TRENDING TAGS :
इस क्रिकेटर परिवार के पास है दुनिया की सबसे बड़ी कुरान, 800 किलो है वजन
[nextpage title="next" ]
वड़ोदरा: यहां की जामा मस्जिद वैसे तो क्रिकेटर युसूफ पठान और इरफान पठान की वजह से फेमस है, क्योंकि ये दोनों भाई इसी मस्जिद से पलकर बड़े हुए है, लेकिन आज ये मस्जिद इन दोनों भाइयों की वजह से चर्चा में नहीं है। बल्कि , इस वजह से की यहां दुनिया की सबसे बड़ी कुरान है जिसकी देखरेख इरफान पठान के पिता ने की है। अब उनके चाचा कर रहे है।
आगे की स्लाइड्स में पढ़िए सबसे बडी कुरान का इरफान पठान से संबंध..
[/nextpage]
[nextpage title="next" ]
अभी-तक सिर्फ ये माना जाता था की दुनिया की सबसे बड़ी कुरान रूस के कजान सिटी की मस्जिद में रखी हुई कुरान ही है। जिसका नाम सबसे बड़ी कुरान के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है, लेकिन अब आपको जानकर हैरानी होगी की हमारे देश में वडोदरा की जुम्मा मस्जिद में वर्ल्ड की सबसे बड़ी कुरान होने का दावा कर रही हैं। जो कि सिर्फ साल में शब-ए-रात पर एक बार ही बाहर निकाली जाती है।
आगे की स्लाइड्स में पढ़िए सबसे बडी कुरान का इरफान पठान से संबंध..
[/nextpage]
[nextpage title="next" ]
वहीं अगर इस मस्जिद के दावों पर यकीन करें तो उसके अनुसार इस कुरान की पूर्ण लंबाई 75 इंच बताई है। वहीं उंचाई इसकी 41 इंच की बताई है। स्कॉटलैंड से लाए गए पन्नों की इस कुरान में 632 पन्ने है और वजन लगभग 800 किलो हैं। जिसको लिखने में मोर पंख और सुरमे का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा इसके बॉर्डर पर सोने से कोटिंग भी की गई है। जान लें की ये वही मस्जिद है। जिससे पठान ब्रदर्स यानी की टीम इंडिया के ध क्रिकेटर युसुफ और इरफान पठान जुड़े हुए हैं।
ये कुरान मुस्लिम धर्म के एक बड़े संत घोष पाक ने मुस्लिम साल हिजरी 1200 में लिखा था यानि कि आज से 250 साल पहले। कहते हैं कि घोष पाक ने इसे खुद अपने हाथों से लिखा था।
घोष पाक जब 18 की उम्र के थे तब से इसी जामा मस्जिद में उन्होंने इस कुरान को लिखना शुरू किया था और 65 सालों तक लिखते रहने के बाद इसे पूरा किया। अरबी में लिखी गई इस कुरान की बॉर्डर पर फारसी में तर्जुमा भी किया गया है। इसमें जिस कागज का उपयोग किया गया है वो भी घोष पाक ने खुद अपने हाथों से बनाया था।
आगे की स्लाइड्स में पढ़िए सबसे बडी कुरान का इरफान पठान से संबंध..
[/nextpage]
[nextpage title="next" ]
बताया जाता है की उनके पूर्वजों ने इस कुरान और मस्जिद की बहुत खिदमत की थी, लेकिन अब इनके चाचा माजिद खान इसकी देखरेख कर रहे हैं। मस्जिद की पहले फ्लोर में इस कुरान को बेहद एहतियात के साथ रखा गया है। ये सिर्फ जैसा की हम बता चुके हैं कि शब-ए-रात पर एक बार ही बाहर निकलती है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा की दुनिया की सबसे बड़ी कुरान का दावा करने वाली इस जुम्मा मस्जिद की कुरान का नाम गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज होगा या नहीं।
[/nextpage]