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Chhattisgarh Famous Mandir: बिलासपुर के इस मंदिर के सामने रुक जाती है तेज़ रफ्तार ट्रेनें

Marhi Mata Mandir: छत्तीसगढ़ में भनवारटंक जंगल में माता वनदेवी को पूजा जाता है। इस रास्ते से गुजरने वाली सभी ट्रेनो में सवार यात्रियों की रक्षा माता करती है..

Yachana Jaiswal
Written By Yachana Jaiswal
Published on: 25 April 2024 4:45 PM IST (Updated on: 25 April 2024 4:45 PM IST)
Mata Mandir, marhi Mata mandir
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Mata Mandir in Chhattisgarh (Pic Credit-Social Media)

Temple Near Railway Track: छत्तीसगढ़ के गौरेला पेडा-मरवाही (GPM) जिले में बिलासपुर-कटनी रेल पर खोंगसरा और खोडरी रेलवे स्टेशन के बीच स्थित स्टेशन है भनवारटंक। इसी के पास रेलवे ट्रैक का किनारा है, यहां पर मरही माता का मंदिर है। वैसे तो यह मंदिर साल के 365 दिन श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है। लेकिन नवरात्रि पर यहां विशेष आयोजन होता है। लोग पूरे साल अपनी मन्नतों का नारियल बांधते हैं और पूरा होने पर यहां पूजन के लिए आते हैं। इस जगह पर प्रकृति की सुंदरता बहुत खूबसूरत है जो अकल्पनीय है। वृक्षों के कारण यहां पर सघन वन है। वन्यजीव होने के कारण रात में लोग घरों से नहीं निकलते हैं। माता को वनदेवी के नाम से भी जाना जाता है।

मंदिर का चमत्कार

खास बात यह है कि मां के मंदिर से निकलने के दौरान ट्रेनों के पहिये तक थम जाते हैं। खास बात यह है कि मां के मंदिर से निकलने के दौरान ट्रेनों के 592 पहिये तक थम जाते हैं। ममतामयी माता से मांगे गये फरियाद पूर्ण होती हैं। यहां लोग अपनी मन्नतें पूरी होने के लिए नारियल बांध कर जाते हैं, यही कारण है मंदिर के चारों ओर सिर्फ नारियल ही नारियल बंधा है।



कहां है मंदिर ?

बिलासपुर कटनी रेल खंड में बिलासपुर से करीब 100 किमी दूर घने जंगलों में स्थित भनवारटंक की मरहीमाता का दर्शन करने लोग दूर-दूर से आते हैं। लोगों का मानना है कि माता के दर्शन मात्र से सारे पाप कट जातेे हैं।

लोकेशन: मरही माता मंदिर भनवारटंक रेस्ट हाउस रोड, बिलासपुर, गौरेला, छत्तीसगढ़

समय: सुबह 5 बजे से रात के 9 बजे तक

भनवारटंक पेंड्रा रोड और बिलासपुर के बीच में है, यहां आने के लिए लोकल पैसेंजर गाड़ी या मेमू ट्रैन मिलेगी। कोई सुपरफास्ट और एक्सप्रेस गाड़ी भनवारटंक में नहीं रुकती। इसके अतिरिक्त आप अपनी निजी वाहन से आ सकते हैं।



मंदिर के स्थापना से जुड़ी कहानी

साल 1984 में इंदौर-बिलासपुर नर्मदा एक्सप्रेस रेल हादसे के बाद माता का दर्शन हुआ। स्थानीय लोगों के अनुसार रेल हादसे के बाद स्थान विशेष पर मरही माता ने कुछ लोगों को दर्शन दिया। इसके बाद भक्तों ने दर्शन वाले स्थान पर छोटी से मंदिर का निर्माण किया। ऐसी मान्यता है कि मरही माता के आशीर्वाद से ही बिलासपुर कटनी रेल रूट का जंगली क्षेत्र भनवारंटक में हादसों की कभी पुनरावृत्ति नहीं हुई। माता इस मार्ग से गुजरने वाले सभी यात्रियों की रक्षा करती हैं।



मंदिर को लेकर बड़ी मान्यता

यह मंदिर हमारे छत्तीसगढ़ के लिए बहुत ही अच्छी है क्योंकि इस मंदिर में छत्तीसगढ़ को लेकर पड़ोसी राज्य भी आते है। इस मरही माता रानी के दर्शन के लिए यहां दर्शनाथी एवं पर्यटकों का आवागमन लगा होता है। यहां श्रद्धालु भक्त मन्नत ले कर आते है। सभी भक्तों की माँ रक्षा करती हैं, सभी की फरियाद सुनती है। माँ के भक्त यहां मनोकामना पूर्ति के लिए कागज में अपनी मनोकामना लिखकर उसको नारियल के साथ चुनरी में बांध देते हैं, मनोकामना पूर्ण होने पर बकरे की बलि, ज्योति कलश जलाना, आभूषण चढ़ाने की भी प्रथा देखने को मिलती है।



मंदिर के पास व्यवस्था पस्त

भनवारटंक रेलवे स्टेशन उतरते ही, आपके फोन का नेटवर्क गायब हो जाएगा। मतलब फोन न आएगा, न लगेगा, न ही इंटरनेट चलेगा, खाने पीने का व्यवस्था मंदिर के सामने रेलवे लाइन के दूसरे तरफ है। यहां खाने पीने के लिए समोसे, आलू बड़े, मिल जाएंगे।

यहां पर घूमना अद्भुत हो सकता है, प्राकृतिक जल प्रवाह, चट्टान और बंदरों के साथ हरियाली से भरे सघन वृक्ष सब शानदार है। यहां से दृश्य वास्तव में प्रभावशाली है, अगर सरकार ध्यान दे तो इसे और अधिक विकसित किया जा सकता है। यह अच्छी यात्राओं में से एक है। हिल स्टेशन के रूप में विकसित इस मंदिर में जो भी जाता है, उसे अतिरिक्त हरियाली वाले वृक्षारोपण, रॉक माउंटेन के साथ शांतिपूर्ण वातावरण का अनुभव मिलता है।



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Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

I'm a dedicated content writer with a passion for crafting engaging and informative content. With 3 years of experience in the field, I specialize in creating compelling articles, blog posts, website content, and more. I can write on anything with my research skills. I have a keen eye for detail, a knack for research, and a commitment to delivering high-quality content that resonates with the audience. Author Education - I pursued my Bachelor's Degree in Journalism and Mass communication from Sri Ramswaroop Memorial University Lucknow. Presently I am pursuing master's degree in Master of science; Electronic Media from Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication Bhopal.

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