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Amarnath Yatra Details: इन रूट से कम समय में पहुंचेंगे अमरनाथ की गुफा, यात्रा पर निकलने से पहले पढ़ें गाइडलाइन

Baba Amarnath Yatra : हर साल सिर्फ एक महीने के लिए बाबा अमरनाथ की यात्रा होती है, इस एक महीने में ही श्रद्धालुओं को बाबा भोले के दर्शन करने का मौका मिलता है।

Vidushi Mishra
Published on: 9 July 2022 12:27 PM IST (Updated on: 24 July 2022 1:00 AM IST)
Amarnath Yatra Details: इन रूट से कम समय में पहुंचेंगे अमरनाथ की गुफा, यात्रा पर निकलने से पहले पढ़ें गाइडलाइन
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Baba Amarnath Yatra : बाबा अमरनाथ की यात्रा सबसे कठिन यात्राओं में से एक है। सदियों पुराने बाबा बर्फानी के धाम में हर साल दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। इस तीर्थयात्रा के बारे में धार्मिक मान्यता है कि भगवान शिव ने अमरनाथ गुफा में ही माता पार्वती को अमर होने की कथा सुनाई थी। बाबा बर्फानी की गुफा समुद्र तल से लगभग 3,800 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। बाबा अमरनाथ के इस धाम के बारे में कहा जाता है कि चंद्रमा के घटने-बढ़ने के साथ बाबा बर्फानी के शिवलिंग के आकार में परिवर्तन होता है।

हर साल सिर्फ एक महीने के लिए बाबा अमरनाथ की यात्रा होती है, इस एक महीने में ही श्रद्धालुओं को बाबा भोले के दर्शन करने का मौका मिलता है। बाबा बर्फानी का शिवलिंग ठोस बर्फ से बना होता है। जबकि बाबा अमरनाथ की गुफा में जो बर्फ है वो हिमकण के रूप में होती है। आइए आपको बाबा अमरनाथ यात्रा का रूट बताते हैं।


यहां से शुरू होती है बाबा अमरनाथ की यात्रा

The journey of Baba Amarnath starts from here

बाबा अमरनाथ धाम तक पहुंचने के लिए शिव भक्तों को पहले जम्मू जाना होगा। जम्मू से फिर श्रीनगर पहुंचना होगा। श्रीनगर पहुंचकर यहां से शिव श्रद्धालुओं को पहलगाम या फिर सोनमर्ग बालटाल पहुंचना होगा। पहलगाम और सोनमर्ग बालटाल दोनों ही सड़क मार्गों से बाबा बर्फानी की यात्रा की शुरूआत होती है। बता दें, पहलगाम श्रीनगर से लगभग 92 किलोमीटर दूर है जबकि सोनमर्ग बालटाल श्रीनगर से 93 किलोमीटर दूर है।

अमरनाथ यात्रा की चढ़ाई
Amarnath Yatra Climb

अब श्रीनगर से पहलगाम या सोनमर्ग बालटाल तक तो आप वाहन सेवा से आसानी से पहुंच सकते हैं, लेकिन इसके बाद से पैदल यात्रा शुरू हो जाती है। बाबा अमरनाथ की गुफा तक पहुंचने के लिए पहलगाम और सोनमर्ग बालटाल से दो रास्ते निकलते हैं।


पहलगाम रूट से चढ़ाई

Pahalgam Route

ऐसे में अगर पहलगाम से अमरनाथ की पवित्र गुफा का रास्ता चुनते हैं तो यहां से दूरी लगभग 28 किलोमीटर है। लेकिन ये रास्ता थोड़ा आसान और सुविधाजनक है। बता दें, बाबा अमरनाथ की यात्रा का सबसे पुराना और एतिहासिक मार्ग पहलगाम ही है।

पहलगाम से गुफा तक पहुंचने में लगभग 3 दिन लग जाते हैं। पर यहां की चढ़ाई आसान होने की वजह से यात्रियों को ज्यादा कठिनाई नहीं होती है। पहलगाम रूट से पहला पड़ाव चंदनवाड़ी का आता है जोकि पहलगाम बेस कैंप से लगभग 16 किलोमीटर दूर है। जोकि बिल्कुल सपाट रास्ता है और अब इसके बाद चढ़ाई शुरू होती है।

पहलगाम बेस कैंप के बाद अगला स्टॉप पिस्सू टॉप है जोकि 3 किलोमीटर आगे पड़ता है।

इसके बाद यात्रा का तीसरा पड़ाव शेषनाग है जोकि पिस्सू टॉप से लगभग 9 किलोमीटर आगे पड़ता है।

फिर तीसरे पड़ाव शेषनाग के बाद अगला पड़ाव पंचतरणी आता है जोकि शेषनाग से लगभग 14 किलोमीटर आगे पड़ता है।

अब इसके बाद जब पंचतरणी आ जाता है तो यहां से बाबा अमरनाथ गुफा सिर्फ 6 किलोमीटर दूरी पर है।

