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Bharat Ka Rahasyamay Kila: रायसेन का किला और राजा पूरणमल का इतिहास, जिसने अपनी रानी का सर खुद कटवाया

Raisen Fort Ka Itihas: मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित रायसेन का किला कई रहस्य को समेटे हुए है। यह किल इतिहास, बलिदान और रहस्यों का प्रतीक है। आइए जानें इसके बारे में खास बातें।

Akshita Pidiha
Written By Akshita Pidiha
Published on: 27 Jan 2025 8:00 AM IST (Updated on: 27 Jan 2025 8:00 AM IST)
Bharat Ka Rahasyamay Kila Raisen Forts Ka Itihas
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Bharat Ka Rahasyamay Kila Raisen Forts Ka Itihas

Raisen Ka Kila: भारत में ऐसे कई ऐतिहासिक किले (Historical Forts Of India) हैं जो अपनी अनूठी वास्तुकला और रहस्यमयी कहानियों के लिए प्रसिद्ध हैं। इनमें से एक प्रमुख किला है रायसेन का किला (Raisen Fort), जो मध्य प्रदेश के रायसेन जिले (Raisen) में स्थित है। यह किला 1200 ईस्वी में निर्मित हुआ और इसकी स्थापत्य कला, ऐतिहासिक महत्व, और इसके साथ जुड़ी कहानियां इसे विशेष बनाती हैं। रायसेन का किला केवल एक किला नहीं है; यह इतिहास, बलिदान और रहस्यों का प्रतीक है।

किले से जुड़ी सबसे प्रसिद्ध कहानी है राजा पूरणमल (Raja Puranmal) और उनकी रानी की। यह कहानी न केवल साहस और बलिदान का प्रतीक है, बल्कि इसमें छिपा है एक ऐसा दर्द जो इसे और भी अद्वितीय बनाता है। साथ ही, इस किले के कुछ रहस्य और लोक कथाएं इसे और अधिक रोचक बनाते हैं। आइए, इस लेख में रायसेन किले के इतिहास, राजा पूरणमल की कहानी, और इससे जुड़े रहस्यों का विस्तार से अध्ययन करें।

रायसेन किले का इतिहास (Raisen Kila History In Hindi)

निर्माण और स्थापत्य कला (Construction And Architecture)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

रायसेन किला 800 मीटर ऊँची पहाड़ी पर स्थित है और यह 1200 ईस्वी में बना। इसका निर्माण बलुआ पत्थरों से किया गया है, और यह प्राचीन भारतीय वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है। किले के चारों ओर विशाल दीवारें हैं, जिनमें 9 बड़े द्वार और 13 बुर्ज बने हुए हैं।

किले के अंदर भोलेनाथ का प्राचीन शिव मंदिर स्थित है, जिसे धार्मिक और ऐतिहासिक दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके अलावा, यहाँ कई जलाशय और पानी के स्रोत भी हैं, जो इसे एक स्वावलंबी संरचना बनाते हैं। यह किला अपनी भव्यता और निर्माण शैली के कारण भारत के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्मारकों में से एक है।

रायसेन का किला कई राजवंशों और शासकों के अधीन रहा। प्रारंभ में यह परमार राजवंश के शासकों के अधीन था। बाद में इस पर मालवा के सुल्तानों, दिल्ली सल्तनत और फिर मुगलों का अधिकार हुआ। इस किले पर शेर शाह सूरी और राजा पूरणमल के बीच हुए संघर्ष का विशेष उल्लेख इतिहास में मिलता है।

राजा पूरणमल और उनकी रानी की दुखद कहानी

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

राजा पूरणमल रायसेन किले के अंतिम हिंदू शासक थे। उनके शासनकाल में रायसेन किला एक समृद्ध और सुदृढ़ राज्य का प्रतीक था। लेकिन शेर शाह सूरी (Sher Shah Suri) की सेना ने इस किले पर कब्जा करने के लिए आक्रमण किया।

