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Bhutan Ka Itihas: इस देश में हैं खुशी मंत्रालय, आइए दुनिया के सबसे गरीब देश को जानते हैं
History Of Bhutan Wiki in Hindi: भूटान का इतिहास 7वीं शताब्दी से शुरू होता है, जब बौद्ध धर्म ने यहां अपनी जड़ें जमाईं। यह देश मूल रूप से कई छोटे राज्यों में बंटा हुआ था।
Bhutan Ka Itihas in Hindi: भूटान, दक्षिण एशिया में स्थित एक छोटा लेकिन विशिष्ट देश है। यह हिमालय की ऊँचाई पर स्थित होने के कारण बाहरी आक्रमणों से हमेशा सुरक्षित रहा है। भूटान का इतिहास बौद्ध धर्म से गहरे तौर पर जुड़ा हुआ है। यह अपनी अनूठी संस्कृति और स्वायत्तता के लिए जाना जाता है। यहां के लोग अपने पारंपरिक जीवन के साथ-साथ आधुनिकता को अपनाने में सफल रहे हैं।
प्राचीन इतिहास (Bhutan Ki History)
भूटान का इतिहास 7वीं शताब्दी से शुरू होता है, जब बौद्ध धर्म ने यहां अपनी जड़ें जमाईं। यह देश मूल रूप से कई छोटे राज्यों में बंटा हुआ था। लेकिन 17वीं शताब्दी में शाब्ड्रंग नगावांग नामग्याल के नेतृत्व में देश को एकजुट किया गया।
शाब्ड्रंग नगावांग नामग्याल ने भूटान में बौद्ध धर्म को राष्ट्रीय धर्म के रूप में स्थापित किया और भूटान का पहला किला (डेजांग) भी बनवाया। उनका योगदान भूटान की एकता और संस्कृति में अभूतपूर्व था।
ब्रिटिश साम्राज्य के साथ संबंध (Bhutan Old History)
19वीं शताबदी में, भूटान और ब्रिटिश साम्राज्य के बीच कई संघर्ष हुए। लेकिन भूटान ने अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखा।
1865 में भूटान और ब्रिटिश साम्राज्य के बीच एक संधि हुई, जिसके तहत भूटान ने कुछ क्षेत्रों को ब्रिटिश शासन को सौंप दिया। लेकिन अपनी संप्रभुता को बचाए रखा। यह समय भूटान की समरूपता और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बना।
स्वतंत्रता और विकास (Bhutan Ke Bare Me Jankari)
भूटान ने 20वीं शताबदी में आंतरिक सुधारों की दिशा में कदम बढ़ाए। 1950 के दशक में भूटान ने अपनी आर्थिक और सामाजिक संरचना को सुदृढ़ किया। 1972 में जब जिग्मे सिंगे वांगचुक ने सत्ता संभाली, तो उन्होंने देश में समग्र सुधारों की शुरुआत की।
उन्होंने 'ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस' (GNH) की अवधारणा को प्रस्तुत किया, जिसमें भूटान ने केवल आर्थिक विकास के बजाय समग्र मानव विकास को प्राथमिकता दी। यह दृष्टिकोण आज भी भूटान के शासन का आधार है।
लोकतंत्र की ओर कदम
2008 में भूटान ने अपनी राजनीति में एक ऐतिहासिक बदलाव किया और लोकतांत्रिक चुनावों की शुरुआत की। पहले भूटान में संवैधानिक राजतंत्र था। लेकिन 2008 में देश में पूर्ण लोकतंत्र की स्थापना हुई और पहले लोकतांत्रिक चुनाव हुए। इसके बाद से भूटान की सरकार द्वारा किए गए सुधार और पारदर्शिता में वृद्धि देखने को मिली।
भूटान का समाज और संस्कृति (Bhutan Ka Culture in Hindi)
भूटान की संस्कृति बौद्ध धर्म और पारंपरिक भूटानी रीति-रिवाजों से गहरी जुड़ी हुई है। यहाँ के लोग अपनी सांस्कृतिक धरोहर, पारंपरिक कला, संगीत और नृत्य को बचाने में जुटे हैं। भूटान में एक बहुत ही विशेष ध्यान 'पर्यावरण संरक्षण' पर भी दिया जाता है।
भूटान का यह सिद्धांत है कि विकास के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण भी जरूरी है और यह देश अपनी वनस्पति और वन्यजीवों की सुरक्षा में दुनिया में अग्रणी है।
भूटान की भूगोल और सुरक्षा (Geography and Security of Bhutan)
भूटान की भौगोलिक स्थिति उसे बाहरी आक्रमणों से काफी हद तक सुरक्षित बनाती है। यह देश उच्च हिमालयी पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा हुआ है, जिससे यह प्राकृतिक रूप से एक मजबूत किले जैसा बन गया है।
इसके अलावा, भूटान ने कभी किसी बाहरी शक्ति को अपने शासन में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं दी और हमेशा अपनी संप्रभुता की रक्षा की।
