Chitrakoot Chandel Temple: चंदेल इतिहास और वास्तुकला का अद्भुत नमूना है चित्रकूट का यह मंदिर, यहां जानें डिटेल्स

Chitrakoot Chandel Temple: चित्रकूट में चंदेल राजवंश से जुड़ा एक बहुत ही ऐतिहासिक और पौराणिक मंदिर मौजूद है। चलिए आज हम आपको इस मंदिर के बारे मेंबताते हैं।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 23 Aug 2024 2:04 PM GMT
Chitrakoot Chandel Temple
X

Chitrakoot Chandel Temple (Photos - Social Media)

Chitrakoot Chandel Temple: चंदेल राजवंश का इतिहास काफी पुराना रहा है। देश के अलग-अलग लाखों में इस समय बनाई गई महल इमारतें और अन्य चीज आज भी देखने को मिलती है। चित्रकूट जिले के रामनगर ब्लॉक में एक चंदेल कालीन विशाल मंदिर बसा हुआ है। हालांकि देख रहे क्या भाव में अभी मंदिर केवल अवशेषों में सीमित रह गया है। इस मंदिर का निर्माण एक बड़े तालाब के किनारे किया गया था। यह तालाब कमल के फूल और जीव जंतुओं से भरा हुआ है। मंदिर से जब तालाब को देखा जाता है तो यह बहुत खूबसूरत लगता है। चित्रकूट भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के चित्रकूट ज़िले में स्थित एक नगर तथा नगरपंचायत है। यह बुन्देलखण्ड क्षेत्र में स्थित है और बहुत सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और पुरातात्विक महत्व रखता है। यह सतना ज़िले और उत्तर प्रदेश के चित्रकूट ज़िले की सीमा पर स्थित है और सीमा के ठीक पार चित्रकूट धाम स्थित है।

ऐसा है चंदेल राजवंश का मंदिर

मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक जैन प्रतिमा दिखाई देती है और पेड़ के नीचे चबूतरे पर देवी देवताओं की खंडित मूर्तियां रखी हुई है। पूरे मंदिर परिसर में आपको देवी देवताओं की कई सारी खंडित मूर्तियां देखने को मिल जाएगी।

Chitrakoot Chandel Temple

मंदिर के बीचो-बीच बना है मंडप

इस मंदिर के बीचो-बीच एक मंडप आठ स्तंभों की मदद से बना हुआ है। आप अगर मंडप में जाएंगे तो आपको शिवलिंग दिखाई देगा इसके लोग आज भी पूजन करने के लिए पहुंचते हैं। मंडप के बाहर नंदी जी की एक प्रतिमा भी बनी हुई है।

Chitrakoot Chandel Temple

मंडप की जानकारी

मंदिर परिसर में एक बोर्ड लगा हुआ है जिसकी मुताबिक मंदिर के स्तंभ और चित्रकलाएं चंदेल कालीन शिल्प कला के प्रत्यक्ष होने का प्रमाण है।

Chitrakoot Chandel Temple

कब जाएं मंदिर

इस जगह पर जाने की बात करें तो आप यहां किसी भी मौसम में जा सकते हैं। यहां पर जाने का कोई टिकट नहीं लगता। स्थानीय लोगों के मुताबिक शाम के समय मंदिर अद्भुत दिखाई देता है। मंदिर में बैठकर तालाब की तरफ देखते हुए सूरज ढालने का नजारा बहुत ही शानदार होता है।

Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

Next Story