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Chaar Dham Yatra Full Details: जानें किस धाम की यात्रा पर जाने से पहले कहां के दर्शन हैं जरूरी, जानें क्यों है महत्व
Chaar Dham Yatra Full Details: धर्म स्थलों की यात्रा का विशेष महत्व माना गया है। यात्रा के कुछ नियम भी होते हैं चलिए इस बारे में जानते हैं।
Chaar Dham Yatra Full Details: धार्मिक पर्यटन का हमारे देश में काफी ज्यादा महत्व माना गया है। देश के अलग-अलग हिस्सों में कई सारे धार्मिक स्थल मौजूद हैं, जो अपने महत्व और चमत्कारों की वजह से प्रसिद्ध है। हमारे यहां केदारनाथ यात्रा, अमरनाथ यात्रा, वैष्णो देवी यात्रा, चार धाम यात्रा सब कुछ अलग-अलग होता है। शास्त्रों में उल्लेख है कि यात्रा पश्चिम से शुरू होकर पूर्व में समाप्त होती है, इसलिए यमुनोत्री धाम सबसे पहले जाना चाहिए। यमुनोत्री के दर्शन के बाद चार धाम यात्रा का दूसरा पड़ाव गंगोत्री धाम है। इन सभी यात्राओं का अपना-अपना अलग महत्व है। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि किसी यात्रा को कब पूरा माना जाता है और कौन से धाम जाने से पहले कौन से धाम के दर्शन करना जरूरी होता है।
केदारनाथ (Kedarnath Yatra Ki Jankari)
केदारनाथ धाम जाने का काफी महत्व माना जाता है। अगर आप केदारनाथ की यात्रा पर जा रहे हैं तो आपको पशुपतिनाथ के दर्शन जरूर करने चाहिए। केदारनाथ में सिर्फ भोलेनाथ का धड़ है और उनका मुख पशुपतिनाथ में मौजूद है।
रामेश्वर (Rameshwar Yatra Ki Jankari)
रामेश्वरम जाने से पहले गंगोत्री धाम की यात्रा करनी चाहिए। गंगोत्री का जल रामेश्वर में चढ़ाए जाने का महत्व है।
बैद्यनाथ (Baidyanath Yatra Ki Jankari)
बैद्यनाथ धाम जाने से पहले परली बैद्यधाम जाना जरूरी होता है। 12 ज्योतिर्लिंगों में इन दोनों को ही स्थान दिया गया है इसलिए इसका महत्व है।
ओंकारेश्वर (Omkareshwar Yatra Ki Jankari)
ओंकारेश्वर जाने से पहले ममलेश्वर के दर्शन करने का महत्व माना गया है। इन दोनों को मिलाकर एक ज्योतिर्लिंग माना गया है इसलिए इनके दर्शन करना जरूरी है।
तीर्थ यात्रा से आने के बाद क्या करें
जब आप तीर्थ यात्रा से लौट कर आते हैं तो आपके घर में भजन और ब्राह्मण भोजन जरूर करवाना चाहिए। ऐसा करने से यात्रा का पूरा फल प्राप्त होता है।
4 धाम यात्रा में कितने दिन लगते हैं?
यात्रा के लिए हरिद्वार रेलवे स्टेशन सबसे नजदीक है। यात्रा के लिए बसों के साथ हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून से भी आपको टैक्सी आराम से मिल जाएगी। अगर आप चार धाम की यात्रा की प्लानिंग कर रहे हैं, तो कम से कम 7 दिनों की ट्रिप बनाएं। क्योंकि हमारे शरीर को वातावरण के अनुसार ढलने में समय लगता है।