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Bilaspur Tourist Places: बिलासपुर में है अंकिता लोखंडे का ससुराल, यहां जरूर घूमें ये पर्यटक स्थल
Bilaspur Famous Tourist Places: बिलासपुर सांस्कृतिक रूप से भी समृद्ध है और यहाँ की संस्कृति अनेक विविधताओं एवं रंगों को समाहित किये हुए है।
Bilaspur Famous Tourist Places: बिलासपुर छत्तीसगढ़ राज्य का एक जिला है यह राज्य की राजधानी रायपुर से 111 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। बिलासपुर राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यह उस ज़िले का मुख्यालय भी है।तथा प्रशाशनिक एवं शहरी दोनों रूपों से छत्तीसगढ़ का दुुुुसरा सबसे बड़ा शहर है . बिलासपुर सुगंधित दूबराज चावल की किस्म के लिए भी प्रसिद्ध है। इसके अलावा यहाँ हथकरघा उद्योग से निर्मित कोसे की साड़ियाँ भी देशभर में विख्यात है। इन सभी के अलावा इस जिले में कई सारे पर्यटन स्थल हैं जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं इस लेख में हम बिलासपुर जिले के पर्यटन स्थल के बारे में जानेंगे।
महामाया मंदिर
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में स्थित रतनपुर महामाया मंदिर, ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस मंदिर का निर्माण राजा रत्नदेव प्रथम ने 12-13 सदीं में करवाया था। भारत, हमेशा से देवी-देवताओं का देश रहा है, और यहां की लोकप्रियता यह कहती है कि जो भी श्रद्धालुगण माता महामाया की इस मंदिर में अपनी मनोकामनाएँ मांगते हैं, उनकी मन्नतें आवश्यकता के हिसाब से पूरी हो जाती हैं। ये छत्तीसगढ़ का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर देवी महामाया को समर्पित है, जो हिंदू धर्म में एक शक्तिशाली देवी हैं। मंदिर की स्थापत्य शैली अद्वितीय है। मंदिर का गर्भगृह एक गुंबद के आकार का है। गर्भगृह में देवी की एक विशाल प्रतिमा विराजमान है। मंदिर के बाहरी हिस्से में कई छोटे-छोटे मंदिर हैं।
खाटू घाट डैम
बिलासपुर से खुटाघाट की दुरी 31 किमी है। यह बिलासपुर का एक बहुत ही सुंदर पर्यटक स्थल है साथ ही एक पिकनिक स्पॉट भी है, जहां आप अपने दोस्त से परिवार के साथ घूमने जा सकते हैं खुटाघाट डैम को संजय गांधी जलाशय के नाम से बनाया गया है। बरसात के दिनों में खुटाघाट डैम एक बहुत ही खूबसूरत पिकनिक स्पॉट होता है जहां आप ट्रैकिंग, कैंपिंग तथा नेचर की खूबसूरती का मजा ले सकते हैं। बिलासपुर में घूमने लायक जगह ढूंढने वाले लोगों के लिए यह जगह परफेक्ट है।
कानन पेंडारी
बिलासपुर से कानन पेंडारी की दूरी 10 किलोमीटर है। यह बिलासपुर में स्थित सबसे अच्छे चिड़ियाघरों में से एक है। कानन पेंडारी को मिनीजू का दर्जा वर्ष 2005 में मिला। जिसके कारण लोगों में यहां आने के लिए उत्सुकता बढ़ी। यदि आप जू जैसी जगह में जाने के शौकीन है तो बिलासपुर में स्थित कानन पेंडारी आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है, जहां आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ जा सकते हैं। ध्यान दें कि कानन पेंडारी सोमवार के दिन बंद रहता है।
कोटमी सोनार पार्क
कोटमी सोनार क्रोकोडाइल पार्क बिलासपुर से 33 किलोमीटर की दूरी पर देखने को मिल जाता है और यह जांजगीर चांपा जिले से मात्र 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कोटमी सोनार क्रोकोडाइल पार्क का निर्माण 6 में 2006 में हुआ है जिसे श्री डॉ रमन सिंह द्वारा शिलान्यास किया गया था। यह कोटमी क्रोकोडाइल पार्क 200 एकड़ की जमीन पर है जिसमें 85 एकड़ जमीन पर जलाशय उपलब्ध है, वहीं पर 200 से अधिक मगरमच्छ सुरक्षित है। कोटमी सोनार में मगरमच्छ बहुत पहले से रहते हुए आ रहे हैं लेकिन एक घटना के बाद इस जगह को मगरमच्छ संरक्षण केंद्र बनाया गया। जिसके कारण कोटमी सोनार गांव प्रसिद्ध हुआ और यहां देश-विदेश से प्रतिवर्ष 40 से 50 हजार पर्यटक घूमने आते हैं।
हनुमान मंदिर
बिलासपुर से गिरजाबंध हनुमान मंदिर की दूरी 25 किलोमीटर है। यह हनुमान जी की सभी मंदिरों में से अलग है इसके बारे में आपने शायद ही कभी सुना होगा। आपको यह हनुमान मंदिर रतनपुर गांव में देखने को मिल जाएगा। A Little Bit About Bilaspur गिरजाबंध हनुमान जी की पूजा स्त्री स्वरूप में की जाती हैं यहां की ऐसी मान्यता है कि यहां स्थापित हनुमान जी की मूर्ति स्त्री स्वरूप में करीब 10000 साल पुरानी है। जिसकी पूजा उसी स्वरूप में आज तक लोग करते आ रहे हैं। और कहा जाता है कि यहां आने वाले भक्त कभी खाली हाथ नहीं जाते।