आर्थिक स्थिति (Bhutan Ki Economy Kya Hai)
भूटान की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि, जलविद्युत ऊर्जा और पर्यटन पर आधारित है। भूटान ने अपने संसाधनों का उपयोग सृजनात्मक तरीके से किया है। जलविद्युत परियोजनाओं के माध्यम से भूटान अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ पड़ोसी देशों को भी बिजली निर्यात करता है।
पर्यटन भी एक महत्वपूर्ण उद्योग है, जिसमें भूटान का लक्ष्य पर्यावरणीय रूप से स्थिर और सांस्कृतिक रूप से सुसंगत पर्यटन बढ़ाना है।
भूटान की विदेश नीति (Bhutan Foreign Policy)
भूटान की विदेश नीति मुख्य रूप से संप्रभुता और आत्मनिर्भरता पर आधारित है। यह देश अपने पड़ोसी देशों, खासकर भारत के साथ अच्छे संबंध बनाए रखता है। भारत ने भूटान की स्वतंत्रता की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और दोनों देशों के बीच कई रणनीतिक और आर्थिक संधियाँ हुई हैं।
भूटान ने अपनी सीमाओं के भीतर बाहरी शक्तियों के प्रभाव को सीमित रखा है और अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दी है।
भूटान की अद्भुत बातें (Bhutan Intresting Facts in Hindi)
भूटान के ब्रिटेन के साथ कूटनीतिक संबंध नहीं हैं। अपनी संस्कृति को बचाने के लिए इसने सदियों तक विश्व से संबंध नहीं बनाए।इंटरनेट और टेलीविजन को यहां 1999 में ही इजाज़त दी गई थी। 1970 में पहली बार किसी विदेशी पर्यटक को यहां आने की इजाज़त दी गई थी। अब भी अधिकारी विदेशी प्रभाव पर कड़ी नज़र रखते हैं।
राजधानी थिम्पू में अब स्मार्टफ़ोन और कराओके बार आम हो गए हैं। युवा यहां आबादी में बहुतायत में हैं और उन्होंने सोशल मीडिया को आसानी से स्वीकार कर लिया है।
प्लास्टिक की थैलियां वहां 1999 से ही प्रतिबंधित हैं और तंबाकू लगभग पूरी तरह से ग़ैरक़ानूनी है. क़ानूनन देश के 60 फ़ीसदी भाग में जंगल होने ही चाहिए।
कमाल के प्राकृतिक दृश्यों और शानदार संस्कृति के बावजूद यह अब भी बड़े पैमाने पर पर्यटन से बचा रहा है और ऐसा जान-बूझकर किया गया है।
सरकार पर्यटकों की संख्या को सीमित रखती है और दक्षिण एशिया के बाहर से आने वालों से 250 डॉलर प्रतिदिन के हिसाब से पैसा वसूलती है। इससे पर्यटन आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन जाता है। इसकी रेटिंग को सकल राष्ट्रीय ख़ुशी केंद्र देखता है जिसकी ज़िम्मेदारी एक ऐसे व्यक्ति के पास है जो विपरीत पक्ष को भी अच्छे से समझता है।मशहूर है कि बहुत से भूटानी अपनी ज़िंदगी से ख़ुश हैं।
भूटान में दासता 1958 में जाकर ख़त्म हुई। कई नीतियों के तिब्बत मूल की बहुमत आबादी के समर्थन होने वाली के कारण अल्पसंख्यक नेपाली समुदायों के बीच 1990 में संघर्ष हो गया। भूटान का मुख्य निर्यात बिजली है, वह भारत को पनबिजली बेचता है। इसके अलावा लकड़ी, सीमेंट, कृषि उत्पाद और हस्तशिल्प का भी निर्यात करता है।
भूटान के पास सेना है । लेकिन चारों ओर से घिरा होने की वजह से नौसेना नहीं है। इसके पास वायुसेना भी नहीं है और इस क्षेत्र में भारत उनका ख़्याल रखता है। भूटान में पेड़ लगाना लोकप्रिय है। यहां वह लंबे जीवन, सुंदरता और सहानुभूति के प्रतीक हैं। 2015 में भूटान ने मात्र एक घंटे में 50,000 पेड़ लगाने का गिनीज़ विश्व रिकॉर्ड बनाया।
भूटान एक ऐसा देश है, जहां सरकार प्रत्येक नागरिक के लिए घर और भोजन की गारंटी देती है। इस वजह से भूटान में भिखारी या बेघर लोग नहीं पाए जाते। सभी नागरिकों के पास अपने मकान हैं और वे संतोषपूर्ण जीवन व्यतीत करते हैं। स्वास्थ्य सेवाएं भी पूरी तरह से मुफ्त हैं और दवाओं का खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाता है। यह सुनिश्चित किया गया है कि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे। इन पहलुओं के कारण भूटान को एशिया का सबसे खुशहाल देश माना जाता है।
