Chausath Yogini Temple: चौसठ योगिनी मंदिर को क्यों कहते हैं तांत्रिक यूनिवर्सिटी, जाने डीटेल्स

Chausath Yogini Temple: यह मंदिर दिखने में संसद जैसा लगता है। इस मंदिर को चमत्कारी माना जाता है।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 11 July 2024 12:15 PM GMT
Chausath Yogini Temple
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Chausath Yogini Temple (Photos - Social Media)

Chausath Yogini Temple: मध्य प्रदेश के मुरैना ज़िले में स्थित चौसठ योगिनी मंदिर एक प्राचीन मंदिर है. यह मंदिर देवी योगिनी की पूजा के लिए समर्पित है और माना जाता है कि इसका निर्माण 9वीं से 12वीं शताब्दी के बीच कलचुरी, चंदेल और प्रतिहार राजवंशों के शासनकाल में हुआ था. यह मंदिर अपने अद्वितीय गोलाकार आकार और खुली हवा वाले डिज़ाइन के लिए जाना जाता है. इस मंदिर में 64 कमरे हैं, जिनमें से प्रत्येक में शिवलिंग की स्थापना की गई है. इस वजह से ही इसका नाम चौसठ योगिनी पड़ा|

64 योगिनी मंदिर का इतिहास

मान्यता है कि चौसठ योगिनी मंदिर का निर्माण 1323 ई. में प्रतिहार वंश के राजपूत राजवंश के राजा देवपाल ने करवाया था. यह मंदिर गोलाकार है और पहाड़ पर 100 फीट की ऊंचाई पर स्थिति है. इस मंदिर की सभी योगिनी तंत्र-मंत्र विद्या और योग से संबंधित मानी जाती है|

Chausath Yogini Temple

चौसठ योगिनी मंदिर को क्यों कहते हैं तांत्रिक यूनिवर्सिटी

माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण कच्छ के राजा देवपाल ने 1323 में करवाया था। यहां लोग पहले तंत्र-मंत्र सीखने आते थे। इसलिए ही इसेतांत्रिक यूनिवर्सिटी के नामस से भी बुलाया जाता है।

64 योगिनी कौन हैं और उनके अर्थ?

64 योगिनी का मतलब होता है एक ऐसा समूह जिसमें 64 सिद्ध योगिनियां शामिल होती हैं। यह योगिनियां तंत्र, योग, और तांत्रिक क्रियाओं के साधना के माध्यम से अद्भुत शक्तियों और सिद्धियों को प्राप्त करने में सक्षम हैं।

Chausath Yogini Temple

योगिनी की शक्तियां क्या हैं?

कहा जाता है कि कल्पित बौनों में अलौकिक गुण होते हैं जिनका उपयोग अच्छे कामों जैसे कि उपचार या बुरे कामों जैसे कि बीमारियाँ पैदा करने के लिए किया जा सकता है। महिला कल्पित बौनों में जादुई गुण पाए जाते थे और वे अपने आकर्षण से युवा पुरुषों को अपने जाल में फंसा सकती थीं। कल्पित बौनों को अक्सर अमर प्राणी माना जाता था।

64 योगिनी का क्या महत्व है?

माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण कच्छ के राजा देवपाल ने 1323 में करवाया था। यहां लोग पहले तंत्र-मंत्र सीखने आते थे। इसलिए ही इसेतांत्रिक यूनिवर्सिटी के नामस से भी बुलाया जाता है।1 day ago

योगिनी की देवी कौन है?

चौसठ योगिनी मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है और 64 योगिनी जिन्हें उनके विभिन्न रूपों के रूप में देखा जाता है, चौसठ योगिनी मंदिर का निर्माण स्थानीय ग्रेनाइट से किया गया है। योगिनियों की मूर्तियों को गोलाकार रूप से व्यवस्थित किया गया है और उन्हें जटिल रूप से उकेरा गया है।

Chausath Yogini Temple

चौसठ योगिनी मंदिर के बारे में कुछ और बातें

यह मंदिर भूकंप के झटकों को झेलने में सक्षम है, इस मंदिर के मुख्य केंद्रीय भाग में स्लैब कवरिंग हैं, जिनमें छिद्र करके वर्षा जल को एक बड़े भूमिगत भंडारण में निकाला जाता है. छत पर पाइप लाइन से भी बारिश का पानी भंडारण तक पहुंचाया जाता है| कई लोगों का मानना है कि यह मंदिर भारतीय संसद भवन के पीछे की प्रेरणा था. दोनों ही गोलाकार शैली के हैं और कुछ लोगों का कहना है कि संसद भवन इसी शैली पर बना है| भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इस मंदिर को प्राचीन ऐतिहासिक स्मारक घोषित किया है|

Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

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मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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