TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Malana Village History: ये है देश का अनोखा गांव जहां नहीं चलता संविधान, अपने ही नियम और कानून मानते हैं लोग, पर्यटकों के बीच है मशूहर

Malana Village Tour Package Details: हमारे देश में एक ऐसा गांव भी है जहां संविधान का पालन नहीं किया जाता, बल्कि इस गांव के अपने अलग ही नियम और कानून है, जिसे हर गांववासी को मानना होता है।

Kajal Sharma
Published on: 7 March 2023 3:58 PM IST
Malana Village History: ये है देश का अनोखा गांव जहां नहीं चलता संविधान, अपने ही नियम और कानून मानते हैं लोग, पर्यटकों के बीच है मशूहर
X

Malana Village Tour Package Details: हमारा देश एक लोकतांत्रिक देश है जहां देश का कानून देश के संविधान के हिसाब से चलता है। देश के संविधान का पालन करना हर भारतीय की जिम्‍मेदारी होती है। क्योंकि यहां अलग-अलग जाति, धर्म और अलग भाषा बोलने वाले लोग रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, हमारे देश में एक ऐसा गांव भी है जहां संविधान का पालन नहीं किया जाता, बल्कि इस गांव के अपने अलग ही नियम और कानून है, जिसे हर गांववासी को मानना होता है। इस गांव में रहने वाला कोई भी शख्स संविधान का पालन नहीं करता है। यहां लोगों की खुद की न्यायपालिका और कार्यपालिका होती है। सदन के सदस्यों को चुनने का काम भी यहां के लोग खुद ही करते हैं। इतना ही नहीं भारत में के इस गांव में रहने वाले लोगों की जीवनशैली भी काफी दिलचस्प है।

हिमाचल प्रदेश में स्थित मलाणा गांव

देश का यह अजब गांव हिमाचल प्रदेश के कुल्‍लू जिले में करीब 12 हजार फुट की ऊंचाई पर बसा हुआ है। जिसका नाम मलाणा है। इस गांव के चारों ओर गहरी खाई और पहाड़ हैं। अपनी कई गतिविधियों के कारण अक्सर यह गांव चर्चा में भी रहता है। इस गांव में कोई भी भारतीय कानून नहीं माना जाता है। गांव वालों ने अपने खुद के कुछ नियम बना रखे हैं।


मलाणा गांव का अजब कानून

भारत के इस मलाणा गांव में अपनी अलग संसद हैं जिसमें दो सदन हैं। ऊपरी सदन और निचली सदन। ऊपरी सदन में 11 सदस्‍य होते हैं। इनमें से तीन कारदार, गुरु और पुजारी को शामिल किया जाता हैं। ये सभी कार्यकारी स्‍थाई सदस्‍य होते हैं। बाकी के 8 सदस्‍यों का चुनाव ग्रामीण मतदान के अनुसार किया जाता है। सदन के हर घर से एक सदस्‍य प्रतिनिधि होता है। संसद भवन के तौर पर यहां एक चौपाल है, जहां सारे विवादों पर चर्चा होती है और फैसले सुनाए जाते हैं।


गांव की दीवार छूने पर रोक

इस गांव में अपने अलग ही सख्त कानून हैं, जिनके अनुसार यहां लोगों को दीवार छूने की भी मनाही की गई है। कोई भी बाहरी व्‍यक्ति गांव की दीवार को छू नहीं सकता। दीवार को छूने पर उन्हें जुर्माना देना पड़ता है। यहां तक की पर्यटकों को भी इस गांव में एंट्री नहीं दी जाती है।

मलाणा गांव में होती है चरस की खेती

मलाणा गांव दुनियाभर में चरस की खेती के लिए मशहूर है। गांव के आसपास गांजा अच्‍छी मात्रा में उगाया जाता है, जिसे मलाणा क्रीम के नाम से जाना जाता है। यहां के लोगों को चरस के अलावा कोई और फसल उगाने में दिलचस्‍पी नहीं है। उनके लिए यह काला सोना है। जो उनकी रोजी रोटी का एक साधन है।


मशूहर है मलाणा गांव

इस गांव में कई ऐसी बातें हैं, जो इसे अन्‍य गांवों से बिल्कुल अलग बनाती है। यहां के लोगों की सबसे अलग है। इस गांव में कनाशी भाषा बोली जाती है, जिसे बाहर के लोगों को न सिखाने का प्रावधान है। और भी कई खूबियों के कारण यह गांव लोगों के बीच काफी मशहूर है। लेकिन पर्यटको को यहां ठहरने नहीं दिया जाता है यदि कोई बाहर से यहां आता है, तो उसे गांव के बाहर ही अपना टेंट लगाना पड़ता है।



\
Kajal Sharma

Kajal Sharma

Next Story