बालटाल रूट
Baltal Route

सोनमर्ग बालटाल से बाबा अमरनाथ की गुफा करीबन 14 किलोमीटर दूर है। तो इस हिस्सा से सोनमर्ग बालटाल वाला रास्ता ही सबसे छोटा रास्ता है, जो कम समय में अमरनाथ गुफा तक पहुंचा देगा। लेकिन बालटाल से गुफा तक की बिल्कुल सीधी चढ़ाई है। ये रूट बूढ़ें और बीमार लोगों के लिए सही नहीं माना जाता है।

इस सड़क मार्ग के अलावा अगर आप हवाई मार्ग और रेल मार्ग से बाबा अमरनाथ की यात्रा के बारे में जानना चाहते हैं तो आइए आपको बताते हैं

हेलीकॉप्टर से बाबा अमरनाथ की यात्रा
Baba Amarnath Yatra by Helicopter

बाबा अमरनाथ यात्रा के शुरू होने से ठीक पहले ऑनलाइन हेलीकॉप्टर बुकिंग शुरू हो जाती है। इच्छुकों को तुरंत ही हेलीकॉप्टर बुकिंग करा लेनी चाहिए, क्योंकि रजिस्ट्रेशन होने से पहले ही बुकिंग फुल हो जाती है।


बाबा अमरनाथ यात्रा की तैयारी

Preparations for Baba Amarnath Yatra

शिव भक्तों के लिए सबसे जरूरी है कि यात्रा पर निकलने से पहले ऊनी कपड़े, मफलर, शॉल आदि जरूरी कपड़ें रख लें। पहाड़ों पर थोड़ी-थोड़ी देर में मौसम बदलता है इसलिए विंड चीटर, रेन कोट, स्लीपिंग बैग या कंबल, छाता, वॉटर प्रुफ जूते, चढ़ाई करने के लिए छड़ी, टर्च, मशाल आदि सामान ध्यान से लेकर यात्रा शुरू करें।

इसके अलावा महिलाओं के लिए विशेष सलाह है कि साड़ी पहनकर चढ़ाई न करें। आरामदायक सूट , ट्राउजर पहनकर चढ़ाई करें।

अमरनाथ यात्रा में मेडिकल सुविधा
Medical facility in Amarnath Yatra

बाबा अमरनाथ की यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य चेकअप के लिए योग्य डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ द्वारा नि: शुल्क चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाती है। साथ ही यात्रियों को सलाह दी जाती है कि अपने साथ यात्रा में कुछ सामान्य दवाईयां जरूर लेकर चढ़े।

बाबा अमरनाथ की यात्रा में खाने की सुविधा
Food facility in Baba Amarnath Yatra

बाबा अमरनाथ की यात्रा के दौरान चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतमी में डिपो में कई सारी चाय की दुकानें, आलू के पराठे, पकौड़ी इत्यादि खाने की चीजें बीच-बीच में मिलती रहती हैं। लेकिन यात्रियों को सलाह दी जाती है कि अपने साथ तत्काल जरूरत के लिए बिस्कुट, नमकीन, खाने की डिब्बाबंद तैयारी करके चढ़ाई कर सकते हैं। साथ ही यहां जलाऊ लकड़ी या गैस भी मिल जाती है।

बाबा अमरनाथ यात्रा का बीमा
Baba Amarnath Yatra Insurance

ग्लेशियर होने की वजह से यहां हमेशा प्रकृति आपदाओं का खतरा बना रहता है। इसलिए तीर्थयात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे अमरनाथ की यात्रा पर जाने से पहले अपना बीमा जरूर करा लें। बीते कई सालों से SASB पंजीकृत यात्रियों (तीर्थयात्रियों) को दुर्घटना बीमा कवर प्रदान किया जाता है।

बाबा अमरनाथ यात्रा के दौरान रहने की सुविधा
Accommodation facility during Baba Amarnath Yatra


बाबा अमरनाथ यात्रा के दौरान जगह-जगह आपको टेंट सुविधा मिलती है। इन टेंटों को यात्रा का संचालन करने वाले अधिकारियों द्वारा तय दामों पर यात्रियों को दिया जाता है।

बाबा अमरनाथ यात्रा का पंजीकरण
Registration of Baba Amarnath Yatra

भगवान शिव के भक्तों को बाबा अमरनाथ यात्रा को पंजीकरण कराने के लिए यात्रा शुरू होने के एक महीने पहले ही करा लेना होता है। एक तय तिथि से यात्रियों का पंजीकरण होना शुरू होता है, और तय तिथि पर बंद हो जाता है।

ऐसे में पंजीकरण की प्रक्रिया श्राइन बोर्ड द्वारा निर्धारित तिथियों के हिसाब से बालटाल और चंदनवाड़ी दोनों मार्गों के लिए, पूरे देश की किसी भी सरकारी बैंक शाखाओं से भी पूरी हो सकती है।

बाबा अमरनाथ यात्रा में यात्री क्या करें और क्या न करें

बाबा अमरनाथ यात्रा पर चढ़ाई करने वाले श्रद्धाओं को अनुशासन का पूरी तरह पालन करना होता है। पैर दबाकर धीरे-धीरे चढ़ाई करनी चाहिए। पहाड़ी इलाकों में शॉटकट ढूंढने से बचे। दौड़कर चढ़ाई न करें। फिसलने वाले जूते चप्पल तुरंत निकल दें।




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Vidushi Mishra

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