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Dhandayuthapani Swamy Temple: दक्षिण भारत का एक ऐसा मंदिर जो है बहुत ही खास, यहां भगवान के प्रसाद से ठीक हो जाती है बीमारियां
Murugan Dhandayuthapani Swamy Temple: दक्षिण भारत में कई सारे खूबसूरत पर्यटक स्थल बसे हुए हैं। आज हम आपके यहां के प्रसिद्ध मंदिर के बारे में बताते हैं।
Murugan Dhandayuthapani Swamy Temple: दक्षिण भारत देश का एक बहुत ही खूबसूरत हिस्सा है जिसकी खूबसूरती देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में प्रसिद्ध है। दक्षिण भारत घूमने के लिए हर महीने हजारों उद्देश्य और विदेशी पर्यटक यहां पर पहुंचते हैं और यहां की सुंदरता में खो जाते हैं। अपनी खूबसूरती के साथ-साथ इस जगह को प्राचीन और विश्व प्रसिद्ध मंदिरों के लिए भी पहचाना जाता है। यहां के तमिलनाडु के मीनाक्षी अम्मन मंदिर, रंगनाथस्वामी मंदिर कन्याकुमारी और रामेश्वर जाने का सपना हर किसी का होता है। लेकिन तमिलनाडु के मंदिर ऑन के बीच मुरुगन धनदायुथपानी स्वामी भी एक प्रसिद्ध मंदिर है। चलिए आज हम आपको इस मंदिर से जुड़े रोचक तथ्यों की जानकारी देते हैं।
कहां है मुरुगन धनदायुथपानी स्वामी मंदिर (Where is Murugan Dhanadayuthapani Swamy)
सबसे पहले तो हम आपको यह बता देते हैं कि यह मंदिर कहां है। यह मंदिर तमिलनाडु के पलानी शहर में बसा हुआ है और भगवान मुरूगन का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। पहाड़ की चोटी पर होने की वजह से यहां हर दिन हजारों की संख्या में भक्ति पहुंचते हैं। यह तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से 487 किलोमीटर दूर कोयंबटूर से 122 और मदुरई से 117 किलोमीटर दूर है।
मुरुगन धनदायुथपानी स्वामी मंदिर का इतिहास (History of Murugan Dhanadayuthapani Swamy Temple)
इस मंदिर के इतिहास की बात करें तो यह काफी दिलचस्प है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण दूसरी और पांचवी शताब्दी के बीच किया गया था। इस मंदिर को लेकर कई लोगों का मानना है कि निर्माण कार्य में चेर राजवंश का अहम योगदान रहा है। यह भी बताया जाता है कि मंदिर निर्माण के बाद अगले कहीं वर्षों तक इसका विस्तार होता रहा।
पौराणिक कथा (Mythology Story)
इस मंदिर की पौराणिक कथा के मुताबिक यह मुरूगन के छह पवित्र निवास में से एक है। बताया जाता है कि यहां गर्भगृह में जो मूर्ति विराजमान है। वह सिद्धरों में से एक ऋषि बोगर ने नवपाशनम नामक 9 जड़ी बूटियां के मिश्रण से पवित्र की थी।
खास है प्रसाद (Prasad is Special)
इस मंदिर में मिलने वाले प्रसाद की बात करें तो यह काफी प्रसिद्ध है। यहां भगवान मुरूगन को पंचामृत का प्रसाद लगाया जाता है जिसे GI टैग भी मिल चुका है। पंचामृत के बारे में बताया जाता है कि इससे गुड़, केला, गाय का घी, इलायची और शहद से तैयार किया जाता है। लोगों का कहना है कि इसके सेवन से बीमारियां ठीक हो जाती है।