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Agra Fort Sheesh Mahal: सीरिया के कांच से बना है आगरा किले का शीशमहल, जानिए क्यों हैं खास, किस तरह कर सकते हैं इसका दीदार
Agra Fort Sheesh Mahal: आगरा किला में स्थित शीश महल को मुगलकालीन हमाम कहा जाता है। जिसका निर्माण मुगल शाहजहां ने साल 1637 में अपने परिवार के लिए तुर्की हमाम के रूप में करवाया था।
Agra Fort Sheesh Mahal: आगरा में ताजमहल के साथ-साथ अन्य और भी कई स्मारकें हैं, जो काफी दर्शनीय हैं। जहां कि शान और शौकत के चर्चे बरसो से चले आ रहे हैं। आज हम आपको आगरा के एक ऐसे ही महल के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसकी चमक आज भी काफी तेज है। आपको मधुबाला की फिल्म मुगल-ए-आज़म का गाना प्यार किया तो डरना क्या तो आपको याद ही होगा। यह फिल्म साल 1960 में रिलीज हुई थी, इस गाने को शूट करने के लिए शीश महल के तर्ज पर भव्य सेट तैयार किया गया था। जिसकी शूटिंग में ही निर्देशक ने 10 लाख रुपये का खर्च किया था।
मुगलकालीन हमाम है शीश महल
आगरा किला में स्थित शीश महल को मुगलकालीन हमाम कहा जाता है। जिसका निर्माण मुगल शाहजहां ने साल 1637 में अपने परिवार के लिए तुर्की हमाम के रूप में करवाया था। यह शीश महल मुख्यत: महिलाओं के परिधान के लिए बनवाया गया था। जिसमे शीशे को जड़वाया गया था। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस शीश महल को बनाने के लिए कांच सीरिया से मंगवाया गया था। इस शीश महल की दीवार, मेहराब और छत में छोटे-छोटे शीशे जड़े हुए हैं।
शीशमहल में लगाए थे पानी के टैंक और फुव्वारे
शाहजहां द्वारा बनाए गए आगरा के किले में बनाए गए शीशमहल में दो कमरे हैं। जिसमें ठंडे और गर्म पानी के टैंक लगवाए गए थे। जो इसे हर मौसम के लिए विशेष बनाते हैं। इस शीशमहल का निर्माण इश तरह किया गया था, कि रोशनी की एक छोटी किरण से पूरा कमरा धीरे-धीरे रोशन हो जाता है और हर दर्पण में देखने वाले का अक्स नजर आता है।
सैलानियों ने दी तोड़ा शीशमहल
आगरा के किले के सबसे खूबसूरत हिस्से शीशमहल को सैलानियों ने कई तरह से जख्म दिए हैं। ऐसे जख्म जिन्हे जरा भी भरा नहीं जा सकता है। फिलहाल शीशमहल को बंद कर दिया गया है, लेकिन साल 2003 से पहले यह शीशमहल खुला हुआ था। उसे खास बनाने वाले सीरिया कांच को लोगों ने ही खरोंच दिया। हाथ की ऊंचाई तक के कई दर्पण निकाल दिए। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने शीशमहल को सैलानियों के लिए वर्ष 2003 में बंद कर दिया। इसके बाद इसे दोबारा जाली लगाकर खोला गया, लेकिन 2014 में इसे दोबारा से बंद कर दिया गया था।
फ्रेम लगाए गए थे शीशे
मुगल शासक के इस शीशमहल को अब एएसआई ने शीशे के फ्रेम में लगा दिया है। अब शीशमहल और सैलानियों के बीच एक मीटर की दूरी बना दी गई है। शीशमहल को देखने के लिए अब एक मीटर चौड़े द्वार पर शीशे का फ्रेम लगा दिया गया है। इसी से झांककर अब सैलानी इस सुंदरता को देखते हैं। लेकिन शीश महल को शीशे के फ्रेम से देखने में वो मजा नहीं आता, जो इस स्मारक को अंदर से देखने पर आता था।
नोटिफिकेशन पर बंद किया गया शीशमहल
बताया जाता है कि इस शीशमहल को एएसआइ के महानिदेशक की ओर से नोटिफिकेशन जारी किए जाने के बाद ही बंद किया गया था। मुख्यालय स्तर से आदेश होने के चलते उसे स्थानीय स्तर पर खोलने का निर्णय नहीं लिया जा सकता है। यहीं कारण है सालों से बंद इस शीशमहल पर ताला पड़ा हुआ है।
ताज जैसा आकर्षण बन सकता है शीशमहल
आगरा किला का बेहद ही सुंदर हिस्सा शीशमहल सैलानियों के लिए नहीं खोला जाता है। लेकिन इसका आकर्षण काफी तेज है। यही कारण है कि अब यह बात भी सामने आ रही है कि शीशमहल को एक अलग आकर्षण बनाया जा सकता है। यानी हो सकता है कि आने वाले समय में आपको शीशमहल देखने के लिए अलग से टिकट लेना पड़े।