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Dudhwa National Park: दुधवा नेशनल पार्क घूमने के लिए बेस्ट जगह, इस मौसम में जाने का बनाइए प्लान

Dudhwa National Park: भारत-नेपाल सीमा पर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीरी जिले में स्थित दुधवा राष्ट्रीय उद्यान 490.3 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है।

Vidushi Mishra
Published on: 27 Jan 2023 4:26 PM IST
Dudhwa National Park in Lakhimpur Kheri
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Dudhwa National Park in Lakhimpur Kheri 

Dudhwa National Park: भारत-नेपाल सीमा पर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीरी जिले में स्थित दुधवा राष्ट्रीय उद्यान 490.3 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है। जिसमें से 190 वर्ग किमी एक बफर जोन है। अगर आप नेचर लवर और वाइल्ड लाइफ लवर हैं तो ये वाकई में आपके लिए बेस्ट जगह है। यहां बाघ, हिस्पिड खरगोश, दलदली हिरण, बंगाल फ्लोरिकन और तेंदुआ आदि दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों का बसेरा है।

दुधवा टाइगर रिजर्व बेहतरीन बाघ अभयारण्यों में से एक है, जहां घास के आर्द्रभूमि में बारासिंघा के मंत्रमुग्ध झुंड भी देखे जा सकते हैं। यह स्थान न सिर्फ जानवरों का घर है बल्कि 400 के करीब पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां भी आपको मंत्रमुग्ध कर देंगी। बुलबुल, किंगफिशर और कठफोड़वा से लेकर उल्लू, बार्बेट, ओरिओल और मधुमक्खी खाने वालों तक, यह जगह कई विदेशी और प्रवासी पक्षियों का घर है।

संरक्षणवादी बिली अर्जुन सिंह ने दुधवा को राष्ट्रीय उद्यान के रूप में स्थापित करने में जबरदस्त भूमिका निभाई। 1977 में, जंगल और इसके निवासियों के संरक्षण में उनके अथक प्रयासों के कारण, इस क्षेत्र को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। और 1987 में दुधवा राष्ट्रीय उद्यान, किशनपुर वन्यजीव अभयारण्य और कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य के साथ मिलकर दुधवा टाइगर रिजर्व बन गया।

तब से, दुधवा वनस्पतियों और जीवों की कई प्रजातियों के लिए एक सुरक्षित घर रहा है। हालाँकि, उससे कई साल पहले, 1958 में, दुधवा को पहली बार बारहसिंगा या दलदली हिरण के लिए एक वन्यजीव अभयारण्य के रूप में स्थापित किया गया था।

घूमने के लिए सबसे अच्छा समय

सर्दियों में दुधवा राष्ट्रीय उद्यान घूमने के लिए बिल्कुल सही समय रहता है। आइए आपको दुधवा घूमने के समय के बारे में जानकारी देते हैं।

दुधवा नेशनल पार्क घूमने का सबसे अच्छा समय नवंबर से अप्रैल है।

पार्क एक साल में निश्चित संख्या में महीनों के लिए खुला रहता है यानी 15 नवंबर से 15 जून तक और राष्ट्रीय उद्यान के लिए सफारी का समय सुबह 7:00 बजे से 10:00 बजे और दोपहर 3:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक है।

दुधवा चरम प्रकार की जलवायु के साथ विशिष्ट उत्तर भारतीय मौसम पैटर्न का अनुसरण करता है। मार्च से जून तक गर्मियाँ की वजह से उमस होती हैं और तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है।

(Image Credit- Social Media)

सर्दियों के दौरान (मध्य अक्टूबर-मध्य मार्च), मौसम ठंडा और सुखद होता है, जो 20-30 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। सर्दी के मौसम में ऊनी कपड़े जरूर साथ रखें। जबकि मानसून के महीने ऑफ-लिमिट होते हैं क्योंकि साल के इस समय के दौरान पार्क बंद रहता है।

बड़े जानवरों का संरक्षण

दुधवा के बिग फाइव - बंगाल टाइगर, एशियाई हाथी, बारासिंघा या दलदली हिरण, घड़ियाल और एक सींग वाला गैंडा, भारतीय वन्य जीवन के स्टार के तौर पर जाने जाते हैं। हालांकि वे सभी लुप्तप्राय प्रजातियों की लिस्ट में हैं, लेकिन उन्हें दुधवा में एक घर मिल गया है।

दुधवा नेशनल पार्क की सफलता की कहानी

दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में सबसे बड़ी कामयाबी गैंडों के संरक्षण में मिली। एक समय था जब उत्तर प्रदेश से गैंडों की आबादी अवैध शिकार की वजह से पूरी तरह से सफाया हो गया था। फिर 1984 में राइनो रिहैबिलिटेशन प्रोजेक्ट के तहत असम से पांच गैंडों को दुधवा लाया गया।

उसके बाद काफी सावधानी से परेशानी का सामना करते हुए दुधवा अब जंगल में 42 से अधिक गैंडों का घर है।



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Vidushi Mishra

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