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Banda Shazar Pathar History: पत्थरों में कलाकारी करती है बांदा की केन नदी, 400 साल पहले यहां मिले थे दुर्लभ पत्थर
Banda Shazar Pathar History: भारत में एक से बढ़कर एक स्थान मौजूद है जो अपनी खासियतों की वजह से पहचाने जाते हैं। यहां की नर्मदा और केन नदी में कुछ अद्भुत पत्थर मिलते हैं जो बहुत खास माने जाते हैं।
Shazar Stone Found In Banda (Photos - Social Media)
Shazar Stone Found In Banda: बुंदेलखंड के बांदा जिले में केन नदी बहती है जो प्रदेश की इकलौती और देश की दूसरी नदी है जो पत्थरों में रंगीन चित्रकार करती है। इस नदी में मिलने वाले दुर्लभ पत्थर बहुत खूबसूरत होते हैं। इन पत्थरों को शजर कहा जाता है। सबसे खास बात यह है कि यह पत्थर एक जैसे नहीं होते मतलब हर एक पत्थर में आपको अलग-अलग चित्रकार देखने को मिलेगी। दुनिया भर में यह पत्थर सिर्फ भारत की दो नदियों केन और नर्मदा में ही पाए जाते हैं। अरब देशों में इस पत्थर को हकीक और भारत में स्फटिक कहा जाता है।
बांदा में तराशे जाते हैं रंगीन पत्थर
मशीन से तराशने के बाद यह पत्थर झाड़ियां, पेड़ पौधे, पशु पक्षी, मानव, नदी की जल धारा के चमत्कार रंगीन चित्र उभरते हैं। जब शरद पूर्णिमा की चांदनी रात में इन पत्रों को देखा जाता है तुम पर आकृतियां उभरती है। कहा जाता है की चांदनी करने जब पत्थर पर पड़ती है तो उनके बीच जो भी आकृति आती है वह इन पर उभरती है।
Shazar Stone Found In Banda
शजर पत्थर से बनते हैं आभूषण
शजर पत्थर का इस्तेमाल आभूषणों और कलाकृतियों को बनाने में किया जाता है। मुगल काल में इनसे बेजोड़ कलाकृतियां बनाई गई है। बांदा और लखनऊ में इसे बनाए गए आभूषणों का कारोबार होता है। लोग इस अंगूठी में नाग के तौर पर भी जुड़वाते हैं। इसकी पहले कटाई और घिसाई की जाती है और उसके बाद मनचाहे आकार में ढाल दिया जाता है।
Shazar Stone Found In Banda
400 साल पहले हुई थी इस पत्थर खोज
इन पत्थरों की खोज 400 साल पहले अब से आए लोगों ने की थी। इसकी खूबसूरती देखकर वह दंग हो गए थे। पत्थरों पर कुदरती रूप से पेड़ पत्तों की आकृति ऊपरी हुई दिखाई देती है और यह बहुत सुंदर लगते हैं।
Shazar Stone Found In Banda