भूटान में 2008 में ‘सकल राष्ट्रीय ख़ुशी’ (Gross National Happiness) की अवधारणा को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया गया। जनसंख्या जनगणना में एक कॉलम जोड़ा गया, जहां लोग अपनी जीवन संतुष्टि व्यक्त कर सकते हैं। यहां एक ‘खुशी मंत्रालय’ भी है, जो सकल घरेलू खुशी (GNH) को मापता है। भूटान में जीवन की गुणवत्ता वित्तीय और मानसिक मूल्यों के बीच संतुलन पर आधारित होती है, जिससे यह देश अपने नागरिकों की आंतरिक शांति और संतोष पर केंद्रित नीतियों के लिए जाना जाता है।
भूटान में कोई व्यक्ति बेघर नहीं रहता। यदि कोई अपना घर खो देता है, तो वह राजा से जमीन का अनुरोध कर सकता है, जहां वह अपना घर बनाकर खेती कर सकता है। भूटानी नागरिक अपने जीवन से संतुष्ट रहते हैं और खुशहाल जीवन जीते हैं। यहां प्रत्येक नागरिक को मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं मिलती हैं। यहां पारंपरिक तथा शास्त्रीय चिकित्सा दोनों विकल्प उपलब्ध हैं। व्यक्ति अपनी पसंद के अनुसार उपचार विधि का चयन कर सकता है, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं सहज और समग्र बनती हैं।
भूटान में मठों में भिक्षुओं को सम्मान के प्रतीक स्वरूप दान देना एक सामान्य प्रथा है, जो उदारता और बौद्ध प्रतिमाओं के प्रति श्रद्धा को दर्शाती है। हर मंदिर में कई स्थान दान के लिए तय होते हैं। हर स्थान पर दान देने की परंपरा है।
सार्वजनिक स्थलों और मठों में धूम्रपान प्रतिबंधित है। भूटान में तंबाकू उत्पादों (जैसे सिगरेट और चबाने वाले तंबाकू) पर पूरी तरह से रोक है। यह ऐसा करने वाला दुनिया का एकमात्र देश है। इन नियमों के उल्लंघन पर कठोर दंड लगाया जा सकता है।
कभी गुलाम ना होने की कहानी (Bhutan Ki Kahani)
भूटान कभी गुलाम नहीं हुआ क्योंकि इसकी भौगोलिक स्थिति, मजबूत सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर और स्वायत्त राजनीति ने इसे बाहरी आक्रमणों से बचाया। यह देश हमेशा अपने शाही परिवार की नेतृत्व क्षमता और आत्मनिर्भरता पर निर्भर रहा। भूटान ने कभी भी बड़े साम्राज्यों के साथ युद्ध या संधि नहीं की, बल्कि हमेशा अपने स्वतंत्रता का ध्यान रखा। आज, भूटान एक लोकतांत्रिक राजतंत्र है और अपनी पारंपरिक संरचनाओं और आधुनिक सुधारों का संतुलन बनाए रखते हुए विकास कर रहा है।
भूटान एक गरीब देश (Bhutan Information in Hindi)
भूटान के गरीब देश होने के कारण कुछ प्रमुख कारण हैं। इसकी भौगोलिक स्थिति, पहाड़ी इलाकों में स्थित होने के कारण कृषि और उद्योगों का विकास सीमित है। साथ ही, इसका छोटा आकार और सीमित प्राकृतिक संसाधन भी हैं। भूटान ने हमेशा अपनी आत्मनिर्भरता और परंपराओं को प्राथमिकता दी है।
उसने अत्यधिक औद्योगिकीकरण और वैश्वीकरण से बचने की कोशिश की है। हालांकि, यह खुशहाली और संतुष्टि के मानकों पर आधारित विकास को प्रोत्साहित करता है।हालांकि प्रधानमंत्री भी यह कह चुके हैं कि इस विचार का ज़्यादा ही दोहन हो चुका है। यह भ्रष्टाचार और घटिया जीवन स्तर की समस्याओं पर पर्दा डालता है। करीब 70 फ़ीसदी युवा बेरोज़गार हैं और जीडीपी के संदर्भ में यह दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक है।
भूटान का भविष्य (Bhutan Ka Future)
आज के समय में भूटान एक शांतिपूर्ण, खुशहाल और विकसित राष्ट्र के रूप में उभरा है। वह अपनी सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करते हुए आधुनिकता की ओर कदम बढ़ा रहा है। भूटान का 'ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस' का सिद्धांत पूरी दुनिया में एक अनूठा उदाहरण पेश करता है, जिसमें आर्थिक उन्नति के साथ-साथ सामाजिक और मानसिक भलाई को भी महत्व दिया जाता है।
कुल मिलाकर, भूटान का इतिहास और संस्कृति इसे दुनिया में एक अलग पहचान प्रदान करते हैं। यह देश अपनी स्वायत्तता और परंपराओं की रक्षा करते हुए दुनिया के लिए एक प्रेरणा बन चुका है।