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Chhattisgarh Chandi Mata Mandir: छत्तीसगढ़ के इस मंदिर में भालुओं का झुंड आता है प्रसाद खाने

Chhattisgarh Chandi Mata Mandir: आपने कभी मंदिर में प्रसाद के लिए किसी पशु को आते देखा है? जो सिर्फ प्रसाद खाने आता हो? नहीं न लेकिन अपने भारत में एक ऐसा विचित्र मंदिर भी है...

Yachana Jaiswal
Published on: 28 Aug 2024 11:15 AM IST (Updated on: 28 Aug 2024 11:15 AM IST)
Chhattisgarh Famous Mata Mandir
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Chhattiagarh Famous Mata Mandir (Pic Credit-Social Media)

Chhattisgarh Chandi Mata Mandir Details: छत्तीसगढ़ में एक मंदिर है जिसकी चर्चा राज्य में ही नहीं बल्कि देशभर में होती है। इस मंदिर में आने वाले भक्त निराले है। यहां मानव के साथ पशु भी माता की भक्ति के लिए आते है। महासमुंद जिले के जंगल के बीच स्थित चंडी माता मंदिर एक विचित्र मंदिर है। इस मंदिर में देवी मां की आरती के समय जंगली भालू आ जाते है। भालुओं का आना श्रद्धालु देवी मां का चमत्कार मानते हैं इस मंदिर के बारे ।इ सभी जानकारियां हम आपको यहां बताने वाले है..

नाम: चंडी माता मंदिर (Chandi Mata Mandir)

लोकेशन: घुंचापाली गांव, महासमुंद, छत्तीसगढ़

कैसे पहुंचे यहां

चंडी माता मंदिर रायपुर से लगभग 100 किलोमीटर दूर, छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के बागबहरा के घुचापाली गांव में स्थित है। यह मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है, जो एक विरल जंगल और आस-पास की पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जहाँ सुस्त भालू रहते हैं। महासमुन्द से 40 किमी दक्षिण की ओर विकासखण्ड बागबाहरा में घुंचापाली गांव स्थित है। निकटम हवाई अड्डा रायपुर का हवाई अड्डा है और निकटम रेलवे स्टेशन महासमुंद जिले का स्टेशन है।



माता का अद्वितीय स्वरूप

माता चंडी की अनोखी और लगातार बढ़ती प्रतिमा के लिए मशहूर यह मंदिर हजारों भक्तों और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। जहां पर चंडी देवी की प्राकृतिक महा प्रतिमा विराजमान है। यहां प्रतिवर्ष चैत्र एवं क्वांर मास के नवरात्र में मेला लगता है, एवं बड़ी संख्या में भक्त ज्योत प्रज्वलित करने तथा दर्शन के लिये आते हैं। मंदिर की सबसे उल्लेखनीय विशेषताओं में से एक माता चंडी की मूर्ति है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह निरंतर बढ़ती रहती है। मंदिर की छत को मूर्ति की बढ़ती ऊंचाई के हिसाब से कई बार ऊंचा किया गया है, जो अभी 9 से 10 फीट तक है।



मंदिर में भक्त बन आते है भालू

छत्तीसगढ़ के बागबहरा में चंडी माता मंदिर में आने वाले श्रद्धालु भक्तों में स्लॉथ भालुओं का एक झुंड भी शामिल है। वे भोजन के लिए आते हैं और मानवीय लाड़-प्यार के लिए रुकते हैं। भारत जैसे देश में, जहाँ जनसंख्या विस्फोट और आवास अतिक्रमण ने मानव-वन्यजीव संघर्ष को एक दैनिक घटना बना दिया है, मानव-पशु सद्भाव की यह कहानी सच होने से बहुत अच्छी लग रही थी। एक ऐसा मंदिर जहाँ जंगली सुस्त भालू हर दिन आते हैं, भक्तों द्वारा उन्हें दिया जाने वाला प्रसाद खाते हैं और बिना किसी को नुकसान पहुँचाए परिसर में आज़ादी से घूमते हैं?



ये है कारण भालुओं के आने का

मंदिर में तैनात वन विभाग के स्वयंसेवक, जो अति उत्साही आगंतुकों और भालुओं के बीच अवरोध का काम करते हैं, अपना काम बखूबी करते हैं। सुस्त भालू उनके आदेशों का पालन भी करते हैं, वे जो उन्हें खिलाते हैं, उसे खाते हैं और पेट भर जाने के बाद शांतिपूर्वक जंगल में लौट जाते हैं। स्वयंसेवकों के अनुसार, जंगल में प्राकृतिक भोजन की कमी के कारण भालू मंदिर आते हैं। वे यह भी मानते हैं कि भालू शायद अपने लिए भोजन खोजने में बहुत आलसी हो गए हैं।



Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

I'm a dedicated content writer with a passion for crafting engaging and informative content. With 3 years of experience in the field, I specialize in creating compelling articles, blog posts, website content, and more. I can write on anything with my research skills. I have a keen eye for detail, a knack for research, and a commitment to delivering high-quality content that resonates with the audience. Author Education - I pursued my Bachelor's Degree in Journalism and Mass communication from Sri Ramswaroop Memorial University Lucknow. Presently I am pursuing master's degree in Master of science; Electronic Media from Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication Bhopal.

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