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Braj Ki Holi 2024 Date Schedule: कैसी होगी मथुरा वृंदावन में होली, जानें पूरी डिटेल
Braj Ki Holi 2024 Date Schedule: होली पुराने बैर को भूलकर एक दूसरे को गले लगाने का एक ऐसा त्यौहार है जिसे लोग रंगों की बौछार के बीच धूमधाम से मनाते हैं।
Braj Ki Holi 2024 Date Schedule: रंगों का उत्सव होली देश भर में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। रंगों के इस उत्सव को मनाने का हर किसी का अपना तरीका होता है। किसी को रंग-बिरंगे रंगों से खेलना पसंद होता है तो कोई पानी से होली खेलता है। कोई खुद को कमरे में रंगों से बचने के लिए बंद कर लेता है तो किसी को घूमना पसंद होता है। मथुरा वृंदावन ऐसी जगह है जहां पर होली की जमकर धूम मचती है। अगर आप यहां के मंदिरों में जाकर होली का आनंद रहना चाहते हैं, तो यहां एक नहीं बल्कि कई सारे मंदिर हैं, जहां जमकर रंग उत्सव मनता है। चलिए आपको बताते है किस मंदिर में कब होली मनाई जाएगी।
मथुरा वृन्दावन में होली 2024 का शेड्यूल
17 मार्च को श्रीजी मंदिर में लड्डू होली होगी जो बरसाना में मौजूद है। - 17 मार्च 2024 को बरसाना के श्रीजी मंदिर में लड्डू होली होगी. लड्डू होली के साथ ही ब्रज रंगोत्सव की शुरुआत होगी
18 मार्च को लट्ठमार होली बरसाना में मनाई जाएगी। - बरसाना में लट्ठमार होली मनाई जाएगी. हर साल फाल्गुन महीने की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को लट्ठमार होली खेली जाती है. इस दिन लोग राधा रानी और भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन रहते हैं.
19 मार्च को नंद भवन में लट्ठमार होली नंदगांव में मनाई जाएगी। - नंदगांव के नंद भवन में लट्ठमार होली खेली जाएगी.
20 मार्च को रंगभरी एकादशी वृंदावन में होगी। - रंगभरी एकादशी व्रत 20 मार्च को किया जाएगा। रंगभरी एकादशी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें और दिन की शुरुआत श्री हरि और भगवान शिव के ध्यान से करें।
21 मार्च को बांके बिहारी मंदिर में फूलों की होली खेली जाएगी। - वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में फूलों की होली खेली जाएगी. इस दिन छड़ीमार होली भी मनाई जाएगी
24 मार्च को होलिका दहन का उत्सव मथुरा विश्राम घाट में होगा। - मथुरा विश्राम घाट पर होलिका दहन का उत्सव मनाया जाएगा. इस दिन बांके बिहारी वृंदावन में भी होलिका दहन किया जाएगा.
25 मार्च को पूरे ब्रज में होली का उत्सव मनाया जाएगा। - उत्तर प्रदेश के ब्रज क्षेत्र में होली का त्योहार 25 मार्च, 2024 को मनाया जाएगा. होलिका दहन 24 मार्च को होगा. ब्रज में होली का त्योहार बसंत पंचमी से शुरू हो जाता है
30 मार्च को रंग पंचमी पर रंगनाथ जी मंदिर में होली की जमकर धूम मचेगी।
ब्रज की होली कई मायनों में खास है:
मान्यताओं के मुताबिक, द्वापरयुग में भगवान कृष्ण ने राधा रानी और गोपियों के साथ ब्रज में होली खेली थी.
ब्रज में अलग-अलग दिन अलग-अलग तरह से होली खेली जाती है.
ब्रज में लट्ठमार, छड़ीमार, लड्डू, और फूलों वाली होली खेली जाती है.
ब्रज की होली में लट्ठमार होली सबसे खास मानी जाती है.
लट्ठमार होली की परंपरा राधारानी और श्रीकृष्ण के समय से चली आ रही है.
बरसाने में हर साल बड़े स्तर पर लट्ठमार होली का आयोजन किया जाता है.
बरसाना में होली की शुरुआत लड्डूमार होली से होती है.
बरसाने को श्री राधा रानी का जन्म स्थल माना जाता है.
मांट के गांव जाबरा में जेठ और भाभी की होली होती है.
होली के पर्व को प्रेम का प्रतीक माना जाता है.
राधा-कृष्ण होली खेलते हुए जगत को प्रेम का पाठ पढ़ाते हैं