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Bhutan Carbon Negative: भूटान दुनिया का पहला कार्बन निगेटिव देश

Bhutan Carbon Negative: दुनिया का एक मात्र ऐसा देश है जो कार्बन नेगेटिव है और 72 प्रतिशत जंगलों से घिरा हुआ है। यह देश पूरी तरह आश्चर्यो से भरा हुआ है।

Sarojini Sriharsha
Published on: 14 Sep 2023 8:34 AM GMT (Updated on: 14 Sep 2023 10:53 AM GMT)
Carbon Negative Bhutan
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Carbon Negative Bhutan (photo: social media )

Bhutan Carbon Negative: हिमालय के दक्षिणी पर्वत के तराई में स्थित भूटान दुनिया का बेहद खूबसूरत और हरा भरा देश है। विश्व का एकमात्र ऐसा देश जो 72 फीसदी जंगल से घिरा हुआ है वो है भूटान। इसको “लैंड ऑफ़ द थंडर ड्रैगन” भी कहा जाता है। इसकी राजधानी थिंफू है।

दुनिया का एक मात्र ऐसा देश है जो कार्बन नेगेटिव है और 72 प्रतिशत जंगलों से घिरा हुआ है। यह देश पूरी तरह आश्चर्यो से भरा हुआ है। इस देश की संस्कृति और परंपरा अन्य देशों से बिल्कुल अलग होने के कारण सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। भूटान में घूमने की कई मशहूर जगह हैं। जिनमें प्रमुख हैं-

टाइगर नेस्ट मोनास्ट्री:

करीब 3000 फीट की ऊंचाई पर स्थित इसका निर्माण सन् 1692 में हुआ था। पहाड़ को काटकर बनाया गया यह खूबसूरत मठ भूटान का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। सर्दियों में यह मठ बर्फ की सफेद चादर से ढक जाता है। बौद्ध भिक्षुओं ने इसे अपने ठिकाने के रूप में बनाया था। इस मठ तक पहुंचने के लिए पहाड़ी पर चढ़ाई करनी पड़ती है। यह मठ पहाड़ी पर लटकता हुआ दिखता है। इसकी यही सुंदरता पर्यटकों को आकर्षित करती है। प्राचीन भूटानी लोककथाओं के अनुसार भगवान पद्मसंभव ने लोगों को राक्षस से बचाने के लिए बाघिन पर सवार होकर आए थे और राक्षस का अंत किया था। इसी कारण इस जगह को टाइगर नेस्ट का नाम दिया गया।



पारो :

पारो में कई प्राचीन धार्मिक स्थल और बेहतरीन वास्तुकला की इमारतें देखने को मिलेंगी। प्राचीन काल से ही यह इस देश के बौद्ध धर्म का केंद्र रहा है। लकड़ी के ब्रिज यहां के खास आकर्षण का केंद्र है।

राजधानी थिम्फू से पारो आते समय यहाँ पहाड़ों के बीच दो नदियों के मिलन के दृश्य को आप हमेशा के लिए संजो कर रख सकते हैं। इस जगह पर पारो चू और थिम्फू चू दो नदी मिलती हैं। जिसकी गूँज आपके कानों में एक संगीत की तरह सुनाई देगी। पारो चू नदी किनारे सड़क से होते हुए आप खेत , पर्वत देखते हुए शहर में प्रवेश करते हैं।

इस शहर का 17वीं सदी में बना पुराना किला भी मशहूर है। इस किले की वास्तुकला पर्यटकों को काफी आकर्षित करती है। लकड़ी और पत्थर से बने इस किले की कलाकारी आप देखते ही रह जायेंगे।



पुनाखा :

यह जगह राजधानी थिंफू से करीब 70 किमी की दूरी पर स्थित है और अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सुखद जलवायु के लिए प्रसिद्ध है। प्राचीन काल में यह पुनाखा भूटान देश की राजधानी हुआ करता था ।



ट्रोंगसा :

पहाड़ी पर स्थित ट्रोंगसा भूटान का एक खूबसूरत शहर है, जहां सैलानी मनमोहक दृश्य के साथ उड़ते हुए ड्रैगन की तरह दिखने वाले यहां के जादुई पहाड़ियों का आनंद ले सकते हैं। इस शहर की परंपरिक सफेद इमारतें और रंग-बिरंगे पौधे और हरियाली वाले जंगल पर्यटकों को काफ़ी आकर्षित करते हैं।



दोचुला दर्रा :

समुद्र तल से 3100 वर्ग मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह एक खूबसूरत पहाड़ी दर्रा है । इस दर्रे से सैलानियों को हिमालय पर्वत का शानदार दृश्य देखने को मिलता है। प्रकृति प्रेमी यहां अपने को स्वर्ग में घूमने जैसा आनंद महसूस करते हैं ।




