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Tamilnadu Ganesh Temple: भारत में यहां है एशिया का सबसे बड़ा गणेश मंदिर
Tamilnadu Famous Vinayagar Mandir आपने अक्सर लोगों को बात करते हुए सुना होगा कि गणेश जी का सबसे बड़ा मंदिर महाराष्ट्र में है, लेकिन ऐसा नहीं है चलिए जानते है भारत में एशिया का सबसे बड़ा मंदिर..
Tamilnadu Famous Temple in Asia: गणेश जी के प्रसिद्ध मंदिर में आपको सिद्धि विनायक, लालबाग च राजा और उज्जैन के चिंतामन गणेश जी का ही ध्यान आता होगा। लेकिन क्या आपको पता है भारत में ही एशिया की सबसे बड़ी गणेश जी का मंदिर भी स्थित है। यह मंदिर विनयगर के नाम से प्रसिद्ध है। यह मंदिर भारत के दक्षिण में स्थित है। मनकुला विनयगर मंदिर, भारत के दक्षिण राज्य तमिलनाडु का एक प्रसिद्ध स्थल है, जो भगवान गणेश का आशीर्वाद लेने के लिए भक्तों को आकर्षित करता है। आध्यात्मिकता के अनुभव के लिए लोग यहां जाते है।
नाम: श्री अरुल्मिगु मुंधी विनयगर मंदिर - पुलियाकुलम, कोयंबटूर तमिलनाडु (Sri Arulmigu Mundhi Vinayagar Temple - Puliakulam, Coimbatore,)
स्थान: पंकजा मिल्स रोड, रामासामी नगर, पुलियाकुलम, कोयंबटूर, तमिलनाडु
समय: सुबह 5:30-दोपहर 1 बजे से शाम 4-9 बजे तक
मंदिर की मान्यता
भारत के तमिलनाडु के कोयंबटूर में पुलियाकुलम के पड़ोस में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह गणेश जी के एक रूप, भगवान मुंथी विनयगर को समर्पित है। इस मंदिर में पूरे एशियाई महाद्वीप में सबसे बड़ी विनयगर मूर्ति है। यह पंकजा मिल रोड पर स्थित भगवान गणेश का मंदिर है। भगवान की मूर्ति बहुत बड़ी है। गणेश जी को प्रारंभ का देवता माना जाता है, जब कोई नया वाहन खरीदता है, तो वह पूजा और दर्शन के लिए यहां वाहन लेकर आता है। यह मंदिर स्थानीय लोगों में बहुत लोकप्रिय है, इसे करुपा विनयगर कोविल भी कहा जाता है। अर्थात काले गणेश जी का मंदिर कहा जाता है।
कहां है यह गणेश मंदिर?
पुलियाकुलम बस स्टॉप के बहुत नज़दीक स्थित है। इस मंदिर तक पहुँचने के लिए, गांधीपुरम टाउन बस स्टैंड से लगातार टाउन बसें उपलब्ध हैं।
अरुलमिगु मुंशी विनयगर मंदिर में पूरे एशियाई महाद्वीप में सबसे बड़ी विनयगर मूर्ति है। मूर्ति सकारात्मकता दर्शाती है। इस जगह का रखरखाव बहुत बढ़िया से किया गया है।
मंदिर और मूर्ति की संरचना
यह एशियाई महाद्वीप की सबसे बड़ी गणेश प्रतिमा है। मूर्ति उथुकुली में एक बड़ी ग्रेनाइट चट्टान पर बनाई गई थी। मूर्ति 19 फीट ऊंची है और इसका वजन 190 टन है। मंदिर में विशिष्ट द्रविड़ शैली की वास्तुकला का अनुसरण किया गया है। मंदिर का टॉवर परतों में ऊपर उठता है, जिस पर कई हिंदू देवी-देवता और पवित्र जानवर और अन्य आकृतियाँ अंकित हैं। मुख्य देवता की मूर्ति लगभग 6 फीट ऊँची और 3 फीट व्यास की है। देवता का चेहरा काले रंग का है और माथे पर तिलक है - जो दक्षिण भारतीय मंदिरों में मूर्तियों के लिए विशिष्ट है। देवता के शरीर को 2004 में चमकीले सोने से मढ़ा गया था।
मंदिर निर्माण से जुड़ी विशेष कहानी
विनयगर मंदिर हाथी भगवान गणेश को समर्पित है। इस मंदिर के बारे में एक रोचक छोटी सी किंवदंती है। ऐसा कहा जाता है कि जब भगवान विनयगर की मूर्ति को मदुरै से एक गाड़ी में रखकर पेरूर पाटेश्वर मंदिर में स्थापित करने के लिए ले जाया जा रहा था, तो गाड़ी का धुरा टूट गया। जब भक्तों ने मूर्ति को हटाने की कोशिश की, तो वे सफल नहीं हुए और इस तरह यह मंदिर अस्तित्व में आया। मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी ई. के आसपास हुआ था और तब से यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र रहा है।