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आधार से लिंक होगी आपकी वोटर आईडी, गलत जानकारी देने पर 2 साल जेल!

चुनाव आयोग ने वोटर आईडी से आधार नंबर को जोड़ने के साथ पांच प्रमुख चुनावी सुधारों के लिए कानून मंत्रालय को पत्र लिखा है।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 9 Jun 2021 4:13 PM IST (Updated on: 9 Jun 2021 4:15 PM IST)
आधार नंबर से वोटर आईडी होगी लिंक, चुनाव आयोग ने कानून मंत्री को लिखा पत्र
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फाइल फोटो, साभार-सोशल मीडिया

भारतीय निर्वाचन आयोग ने चुनावी सुधारों के लिए केंद्र सरकार को एक पत्र लिखा है। जिसमें वोटर आईडी से आधार नंबर को जोड़ने के साथ पांच प्रमुख चुनावी सुधारों शामिल हैं। इनमें पेड न्यूज को चुनावी अपराध बनाना और झूठा हलफनामा दाखिल करने वाले को दो साथ की सजा का प्रवाधान करने की बात शामिल है। चुनाव आयोग ने कानून मंत्रालय से आग्रह किया है कि चुनावी सुधार का जो मामला लंबित पड़ा है उससे तेजी से निपटाया जाए।

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को खिले पत्र में चुनाव आयोग ने कहा कि इन प्रस्तावों पर तेज गति से कदम उठाए जाएं और आशा करता हूं कि इन पर मंत्रालय की ओर से जल्द विचार किया जायेगा। आयोग की ओर से पेश किये गये सुधारों में मुख्य प्रस्ताव चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने पर छह महीने जेल की सजा को बढ़ाकर दो साल करने की मांग की गयी है। चलिए आपको बताते हैं कि चुनाव आयोग कि तरफ से किन पांच चुनावी सुधारों की बात कही गई है।

पहला सुधार: यह प्रस्तावित किया गया है कि 18 साल के होने वाले मतदाता साल में सिर्फ एक बार रजिस्ट्रेशन कराने में सक्षम हो। वर्तमान में 1 जनवरी को 18 वर्ष के होने वाले युवा ही मतदाता के रूप में रजिस्ट्रेशन के पात्र हैं। 'इससे बहुत से लोग पूरा साल खो देते हैं और वोट नहीं दे पाते। आयोग ने इसके बजाय संभावित रजिस्ट्रेशन तारीखों के रूप में 1 जनवरी, 1 अप्रैल, 1 सितंबर और 1 दिसंबर को प्रस्तावित किया है.' इस मामले से परिचित चुनाव आयोग के अधिकारी ने कहा कि पहली बार रजिस्ट्रेशन की कई तारीखों की सिफारिश 1970 के दशक में की गई थी (जब मतदान की उम्र 21 वर्ष थी).

दूसरा सुधार: चुनाव आयोग झूठे हलफनामों पर सख्त कार्रवाई चाहता है। वर्तमान में झूठी या गलत सूचना देने वाले उम्मीदवारों को छह महीने तक की कैद की सजा हो सकती है। आयोग ने इसे बढ़ाकर दो साल करने का सुझाव दिया है। पहले अधिकारी ने कहा, "वर्तमान जेल की अवधि उम्मीदवार की अयोग्यता का परिणाम नहीं है। उम्मीदवार को छह साल के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है"।

तीसरा सुधार: चुनाव आयोग ने स्वातंत्र और निष्प क्ष चुनाव को लेकर पेड न्यूाज को चुनाव अपराधों की सूची में शामिल करने की सिफारिश की है। मुख्यत चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने हाल ही में इसपर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि आयोग ने विधि मंत्रालय को जरूरी संशोधन का सुझाव दिया है।

चौथा सुधार: यह भी सुझाव दिया गया है कि प्रिंट मीडिया (समाचार पत्रों, पत्रिकाओं) में विज्ञापनों को मौन अवधि के दौरान प्रतिबंधित कर दिया जाए, क्योंकि इसमें उम्मीदवारों को प्रचार करने की अनुमति नहीं है।

पांचवां सुधार: चुनाव आयोग आधार डेटा को मतदाता सूची से जोड़ना चाहता है, ताकि मतदाता पहचान पत्र के दोहराव को खत्म किया जा सके। पहले अधिकारी ने कहा, "यह यह भी सुनिश्चित करना होगा कि जब कोई व्यक्ति दूसरे राज्य में जाता है, तो उसका मतदाता पहचान पत्र दोबारा जारी न करके इसे सिर्फ ट्रांसफर किया जा सके।



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Rahul Singh Rajpoot

Rahul Singh Rajpoot

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