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अंडर-17 विश्व कप के दौरान दुकान बंद रखने पर मुआवाजा मांग रहे दुकानदार

अगले महीने की सात तारीख से जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में होने वाले फीफा अंडर-17 विश्व कप के मैचों की मेजबानी का नुकसान यहां के 200 छोटे दुकानदारों का उठाना पड़ रहा है

Anoop Ojha
Published on: 20 Sept 2017 8:22 PM IST
अंडर-17 विश्व कप के दौरान दुकान बंद रखने पर मुआवाजा मांग रहे दुकानदार
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बड़ा बदलाव: फीफा अंडर-17 विश्व कप,सेमीफाइनल गुवाहाटी से कोलकाता स्थानांतरित

कोच्चि: अगले महीने की सात तारीख से जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में होने वाले फीफा अंडर-17 विश्व कप के मैचों की मेजबानी का नुकसान यहां के 200 छोटे दुकानदारों का उठाना पड़ रहा है। स्टेडियम परिसर में अपनी दुकान लगाने वाले दुकानदारों को ग्रेटर कोच्चि विकास प्रधिकरण (जीडीसीए) ने विश्व कप के दौरान दुकाने बंद करने को कहा है।

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केरल उच्च न्यायलय ने हालांकि दुकानदारों की सुनते हुए जीडीसीए से उन्हें मुआवाजा देने का आदेश दिया है। स्टेडियम के पास तकरीबन 236 दुकानें हैं। जीडीसीए ने इन दुकान मालिकों से कहा है कि वह 25 सितंबर से 28 अक्टूबर के बीच अपनी दुकाने बंद रखें। भारत की मेजबानी में छह से 28 अक्टूबर के बीच होने वाले विश्व कप के कुछ मैच इस स्टेडियम में खेले जाने हैं।

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यह स्टेडियम छह लीग मैचों के अलावा एक प्री-क्वार्टर फाइनल और एक क्वार्टर फाइनल मैच की मेजबानी करेगा। डीसीए के आदेश के बाद इन सभी दुकानदारों ने उच्च न्यायालय का रुख किया। अदालत ने सभी पक्षों की बात सुनते हुए अपने फैसेल में जीडीसीए को इन दुकानदारों को पहली किस्त में 25 लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा है और साथ ही इन दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों को भी मुआवजा देने को कहा है।

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अदालत ने शहर के जिला न्यायाधीश की अध्यक्षता में दो सदस्यीय समिति बनाने को कहा है। अदालत ने दुकानदारों से इस समिति के समक्ष अपना संभावित नुकसान रखने की बात कही है। दो सदस्यीय समिति कुल मआवजे की रकम पर फैसला लेगी और अगर ज्यादा फंड की जरूरत पड़ेगी, तो जीडीसीए को वह राशि भी देनी होगी। अदालत ने कहा है कि अगर वह मुआवजे की राशि से दुकानदार संतुष्ट नहीं होते हैं, तो वह सिविल अदालत में अपील कर सकते हैं।



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Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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