त्राशिगांग :

यह एक मशहूर दर्शनीय स्थल है और इस जगह को भूटान में पूर्वी हिस्सों का गहना भी कहा जाता है। यह जगह बहुत शांत है और शांतिप्रिय लोगों के लिए यह एक वरदान साबित होता है। यह शहर चारों ओर पहाड़ों से घिरा हुआ है। अपने प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यहां भूटान का घरेलू हवाई अड्डा भी है, जहां पर्यटक पारो से आसानी से आ सकते हैं।



फुंटशोलिंग :

यह भूटान का दूसरा बड़ा शहर है और इसकी सीमा भारत के पश्चिम बंगाल के साथ लग कर है। सड़क मार्ग से भूटान प्रवेश करने के लिए यहीं से परमिट ली जाती है। यह हिमालय पर्वत की तराई में बसा हुआ प्राकृतिक दृश्यों की खूबसूरती से भरपूर है। यहां के खास पर्यटक स्थल भूटान गेट, अमो छु क्रोकोडाइल ब्रीडिंग सेंटर, करबंदी मठ और टोर्सा नदी के अलावा प्राकृतिक दृश्य है।



जाकर:

यह भूटान के चोखोर घाटियों के मध्य में बसा एक खूबसूरत शहर है, जिसे लिटिल स्विट्जरलैंड के नाम से भी जाना जाता है। यहां से आप हिमालय की खूबसूरत एवं हरे भरे घाटियों को देख सकते हैं। यहां माउंटेन बाइकिंग एवं ट्रैकिंग का आनंद ले सकते हैं। यहां कई सारे बौद्ध मठ देखने को मिलेंगे।



थिम्फू :

थिम्पू को भूटान की राजधानी है। यह रेदक नदी के किनारे बसा हुआ है। यहां पर पर्यटक पारंपरिक भूटानी कला और संस्कृति को देख सकते हैं। भूटान के प्राकृतिक दृश्य और धार्मिक स्थल पूरी दुनिया को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।



वांगडू फोडंग:

यह भूटान का सबसे बड़ा जिला है। यह अपने अद्भुत मठों और प्राचीन मंदिरों के लिए मशहूर है। यहां सुंदर गांव और समृद्ध वन्यजीवों को भी आप अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं।



फोबजीखा घाटी:

यह घाटी अपने मनमोहक प्राकृतिक दृश्यों के लिए बहुत लोकप्रिय है । इसे गंगटैंग घाटी भी कहा जाता है। यह घाटी छोटी है । लेकिन यहां आप मनोरम घाटियों के दृश्य के साथ हरे भरे घास के मैदान और कई जंगली जानवरों को भी देख सकते हैं।



कैसे पहुंचें ?

भूटान जाने के लिए हवाई मार्ग के साथ सड़क मार्ग भी एक अच्छा विकल्प है। भूटान के पारो शहर में स्थित अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा दिल्ली, गुहावटी, बोधगया, कोलकत्ता और बागडोगरा आदि शहरों से जुड़ा हुआ है। वहां पहुंच कर आप टैक्सी से शहर घूम सकते हैं।

भारत से भूटान के लिए कोई रेल सुविधा नहीं है। लेकिन भूटान जाने के लिए भारत के सिलीगुड़ी, न्यू जलपाईगुड़ी शहर ट्रेन से पहुंच कर सड़क मार्ग से भूटान के फुंटशोलिंग शहर में प्रवेश कर सकते हैं।

भारतीय नागरिक केवल एक वैध पासपोर्ट या आईडी की सहायता से भूटान पहंच सकता है। भूटान जाने के लिए भारतीयों को वीजा की जरूरत नहीं पड़ती है।लेकिन पारो या फुंटशोलिंग के इमिग्रेशन ऑफिस में परमिट लेना जरूरी है।

भूटान में चार अलग अलग मौसम हैं।प्रत्येक मौसम का अपना आनंद है। यहां घूमने का सबसे अच्छा समय मार्च से मई तक का है। इस समय भूटान की घाटी में मौसम सुहावना रहता है, तापमान भी लगभग 11 से 20 डिग्री के बीच रहता है। वैसे सितंबर से नवंबर तक का मौसम भी घूमने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। तो देर किस बात की आप इन त्योहारों की छुट्टियों में भूटान घूमने का प्लान बना लीजिए और अगर नहीं जा पाए तो गर्मी के मौसम में उधर के सुहावने मौसम का आनंद लीजिए।

( लेखिका वरिष्ठ पत्रकार हैं ।)

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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