शेर शाह का आक्रमण

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

शेर शाह सूरी ने अपनी विशाल सेना के साथ रायसेन किले पर धावा बोला। राजा पूरणमल और उनकी सेना ने लंबे समय तक वीरतापूर्वक किले की रक्षा की, लेकिन शेर शाह की रणनीति और संसाधनों के आगे वे टिक नहीं पाए।

शेर शाह सूरी ने राजा को एक समझौते का प्रस्ताव दिया। उसने वादा किया कि यदि राजा किला आत्मसमर्पण कर देंगे तो उनके परिवार और प्रजा को क्षति नहीं पहुँचाई जाएगी। राजा पूरणमल ने शेर शाह की बातों पर विश्वास किया और किला उसके हवाले कर दिया।

धोखा और जौहर

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

शेर शाह ने किले पर कब्जा करने के बाद अपना वादा तोड़ दिया। उसने राजा के परिवार और किले के निवासियों को मारने का आदेश दिया। इस धोखे को देखकर राजा पूरणमल को अपनी प्रजा और परिवार की सुरक्षा के लिए एक कठोर निर्णय लेना पड़ा। उन्होंने अपनी रानी और किले की अन्य महिलाओं को दुश्मन की क्रूरता से बचाने के लिए जौहर का आदेश दिया।

कहा जाता है कि जौहर की इस घटना के दौरान राजा पूरणमल ने अपनी रानी का सम्मान बचाने के लिए स्वयं अपने हाथों से उनका सिर काट दिया। यह घटना भारतीय इतिहास में बलिदान और सम्मान की एक गहरी छाप छोड़ती है।

रायसेन किले के रहस्य (Raisen Fort Secrets)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

रायसेन किला केवल अपने इतिहास और कहानियों के लिए ही नहीं, बल्कि इसके साथ जुड़े रहस्यों के लिए भी प्रसिद्ध है। आइए, इन रहस्यमय पहलुओं पर एक नजर डालते हैं:-

शिव मंदिर और अद्भुत जलाशय

किले के अंदर स्थित भोलेनाथ का मंदिर और उसके पास का जलाशय हमेशा पानी से भरा रहता है, चाहे मौसम कैसा भी हो। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह भगवान शिव की कृपा का परिणाम है। यह जलाशय आज भी वैज्ञानिकों के लिए एक रहस्य है।

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

रानी की आत्मा की कहानी

स्थानीय लोगों का कहना है कि रानी की आत्मा आज भी किले में निवास करती है। रात के समय यहाँ अजीबोगरीब आवाजें सुनाई देती हैं। कुछ लोगों का दावा है कि उन्होंने किले के अंदर एक महिला को सफेद साड़ी में चलते हुए देखा है।

खजाने की अफवाहें

किले के अंदर प्राचीन खजाने की अफवाहें भी प्रचलित हैं। कहा जाता है कि यहाँ के शासकों ने अपने धन और आभूषणों को किले के अंदर छुपा दिया था। हालाँकि, इसके प्रमाण नहीं मिले हैं, लेकिन यह किले को और अधिक रहस्यमय बनाता है।

रायसेन किले का आधुनिक महत्व (Raisen Fort Ka Mahatva)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

आज रायसेन किला मध्य प्रदेश का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता के कारण पर्यटकों को आकर्षित करता है। हर साल महाशिवरात्रि के अवसर पर यहाँ भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिव मंदिर में दर्शन करने आते हैं। हालांकि, किले की स्थिति अब धीरे-धीरे क्षीण हो रही है। इसे संरक्षित करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं।

रायसेन का किला भारतीय इतिहास और संस्कृति का एक अमूल्य धरोहर है। यह किला न केवल स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है, बल्कि इसमें छिपी राजा पूरणमल और उनकी रानी की कहानी बलिदान और साहस का प्रतीक है। इसके साथ जुड़े रहस्य और किवदंतियाँ इसे और भी आकर्षक बनाते हैं।

यह किला हमें यह याद दिलाता है कि भारतीय इतिहास केवल युद्ध और विजय की गाथाएँ नहीं है, बल्कि यह प्रेम, बलिदान और सम्मान की अनगिनत कहानियों से भरा हुआ है। रायसेन किला आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।



Shreya

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