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Daroji Sloth Bear Sanctuary: दारोजी, एशिया का पहला स्लॉथ भालू अभ्यारण्य

Daroji Sloth Bear Sanctuary: दारोजी स्लॉथ भालू अभयारण्य एशिया का पहला स्लॉथ भालू अभयारण्य (Asia's First Sloth Bear Sanctuary) है। जहां भालू के अलावा अन्य तरह के जीव-जंतु भी देखने को मिल जाएंगे।

Sarojini Sriharsha
Published on: 5 Nov 2024 1:21 PM IST
दारोजी: एशिया का पहला स्लॉथ भालू अभ्यारण्य
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Daroji Sloth Bear Sanctuary (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Karnataka Top Tourist Places: भारत के कर्नाटक राज्य के बल्लारी जिले (Ballari) में स्थित दारोजी स्लॉथ भालू अभयारण्य (Daroji Sloth Bear Sanctuary) एशिया का पहला स्लॉथ भालू अभयारण्य (Asia's First Sloth Bear Sanctuary) है। यहां पर्यटकों को भालुओं की हर गतिविधि देखने का मौका मिलेगा। यह स्थान बल्लारी से लगभग 50 किमी और हम्पी (Hampi) से लगभग 15 किमी की दूरी पर स्थित है। स्लॉथ भालू के अलावा यहां तेंदुए, नेवले, सियार, ब्लैक नेप्ड खरगोश, हिरण, कई प्रकार के पक्षी आदि भी जंगल में घूमते दिख जाएंगे। जब हम्पी से दारोजी तक की यात्रा करते हैं तब उत्तरी कर्नाटक के खेतों के बीच अपनी भेड़ों के झुंड के साथ गड़ेरिए देखने को मिल जाएंगे। खेतों के पार करने के बाद जंगल की शुरुआत होती है और वहां भारी तादाद में भालुओं की संख्या होने के कारण उसे भालुओं का अभ्यारण्य का दर्जा दिया गया है।

क्या खाते हैं अभयारण्य के भालू (Bhalu Kya Khata Hai)

भालू शाकाहारी होने के कारण फल, कंद, शहद, कीड़े और दीमक जैसी चीजें खाना पसंद करता है। भालू का पसंदीदा खाना मीठा होता है इसलिए अभयारण्य के भीतर कई जगहों पर गन्ने की खेती की गई है। इसके अतिरिक्त बेर, महुआ और दूसरे मीठे अनाज भी उगाए जाते हैं। यहां जंगल में कई लुप्तप्राय पेड़-पौधों की किस्में भी देखने को मिलेगी। भालू जमीन पर रहने के साथ साथ पेड़ों पर चढ़ने में भी माहिर होते हैं। आम तौर पर भालू रात के दौरान भोजन की तलाश करते हैं और सुबह आराम करते हैं। दिन में एक बार पानी पीते हैं।

कब से कब तक घूमने जा सकते हैं टाइमिंग (Daroji Sloth Bear Sanctuary Timing)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

पर्यटक अभयारण्य के अंदर बनी गुफाओं और घनी झाड़ियों में भालुओं को आराम करते हुए देख सकते हैं। अभयारण्य प्रतिदिन सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है। अभयारण्य में घूमने का समय सभी दिनों में दोपहर 2.00 बजे से शाम 6.00 बजे के बीच रहता है। दोपहर 2 बजे जब अधिकारी इनको भोजन और पानी उपलब्ध कराते हैं, तब इन भालुओं को नज़दीक से भोजन खाते हुए देख सकते हैं। अभयारण्य में एक वॉचटावर है, जहां से पर्यटक शाम के समय आस-पास की पहाड़ियों से उतरते भालुओं को देख सकते हैं। इन पहाड़ियों पर सैकड़ों गुफाएं हैं, जहां भालू शरण लेते हैं। वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी (Wildlife Photography) के शौकीन लोगों के लिए यह टावर हर क्षण कैमरे में कैद करने लायक होता है।

केवल भारत और श्रीलंका में पाए जाते हैं स्लॉथ भालू

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

दुनिया में आठ प्रजाति के भालू पाए जाते हैं। स्लॉथ भालू केवल भारत और श्रीलंका में ही पाए जाते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम मेलुरसस उर्सिनस है। इन भालुओं के बाल लंबे, काले और बिखरे हुए होते हैं। इनके छाती पर वी-आकार का शेवरॉन होता है। इनके आगे के पैर पिछले पैरों से लंबे होते और बाल रहित होते हैं। सुस्त यानी स्लॉथ भालू के कान और आंखें छोटी होती हैं। इस कारण उनकी सुनने और देखने की शक्ति कमज़ोर होती है। लेकिन उनमें सूंघने की शक्ति तीव्र होती है। इनका थूथन बेहद लचीला छोटे बालों वाला भूरे रंग का होता है और नाक तक होता है। इनके होंठ बेहद ढीले होते हैं। ये सभी शरीर के भाग दीमक और चींटियों को चूसने में मदद करते हैं।

अमूमन वयस्क भालू लगभग छह फीट लंबा होते हैं और कंधे पर तीन फीट खड़े होते हैं। नर भालू का वजन लगभग 140 किलो और मादा का लगभग 75 किलो का होता है। मादा भालू लगभग दो से तीन शावक भालू को जन्म देती है और नवजात शावक छोटे, बाल रहित तथा तीन सप्ताह तक अंधे रहते हैं। मादा भालू दो से तीन साल तक शावकों का पालन-पोषण करती है। ज्यादातर भालुओं का जीवनकाल 40 से 50 साल तक का होता है। ये रात में घूमने वाले जानवर होते हैं।

कैसे पहुंचें (How To Reach At Daroji Sloth Bear Sanctuary)?

- हवाई मार्ग से यहां पहुंचने के लिए निकटतम एयरपोर्ट हुबली एयरपोर्ट है, जहां से दारोजी 150 किलोमीटर दूर है। यहां से टैक्सी के माध्यम से अभ्यारण्य तक पहुंच सकते हैं।

- उड़ान योजना के तहत दारोजी से 38 किलोमीटर दूर जिंदल विजयनगर हवाई अड्डे से बैंगलोर और हैदराबाद के लिए प्रतिदिन उड़ानें हैं।

- रेल मार्ग से दारोजी बियर सेंक्चुअरी पहुंचने का नज़दीकी रेलवे स्टेशन होसपेट है। हुबली और गुंटकल जंक्शनों से होसपेट और तोरणगल के लिए दैनिक ट्रेनें चलती हैं। यहां से अभयारण्य 22 किमी दूर है। टैक्सी के माध्यम से यहां पहुंचा जा सकता है।

- सड़क मार्ग से बल्लारी जिला राज्य राजमार्ग और राष्ट्रीय राजमार्ग के माध्यम से बस द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। दारोजी पहुंचने के लिए बेंगलुरु-चित्रदुर्गा सड़क मार्ग द्वारा करीब 200 किमी की यात्रा करनी पड़ेगी। बल्लारी से दारोजी 65 किमी और होसपेट से दारोजी 20 किमी दूर है। यहां आने के लिए कर्नाटक के सभी प्रमुख शहरों से बसें उपलब्ध हैं।

घूमने का सबसे अच्छा समय (Best Time To Visit Daroji Sloth Bear Sanctuary)

दारोजी घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी तक का है।

(लेखिका वरिष्ठ पत्रकार हैं।)



Shreya

Shreya

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