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क्रिकेट में होगा बड़ा बदलाव: BCCI ने शुरू कर दी है तैयारी, बदलेंगे कई नियम
दुनिया के अन्य खेलों की तरह ही क्रिकेट के नियमों में भी समय-समय पर बदलाव किए जाते रहे हैं। भारतीय घरेलू क्रिकेट भी इससे अछूता नहीं रहा है। ऐसे में जबकि देश के सबसे प्रतिष्ठित घरेलू टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी का ये सीजन सेमीफाइनल मुकाबलों के पड़ाव तक जा पहुंचा है तो एक बार फिर घरेलू क्रिकेट के नियमों में बदलाव की तैयारी बीसीसीआई ने शुरू कर दी है
नई दिल्ली:दुनिया के अन्य खेलों की तरह ही क्रिकेट के नियमों में भी समय-समय पर बदलाव किए जाते रहे हैं। भारतीय घरेलू क्रिकेट भी इससे अछूता नहीं रहा है। ऐसे में जबकि देश के सबसे प्रतिष्ठित घरेलू टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी का ये सीजन सेमीफाइनल मुकाबलों के पड़ाव तक जा पहुंचा है तो एक बार फिर घरेलू क्रिकेट के नियमों में बदलाव की तैयारी बीसीसीआई ने शुरू कर दी है
दरअसल, बीसीसीआई अगले सत्र से रणजी ट्रॉफी के नॉकआउट क्वालीफिकेशन से जुड़े फॉरमेट में बदलाव कर सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा इसलिए किया जा सकता है क्योंकि मौजूदा फॉरमेट के तहत कई बड़ी और मजबूत टीमें नॉकआउट में जगह बनाने में कामयाब नहीं रहीं हैं जबकि एलीट ग्रुप सी और प्लेट ग्रुप के क्वालीफिकेशन मुकाबले तुलनात्मक रूप से आसान रहते हैं। ऐसे में जबकि निचले ग्रुप की कोई टीम क्वार्टर फाइनल में किसी मजबूत टीम से भिड़ती है तो मुकाबले के एकतरफा होने की संभावना हमेशा बनी रहती है।
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रिपोर्ट के अनुसार, नए फॉर्मेट के तहत एलीट ग्रुप ए और ग्रुप बी की तीन-तीन टीमें क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर सकेंगी, जबकि बाकी बचे दो स्थानों के लिए एलीट ग्रुप सी और प्लेट ग्रुप की शीर्ष टीमों को लेकर दो प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबले आयोजित कराए जाने पर विचार किया जा रहा है।
बंगाल के हेड कोच अरुण लाल के इसे लेकर अपने विचार हैं। उन्होंने कहा, 'एलीट ग्रुप एक और बी से चार-चार टीमें और एलीट ग्रुप सी और प्लेट ग्रुप की एक-एक टीम को मिलाकर प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबले आयोजित कराए जाने चाहिए। इनमें ग्रुप सी की शीर्ष टीम को ग्रुप ए की चौथे नंबर की टीम से खिलाना चाहिए, जबकि प्लेट ग्रुप की शीर्ष टीम को ग्रुप बी की चौथी टीम से। इसके बाद हमारे पास इन दोनों मैचों की विजेता और ग्रुप ए व ग्रुप बी की शीर्ष तीन-तीन टीमें हो जाएंगी और ये टीमें ही क्वार्टर फाइनल खेलेंगी। इससे सिर्फ दो ही अतिरिक्त मुकाबले होंगे और टूर्नामेंट में एक हफ्ते का ही समय बढ़ेगा।
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वहीं बंगाल के वरिष्ठ बल्लेबाज मनोज तिवारी ने भी इसे लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा, 'बदलाव अच्छा हो सकता है। बीसीसीआई को इस मामले को देखना चाहिए और ये सुनिश्चित करना चाहिए कि जो टीमें क्वार्टर फाइनल में जाने की हकदार हैं, वे अंतिम आठ में जगह बना पाएं।' रणजी ट्रॉफी 2019-20 के मौजूदा सत्र में पहले सेमीफाइनल में गुजरात का सामना सौराष्ट्र से होगा, जबकि बंगाल की भिड़ंत कर्नाटक से। दोनों सेमीफाइनल मुकाबले 29 फरवरी से शुरू होंगे। पहला मैच राजकोट में खेला जाएगा, जबकि दूसरे मैच का आयोजन कोलकाता में होगा।
सौराष्ट्र और गुजरात के बीच रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल मैच के दौरान पहली बार देश की शीर्ष घरेलू प्रतियोगिता में निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) का उपयोग किया जाएगा। टीमों को प्रत्येक पारी में चार रेफरल दिए जाएंगे लेकिन टेक्नोलॉजी में हॉकआई और अल्ट्रा ऐज शामिल नहीं होंगे जो अंतरराष्ट्रीय मैचों में उपयोग होने वाले डीआरएस के प्रमुख अंग हैं।