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सचिन को लेकर सामने आई ये बात, उनकी वजह से था टीम का था ऐसा हाल

मांजरेकर ने कहा कि दुर्भाग्यवश टीम पूरी तरह से 1996-1997 तक सचिन पर निर्भर हो गई थी। मांजरेकर ने काहा सचिन एल अलग स्टाइल के खिलाड़ी थे

Aradhya Tripathi
Published on: 18 May 2020 5:45 PM IST
सचिन को लेकर सामने आई ये बात, उनकी वजह से था टीम का था ऐसा हाल
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फिलहाल दुनिया में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते क्रिकेट अभी बंद है। ऐसे में सभी खिलाड़ी ऑनलाइन और सोशल मीडिया के द्वारा ऑनलाइन लाइव कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं। और एक दूसरे से बातचीत कर रहे हैं। ऐसे ही एक लाइव् बातचीत के दौरान पूर्व भारती खिलाड़ी और कमेंटेटर संजय मांजरेकर ने सचिन और टीम इंडिया को लेकर एक बात कही है। मांजरेकर का मानना है कि 90 के दशक में टीम पूरी तरह से सचिन तेंदुलकर पर निर्भर थी।

सचिन एक अलग स्तर के खिलाड़ी- मांजरेकर

दुनिया में हर कोई सचिन तेंदुलकर को जानता है। उन्हें गॉड ऑफ़ क्रिकेट कहा जात है। सचिन के आम क्रिकेट के अधिकतर रिकार्ड हैं। सचिन जब तक इंडिया के लिए खेले टीम की रीढ़ रहे। हर विरोधी टीम सचिन के क्रीज पर रहते खुद को असहज महसूस करते थे। ऐसे में संजय मांजरेकर का कहना है कि टीम इंडिया 90 के दशक में पूरी तरह से सचिन तेंदुलकर पर ही डिपेंड थी। इंस्टाग्राम लाइव पर भारतीय स्पिनर आर आश्विन के साथ बातचीत के दौरान संजय मांजरेकर ने कहा, ''सचिन तेंदुलकर ने साल 1989 में डेब्यू किया।

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एक साल के अंदर उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ 80 रनों की पारी खेली। 1991-1992 में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने पहला शतक बनाया। मांजरेकर ने सचिन के शुरूआती दिनों के बारे में बात करते हुए कहा , '' पूरा विश्व उनकी तरफ उम्मीदों से देख रहा था। उम्र हमेशा से एक मुद्दा थी, वो सिर्फ 17 साल के थे। वो जिस तरह से विश्व स्तर के आक्रमण पर हावी होते थे वो देखने लायक था। हमारे लिए टीम में इसमें कोई शक नहीं था कि यह खिलाड़ी अलग स्तर का खिलाड़ी है।

सचिन में आक्रमकता और निरंतरता थी

कार्यक्रम के दौरान मांजरेकर ने कहा कि दुर्भाग्यवश टीम पूरी तरह से 1996-1997 तक सचिन पर निर्भर हो गई थी। मांजरेकर ने काहा सचिन एल अलग स्टाइल के खिलाड़ी थे। देश में अभी तक इस स्टाइल और फोर्मेट के खिलाड़ी नहीं थे। मांजरेकर ने कहा कि सचिन पर टीम की निर्भरता इस लिए बढ़ गई क्योंकि सचिन में निरंतरता थी। वह बेहद निरंतरता के साथ खेल रहे थे और वो भारत के पहले ऐसे खिलाड़ी थे जो हावी होते और अच्छी गेंदों पर भी रन बनाते थे।

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इस पूर्व खिलाड़ी का कहना है कि सचिन से पहले भारतीय टीम डिफेंसिव खेल खेलती थी। सचिन से पहले टीम के बल्लेबाज सिर्फ खराब गेंदों को पीटते थे। वो ख़राब गेंदों का इंतेजार करते थे। मांजरेकर ने कहा. '' जैसे की सुनील गावस्कर, कुछ सत्र गेंदबाज को सम्मान दिया और फिर वो थकने के बाद खराब गेंद फेंकेगा और आप उस पर रन बनाओगे। सचिन बेहतरीन गेंदबाज की गेंद को भी बाउंड्री पर भेज देते थे।'



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Aradhya Tripathi

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