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Chhattisgarh Famous Temple: छत्तीसगढ़ में यहां पर हनुमान जी के नारी स्वरूप की होती है पूजा
Chhattisgarh Famous Temple: आपने हनुमान जी की कई तरह के मंदिर देखे होंगे, जहां हनुमान जी का अलग अलग स्वरूप भी देख होगा, यहां पर हम आपको हनुमान जी के नारी स्वरूप से जुड़े एक मंदिर के बारे में बताने जा रहे है...
Bilaspur Famous Hanuman Temple: वैसे तो भारत में हनुमान जी के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं। जिनके बारे में कहानियां आपने जाना और सुना होगा। लेकिन आज इस आर्टिकल में हम आपको बजरंग बली के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में आपने शायद ही सुना होगा, यह एक ऐसा मंदिर है, जहां स्त्री रूप में हनुमान जी विराजते है।
हनुमान जी का अनोखा मंदिर
वैसे तो ये हम सभी जानते हैं कि बजरंग बलि बाल ब्रह्मचारी थे, उन्होंने विवाह ओर गृहस्थ जीवन से दूरी बना रखी थी। लेकिन छत्तीसगढ़ में हनुमान जी का एक ऐसा मंदिर है जहां पर हनुमान जी को नारीरूप में पूजा जाता है।
कहा जाता है कि हनुमान जी का यह मंदिर दुनिया भर में इकलौता ऐसा मंदिर है जहां पर हनुमान जी की पूजा एक नारी के रूप में होती है. इस मंदिर में 'देवी' हनुमान की मूर्ति स्थापित है। आपको यह जानकर आश्चर्य जरूर हुआ होगा। इस मंदिर के प्रति लोगों में गहरी आस्था और श्रद्धा है। माना जाता है कि यहां मांगी गई हर मन्नत भक्तों की पूरी होती है।
कैसे पहुंचे इस मंदिर तक(How To Reach Here)
छत्तीसगढ़ के इस अनोखे मंदिर में हनुमान जी की पुरुष नहीं बल्कि एक स्त्री के रूप में पूजा होती है। यदि आप भी इस मंदिर में जाना चाहते है तो छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर से करीब 25 किलोमीटर दूर रतनपुर की तरफ आए, यहां से यह मंदिर तक आप किसी से भी रास्ता पूछकर जा सकते है। इस मंदिर की स्थापना को लेकर एक दिलचस्प पौराणिक कथा है।
मंदिर का नाम: गिरिजाबंध हनुमान जी(Girijabandh Hanuman Ji)
दर्शन का समय
खुलने का समय - 07:00 बजे
समापन समय - 08:00 बजे
मंदिर के पीछे की पौराणिक कथा
भारत में हिंदू मान्यताओं के अनगिनत धार्मिक स्थल हैं। हर स्थल का अपना पौराणिक महत्व हैं और श्रद्धालुओं का भरोसा है, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से करीब 25 किलोमीटर दूर रतनपुर में स्थित है गिरिजाबंध हनुमान जी का प्रसिद्ध मंदिर। यहां हनुमान जी की पूजा स्त्री रूप में की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में स्थापित स्त्री के रूप वाले हनुमान जी की मूर्ति करीब 10 हजार साल पुरानी है,स्थानीय लोगों का मानना है कि इस मंदिर की स्थापना तत्कालीन राजा पृथ्वी देवजू ने की थी। राजा महावीर जी (बजरंग बलि) के बड़े भक्त थे और उन्होंने कई सालों तक रतनपुर में राज किया था। कहा जाता है कि एक बार राजा के सपने में बजरंग बलि आए और उन्हें मंदिर बनाने के लिए कहा। राजा ने फिर मंदिर का निर्माण शुरू करवाया।
मंदिर में दर्शन का होता है प्रभाव
ऐसा भी कहा गया कि जैसे ही मंदिर काम पूरा होने वाले था, तब राजा के सपने में फिर हनुमान जी आए और उन्हें महामाया कुंड से मूर्ति निकाल कर मंदिर में स्थापित करने के लिए कहा था। राजा ने सपने के अनुसार हनुमान जी के आदेश का पालन किया और कुंड से मूर्ति को निकाला गया। लेकिन सभी हनुमान जी की मूर्ति को नारी के रूप में देखकर आश्चर्यचकित रह गए थे। फिर सपने के मुताबिक इस मूर्ति को विधि विधान से मंदिर में स्थापित किया गया। कहा जाता है कि राजा कुष्ट रोग से पीड़ित थे और मंदिर में इस मूर्ति की स्थापना के बाद उनकी बीमारी भी ठीक हो गई।
मंदिर की मान्यता
श्री गिरिजबन्द हनुमान मंदिर पूरे संभाग में प्रचलित है। यहां भक्तो का मेला लगा रहता है।मंगलवार को यंहा विशेष पूजा अर्चना की जाती है।जो भी रतनपुर आता है वो यहां जरूर आता ही है क्योकि इस कलयुग में सिर्फ हनुमान जी ही है जो अपनी नैय्या पार लगा सकता है।