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इस दिग्गज क्रिकेटर ने कोच राठौर पर खड़े किए गंभीर सवाल

इंडियन टीम के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह ने भारत के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ की टी20 प्रारूप में खिलाड़ियों का मार्गदर्शन कर पाने की क्षमता पर सवाल उठाया। पिछले साल संजय बांगड़ की जगह राठौड़ को बल्लेबाजी कोच बनाया गया है।

suman
Published on: 13 May 2020 4:36 AM GMT
इस दिग्गज क्रिकेटर ने कोच राठौर पर खड़े किए गंभीर सवाल
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नई दिल्ली: इंडियन टीम के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह ने भारत के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ की टी20 प्रारूप में खिलाड़ियों का मार्गदर्शन कर पाने की क्षमता पर सवाल उठाया। पिछले साल संजय बांगड़ की जगह राठौड़ को बल्लेबाजी कोच बनाया गया है। भारत की 2007 टी20 विश्व कप और 2011 विश्व कप विजेता टीमों का हिस्सा रहे युवराज ने कहा कि राठौड़ मेरा दोस्त है। क्या आपको लगता है कि वह टी20 खिलाड़ियों की मदद कर सकता है। उसने उस स्तर पर क्रिकेट खेली ही नहीं है।

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अलग तरीके से पेश आना पड़ता

राठौड़ ने भारत के लिए 1996 से 1997 के बीच छह टेस्ट और सात वनडे खेले हैं। युवराज ने कहा कि अलग अलग खिलाड़ियों के साथ अलग तरीके से पेश आना पड़ता है।युवराज ने कहा कि अगर वो कोच होते तो जसप्रीत बुमराह को रात नौ बजे गुडनाइट बोल देता और हार्दिक पांड्या को रात दस बजे ड्रिंक्स के लिए बाहर ले जाता। अलग अलग लोगों से अलग अलग तरीके से पेश आना पड़ता है।

शास्त्री का काम नहीं

उन्होंने परोक्ष रूप से भारत के मुख्य कोच रवि शास्त्री को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि मौजूदा खिलाड़ियों के पास सलाह देने के लिए कोई नहीं है। यह पूछने पर कि क्या यह शास्त्री का काम नहीं है, उन्होंने कहा कि पता नहीं रवि यह कर रहे हैं या नहीं लेकिन शायद उनके पास दूसरे भी काम हैं।

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सीनियर चयन समिति पर सवाल

युवराज ने सुनील जोशी की अध्यक्षता वाली सीनियर चयन समिति को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि चूंकि उन्होंने भारत के लिए ज्यादा क्रिकेट नहीं खेली है तो उनकी मानसिकता फैसलों को चुनौती देने वाली नहीं होगी।

युवराज ने कहा, यह चीजें तब नहीं होती थी जब सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी कप्तान थे। 2011 विश्व कप में हमारे पास अच्छी खासी अनुभवी टीम थी।' उन्होंने कहा कि 'टीम को एक अच्छे मनोवैज्ञानिक की जरूरत है। पृथ्वी शॉ और ऋषभ पंत काफी प्रतिभाशाली हैं, लेकिन काफी चौकसी और मीडिया होने के कारण आपको कोई चाहिए जिससे आप बात कर सको।' किसी को उनकी मानसिकता के साथ काम करने की जरूरत है, ताकि वह मुश्किल स्थिति में अच्छा कर सकें। अगर कोई उनकी मानसिकता के साथ काम कर सकता है, तो वह अगले विश्व कप में काफी बड़े खिलाड़ी साबित हो सकते हैं।'

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