़ियों में एक अलग तरीके का आत्मविश्वास पैदा हुआ है। चोपड़ा ने अपनी उपलब्धियों से यह बात साबित करके दिखा दी है कि भारतीय खिलाड़ी भी विश्व स्तर की एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं में पदक जीतने का दमखम रखते हैं।
पहले भारतीय खिलाड़ियों में इस तरह का आत्मविश्वास नहीं दिखा करता था। अब आत्मविश्वास से लबरेज भारतीय खिलाड़ी आने वाले दिनों में बड़ी कामयाबी हासिल करने में सक्षम दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में जेना भी और बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब होगा।
कई और खिलाड़ी भी जीत सकते हैं पदक
राष्ट्रीय एथलेटिक्स कोच राधाकृष्णन नायर का करना है कि बुडापेस्ट में जैवलिन थ्रो में भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया है। भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन से यह संभावना पैदा हुई है कि आने वाले दिनों में भारत के दो खिलाड़ी भी इस इवेंट में पदक जीत सकते हैं। उन्होंने कहा कि नीरज चोपड़ा के टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद भाला फेंकने के प्रति खिलाड़ियों में गजब की दिलचस्पी पैदा हुई है।
उन्होंने कहा कि कई नए खिलाड़ी इस खेल में दिलचस्पी लेने लगे हैं और अपना दमखम दिखाने को आतुर हैं। भारत के नजरिए से सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भारतीय खिलाड़ियों में अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में पदक जीतने का गजब का आत्मविश्वास पैदा हुआ है। निश्चित रूप से भविष्य में इसका गहरा असर दिखाई देगा और कई खिलाड़ी पदक जीतने की राह पर बढ़ते दिखाई देंगे।