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Char Dham Yatra 2023: क्यों की जाती है यमुनोत्री यात्रा, पढ़ें इसके इतिहास से लेकर सब कुछ

Char Dham Yatra 2023: जहां हर साल लाखों तीर्थयात्री दर्शन करने के लिए आते हैं। यमुनोत्री धाम समुद्र तल से करीब 3,323 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

Kajal Sharma
Published on: 1 May 2023 2:26 PM IST
Char Dham Yatra 2023: क्यों की जाती है यमुनोत्री यात्रा, पढ़ें इसके इतिहास से लेकर सब कुछ
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Yamunotri Yatra 2023 (Image- Social media)
Char Dham Yatra 2023: यमुनोत्री यात्रा (Yamunotri Yatra 2023) अब तीर्थयात्रियों के लिए खोल दी गई है, उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित यमुनोत्री मंदिर चार धाम मंदिरों में गिना जाता है। जहां हर साल लाखों तीर्थयात्री दर्शन करने के लिए आते हैं। यमुनोत्री धाम समुद्र तल से करीब 3,323 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। थर्मल स्प्रिंग्स और ग्लेशियरों के लिए जाने जाने वाले इस मंदिर में यात्रा करना काफी अच्छा माना जाता है। पहाड़ों से घिरे हुए इस मंदिर में आप भी यात्रा करने के लिए अगर जा रहे हैं। तो इस लेख में आपको पूरी जानकारी दी गई हैं।

यमुनोत्री धाम से जुड़ी जानकारी (Yamunotri Temple History)

उत्तरकाशी जिले में है यमुनोत्री धाम

यमुनोत्री धाम भारत के उत्तरकाशी जिले में स्थित काफी फेमस और जाना-माना प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। जिसे चार धाम स्थलों में गिना जाता है, इस जगह पर हर साल हजारों श्रद्धालु घूमने और यात्रा करने के लिए आते हैं। हनुमान चट्टी से यमुनोत्री मंदिर तक का ट्रेक लगभग 6 किमी लंबा है, जिसे पूरा करने में 3-4 घंटे का समय लग जाता है।

यमुनोत्री मंदिर कपाट खुलने की तारीख

यमुनोत्री मंदिर ज्यादातर अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर ही खोला जाता है और नवंबर में दीवाली के दिनों में यह कपाट बंद कर दिए जाते हैं। मंदिर के खुलने से पहले खरसाली गांव की पूजा का एक समारोह आयोजित होता है, जिसमें देवी यमुना की पूजा की जाती है। इस पूजा के संपन्न होने के बाद ही इस मंदिर के कपाट खोले जाते हैं। इस साल यमुनोत्री मंदिर के कपाट 22 अप्रैल 2023 को खोले गए हैं।

यमुनोत्री यात्रा का इतिहास

इस यात्रा से जुड़ी कथाओं की मानें तो इस जगह पर पहले कभी असित ऋषि का आश्रम हुआ करता था। यमुना के उद्गम तक असित ऋषि ने नियमित रूप से यहां यमुना के दर्शन किए थे। वृद्धावस्था में जब वे अक्षम हो गए, तो उनके लिए यमुना के स्रोत तक पहुंचना काफी मुश्किल हो गया था। असित ऋषि की अपने प्रति आस्था से प्रभावित होकर यमुना माता ने अपना प्रवाह बदला और उनके आश्रम के पास ही बहना शुरू कर दिया। मां यमुना की कृपा से प्रसन्न होकर ऋषि ने वहां अपना मंदिर बनवाया और देवी यमुना की पूजा करने लगे। तभी से यह स्थान यमुनोत्री के नाम से जाना जाने लगा।

कब जाएं यमुनोत्री धाम

यमुनोत्री मंदिर के कपाट हर साल अप्रैल और मई के महीने के दौरान भक्तों के लिए खोल दिए जाते हैं। भाई दूज के पवित्र त्योहार पर यह कपाट बंद कर दिए जाते हैं, इस समय को चार धाम यात्रा सीजन के रूप जाना जाता है। चार धाम यात्रा के मौसम में आप बद्रीनाथ मंदिर, गंगोत्री मंदिर और केदारनाथ मंदिर भी जा सकते हैं। यात्रा के मौसम के दौरान मौसम और जलवायु बहुत सुहावना होता है तापमान भी 20 डिग्री से कम ही रहता है।



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Kajal Sharma

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