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Solo Travelling : खुद को तलाशने का बेहतर जरिया है सोलो ट्रैवलिंग, जानें इससे होने वाले फायदे

Solo Travelling : घूमने फिरने के कई शौकीन इस दुनिया में मौजूद हैं। इनमें से कुछ लोगों को दोस्तों और परिवार के साथ घूमना पसंद है तो कुछ ऐसे भी हैं जो अकेले घूमना पसंद करते हैं। अकेले घूमने वाले यह लोग सोलो ट्रैवलर्स कहलाते हैं।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 23 Nov 2023 4:40 PM IST
solo traveling
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Solo Travelling : घूमना फिरना हर व्यक्ति को पसंद होता है और सभी अपनी भाग दौड़ भरी जिंदगी से समय निकालकर कभी ना कभी कहीं ना कहीं घूमने के लिए जरूर जाते हैं। घूमने के नाम पर आजकल अकेले यात्रा करने यानि की सोलो ट्रैवल का चलन ज्यादा बढ़ गया है। कई बार ऐसा होता है कि बहुत सारे लोगों के जाने की प्लानिंग एक साथ बनती है लेकिन एक एक कर सभी मना कर देते हैं और फिर प्लान ही कैंसिल हो जाता है इसलिए आजकल कहीं बार लोग अकेले ही घूमने निकल पड़ते हैं।कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें भीड़भाड़ के साथ घूमना पसंद नहीं होता है। यह खुद को समय देने के लिए और अपने साथ वक्त बिताने के लिए अकेले रहना चाहते हैं और इसलिए यह अकेले घूमना पसंद करते हैं। चलिए आज हम आपको सोलो ट्रैवलिंग के फायदे के बारे में बताते हैं।

कंफर्ट जोन

हर व्यक्ति की जिंदगी में उसका कोई ना कोई कंफर्ट जोन जरूर होता है। लेकिन खुद की खूबियों को पहचानने के लिए हर किसी का कंफर्ट जोन से बाहर आना बहुत जरूरी होता है। ऐसे में जब व्यक्ति घर से बाहर निकलता है और नई चीजों को देखता परखता है तो उसे खुद को जानने का भी मौका मिलता है। वो ये समझ पाता है कि दुनिया सिर्फ यही तक सीमित नहीं है बल्कि अभी बहुत सी चीज करने को बाकी है।

नई जानकारी

व्यक्ति जब अकेला होता है तो उसे चीजों के बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त होती है। यह समय जिंदगी के नए रंगों से हमें रूबरू करवाता है। अकेले घूमने निकलने से खर्च कम होता है लेकिन अनुभव बहुत ज्यादा होते हैं।

आत्मनिर्भरता

जब व्यक्ति अकेला घूमता है तो उसमें सेल्फ कॉन्फिडेंस आता है। जब हम लोगों के साथ जाते हैं तो आधी चीजों के लिए हम दूसरों पर निर्भर हो जाते हैं और स्वयं उन्हें करने के बारे में नहीं सोचते। जब हम अकेले होते हैं तो सारी चीज हमें खुद ही करनी होती है इससे हमारे दूसरों पर निर्भरता खत्म होती है। अकेले होने पर हम जिंदगी में हो रही चीजों को खुद ही मैनेज कर लेते हैं जो हमें आगे बढ़ने का साहस देती है।

तनाव कम

यात्रा को तनाव कम करने में सहायक माना जाता है और जब हम अकेले यात्रा करते हैं तो सिर्फ हमें खुद का ही साथ होता है जिससे हम अपनी परेशानियों का अच्छी तरह से समझ सकते हैं। हमें अपने आसपास मौजूद परिस्थितियों का आंकलन करने का समय मिलता है जो हमें तनाव से दूर रखने के उपाय सुझाती है। यात्रा भले ही 2 दिन की क्यों ना हो लेकिन यह पूरी तरह से हमें अपने आप को समझने का समय देती है।



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Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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